Rahul Gandhi On EVM: लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद राहुल गांधी ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को “ब्लैक बॉक्स” कहा और उन पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने एक अख़बार की कटिंग पेश की जिसमें कथित तौर पर दिखाया गया था कि शिवसेना सांसद के परिवार के लिए EVM से छेड़छाड़ करना कितना आसान हो सकता है।
लोकसभा चुनाव (Loksabha election) के नतीजे आने के 11 दिन बाद एक बार फिर EVM को लेकर खबर सामने आई हैं। 2024 के नतीजे आने के बाद कांग्रेस (Congress) के किसी सांसद ने EVM को लेकर पहली बार टिप्पणी की है। राहुल ने इसे ब्लैक बॉक्स बताया और कहा कि भारत जैसे देश में किसी को भी इसकी जांच करने की अनुमति नहीं है। राहुल ने इसके अलावा एक न्यूजपेपर (Newspaper) की कटिंग भी शेयर की है जिसमें लिखा है कि मुंबई (Mumbai) उत्तरपश्चिम लोकसभा सीट जीतने वाले शिवसेना सांसद (शिंदे गुट) रवींद्र वायकर के रिश्तेदार के पास ऐसा फोन है जिससे EVM को आसानी से खोला जा सकता है। राहुल (Rahul) से पहले मशहूर शख्सियत और टेस्ला के मालिक एलन मस्क (elon musk) भी EVM को बदलने की बात दोहरा चुके हैं।
लोकसभा चुनाव के बाद फिर EVM पर खड़े हुए सवाल
अपने हालिया X पोस्ट में राहुल गांधी ने कहा कि भारत में EVM एक “ब्लैक बॉक्स” है जिसे किसी को भी जांचने की अनुमति नहीं है। हमारी चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता के बारे में चिंताएँ काफी वास्तविक हैं। लोकतंत्र धोखाधड़ी के प्रति संवेदनशील है और जब संस्थाओं को जवाबदेह नहीं ठहराया जाता है तो यह एक दिखावा बन जाता है।
राहुल ने क्यों साधा निशाना ?
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने एक अख़बार की कटिंग भी शेयर करते हुए लिखा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव (Loksabha election) में मात्र 48 वोटों से मुंबई उत्तर पश्चिम सीट जीतने वाले शिवसेना (शिंदे गुट) के सांसद रवींद्र वायकर के रिश्तेदार के फोन में EVM मशीन खोलने की ट्रिक है। उनके रिश्तेदार मंगेश पांडिलकर पर आरोप है कि उन्होंने अपने मोबाइल फोन से (Mobile phone) OTP जनरेट कर EVM मशीन को अनलॉक करने की कोशिश की थी। वनराय पुलिस ने उन्हें CRPC सी की ACT 41A के तहत नोटिस भी दिया है।
EVM को लेकर एलन मस्क भी कर चुके है जिक्र
टेस्ला के मालिक और दुनिया के सबसे अमीर आदमी एलन मस्क (Elon musk) ने पहले भी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा था कि हमें कम्प्यूटरीकृत वोटिंग मशीनों (computerized voting machines) से दूर रहना चाहिए। हालाँकि AI या इंसानों द्वारा हैक किए जाने की संभावना कम लगती है, फिर भी यह बहुत ज़्यादा है।