President visited Bhilai: भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार, 26 अक्टूबर को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) भिलाई के दीक्षांत समारोह में भाग लिया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि, आईआईटीयनों ने अपनी अग्रणी सोच, प्रयोगात्मक मानसिकता, नवोन्मेषी दृष्टिकोण और दूरदर्शी दृष्टि से देश और दुनिया की प्रगति में अमूल्य योगदान दिया है। कई वैश्विक कंपनियों का नेतृत्व करके, वे अपने तकनीकी और विश्लेषणात्मक कौशल से 21वीं सदी की दुनिया को कई तरह से आकार दे रहे हैं। आईआईटी के कई पूर्व छात्रों ने उद्यमिता का रास्ता चुना है और नई नौकरियाँ पैदा की हैं। उन्होंने भारत के डिजिटल परिवर्तन और स्टार्ट-अप संस्कृति को बढ़ावा दिया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि उद्योग के क्षेत्र में एक कहावत है, “जोखिम नहीं तो लाभ नहीं।” दूसरे शब्दों में, जोखिम से बचकर स्वरोजगार में सफलता नहीं मिल सकती। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि स्नातक करने वाले छात्र अपनी जोखिम उठाने की क्षमता के साथ आगे बढ़ते रहेंगे, नई तकनीक विकसित करेंगे और दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने की दिशा में काम करेंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि, छत्तीसगढ़ आदिवासी संस्कृति और परंपराओं से समृद्ध है। आदिवासी समाज के लोग प्रकृति को करीब से समझते हैं और प्राकृतिक प्रेमी होते है और इनकी प्राकृतिक जीवनशैली रहती हैं। उनके जीवनशैली से हम सीख लेकर भारत के विकास में अहम योगदान दे सकते हैं। लेकिन देश का समावेशी विकास हमारे आदिवासी भाई-बहनों की सक्रिय भागीदारी से ही संभव है। उन्होंने आदिवासी समाज की प्रगति के लिए तकनीकी क्षेत्र में विशेष प्रयास करने के लिए आईआईटी भिलाई की सराहना की।
राष्ट्रपति को यह जानकर खुशी हुई कि आईआईटी भिलाई कृषि-तकनीक, स्वास्थ्य-तकनीक और वित्तीय-तकनीक पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। इस संस्थान ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में एम्स रायपुर के साथ मिलकर मोबाइल ऐप बनाए हैं, जो ग्रामीणों को घर बैठे चिकित्सा सहायता प्राप्त करने में मदद करते हैं। संस्थान ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के साथ मिलकर किसानों के लिए तकनीकी समाधान तैयार किए हैं, जो उन्हें अपने संसाधनों का सही तरीके से मार्गदर्शन और उपयोग करने में मदद करते हैं। साथ उन्होंने कहा कि, आईआईटी भिलाई महुआ में लघु वन उत्पादों पर काम कर रहे आदिवासी समुदायों के लोगों के विकास में सहयोग दे रहा है।
राष्ट्रपति को यह जानकर खुशी हुई कि आईआईटी भिलाई एक समावेशी दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ रहा है और वंचित तथा पिछड़े वर्गों के युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहा है। संस्थान ने छात्राओं की संख्या और भागीदारी बढ़ाने के लिए भी कदम उठाए हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि नए सपनों, नई सोच और नवीनतम तकनीकों के साथ आईआईटी भिलाई देश का नाम रोशन करेगा।