Poveglia Island: दुनिया के सबसे भूतहा जगहों में तीसरी नंबर पर होती है इस द्वीप की गिनती, इतिहास भी बेहद डरावना, जानकर आप भी हो जाएगें भयभीत!
पोवेग्लिया नाम का ये द्वीप (Poveglia Island) आईलैंड ऑफ डेथ के नाम से भी जाता जाता है और आज भले ही लोग यहां जाने से डरते हैं लेकिन कभी ये जगह लोगों के घूमने फिरने के लिए पसंदीदा टूरिस्ट स्पॉट था।
नई दिल्ली: विज्ञान चाहे कितना भी आगे बढ़ गया हो लेकिन प्रकृति के सामने ये हमेशा मात खा ही जाता है और साथ ही दुनिया की कई ऐसी रहस्यमयी कहानियां हैं जिनसे आज भी पर्दा नहीं उठ सका है। इटली के एक आईलैंड में भी ऐसे ही कई राज छिपे हुए हैं ।कहते हैं दुनिया में यूं तो अनेकों खूबसूरत आईलैंड (Poveglia Island) यानी द्वीप मौजूद हैं जहां साल के 12 महीने पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है।
लोग दूर-दूर से इन आईलैंड को देखने के आते हैं लेकिन एक ऐसा आईलैंड भी धरती पर मौजूद है जहां आप चाहकर भी नहीं जा सकते हैं। बता दें इस देश की सरकार खुद ये मानती है कि यह आईलैंड बेहद ख़तरनाक है और यहां असाधारण गतिविधियां महसूस की जाती हैं।
इटली का ये आईलैंड है रहस्यमयी
पोवेग्लिया नाम का ये द्वीप (Poveglia Island) आईलैंड ऑफ डेथ के नाम से भी जाता जाता है और आज भले ही लोग यहां जाने से डरते हैं लेकिन कभी ये जगह लोगों के घूमने फिरने के लिए पसंदीदा टूरिस्ट स्पॉट था। बता दें इटली के वेनिस और लीडो शहर के बीच में वेनेटियन खाड़ी में मौजूद ये आइलैंड बेहद खूबसूरत है जिसे एक छोटी सी नहर दो भागों में विभाजित करती है। लेकिन अब आपको बताते हैं कि यहां ऐसा क्या हुआ जो लाखों की संख्या में लोगों की जान चली गई।
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16वीं शताब्दी में इटली (Poveglia Island) में प्लेग नामक बीमारी बड़ी तेजी से फैल रही थी जिसके कारण इटली में बहुत से लोग इस बीमारी की चपेट में आकर मर रहे थे। ये बीमारी कोरोना की तरह तेजी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को फैल रही थी और तब सरकार ने इन मरीजों को पोवेग्लिया आईलैंड में शिफ्ट करने का फैसला लिया।
जिसके बाद ये जगह क्वारंटीन स्टेशन के रूप में इस्तेमाल की जाने लगी थी और जिन लोगों की मौत होती थी उन्हें यहीं दफना दिया जाता था।
इस मामले पर इतिहासकार भी ये बताते हैं कि इस आईलैंड पर लगभग एक साथ 1 लाख 60 हजार लोगों को जिंदा जला दिया गया था ताकि यहां बढ़ रही बीमार लोगों की भीड़ को कम किया जा सके। फिर भी ये सब यहीं नहीं रुका और आगे जो हुआ वो और भी ज्यादा हैरान करने वाला था।
बताया जाता है कि प्लेग के विनाशकारी तांडव के कुछ समय बाद काला बुखार नामक बीमारी ने एक बार फिर इस देश में दस्तक दी और फिर एक बार इटली को लाइलाज बीमारी से जूझना पड़ा। प्लेग की तरह ही इटली में काला बुखार का भी कोई इलाज नहीं था। अनेक लोगों की इस बीमारी से जान चली गई जिसके चलते बीमारी से मरने वाले लोगों की डेड बॉडी को पोवेग्लिया आईलैंड में लाकर लावारिस छोड़ दिया जाता था और ये जगह दुर्गंध और भयावह दृश्यों से भर चुकी थी।
द्वीप पर होती हैं भयावह घटनाएं
कहते हैं इस सबके बाद 922 में एक मेंटल हॉस्पिटल बनाया गया और इसी अस्पताल के डॉक्टर्स और मरीजों ने दावा किया कि यहां अप्राकृतिक घटनाएं होती हैं। डॉक्टर्स ने बताया कि रात को यहां डरावनी आवाजों का आना एक आम बात बन गई थी। और तो और यहां भटक रही आत्माएं बीमार मरीजों को अपनी चपेट में ले लेती थीं।
डॉक्टर्स के लिए उस समय यह समझना मुश्किल हो गया था कि कोई व्यक्ति दिमागी रूप से बीमार है या उस पर किसी प्रेत आत्मा का साया आ गया है। इसी बीच कई डॉक्टर्स और मरीजों की रहस्यमयी तरीके से मौत भी होने लगीं। जिसके बाद से उस हॉस्पिटल को बंद कर दिया गया।
धरती पर नरक जैसी बन गई इस जगह के रहस्य को जो भी लोग यहां पता लगाने गए कभी वापस नहीं लौटें। जो लौटकर आए उन्होंने चौंका देने वाले खुलासे किए। बता दें 18 एकड़ के इस आईलैंड को भूतहा जगहों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर रखा गया है और यहां पर लोगों के जाने पर पाबंदी है।