Murmu visit Ladakh: भारत की राष्ट्रपति (President of India) द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने गुरुवार को सियाचिन बेस कैंप (Siachen Base Camp) का दौरा किया और सियाचिन युद्ध स्मारक (Siachen War Memorial) पर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की, जो 13 अप्रैल, 1984 को सियाचिन ग्लेशियर (Siachen Glacier) पर भारतीय सेना (Indian Army) द्वारा ऑपरेशन मेघदूत (Operation Meghdoot) शुरू करने के बाद से शहीद हुए सैनिकों और अधिकारियों (Martyred Soldiers and Officers) के बलिदान का प्रतीक है। उन्होंने वहां तैनात सैनिकों को भी संबोधित किया।
सैनिकों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि, सशस्त्र बलों (Armed Forces) की सर्वोच्च कमांडर (Supreme Commander) होने के नाते उन्हें उन पर गर्व (Proud) है तथा सभी नागरिक उनकी बहादुरी (Bravery) को सलाम (Salute) करते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि, अप्रैल 1984 में ऑपरेशन मेघदूत के प्रारंभ होने के बाद से भारतीय सशस्त्र बलों के बहादुर सैनिकों और अधिकारियों ने इस क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित की है।
राष्ट्रपति ने कहा, “वे मौसम की कठिन स्थिति का सामना करते हैं। वे भारी बर्फबारी (Heavy Snowfall) और माइनस 50 डिग्री टेंपरेचर जैसी मुश्किल हालात (Difficult Situation) में भी पूरी लॉयल्टी (Loyalty) और विजिलेंस (Vigilance) के साथ अपने मोर्चे पर तैनात रहते हैं। उन्होंने मातृभूमि की रक्षा में त्याग (Sacrifice) और सहनशीलता (Tolerance) का असाधारण उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने जवानों से कहा कि, सभी भारतीय उनके बलिदान और बहादुरी से वाकिफ हैं और हम उनका सम्मान (Respect) करते हैं।”
राष्ट्रपति के साथ भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी (Senior Officials) भी थे। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने सियाचिन बेस कैंप का दौरा किया और वहां तैनात सैनिकों और अधिकारियों से बातचीत की।