भारत जोड़ो यात्रा से लौटे राहुल गाँधी (Rahul Gandhi) बड़े अरमान से संसद सत्र में गए थे। सोंचा था कि अडानी समूह की करतूत को देश के सामने रखेंगे और कैसे मोदी के काल में अडानी समूह का विस्तार हुआ है इसका पोल खोलेंगे। हुआ भी वही। राहुल गांधी ने संसद में अडानी समूह के किले पर हमला किया और फिर पीएम मोदी के साथ उनके सरोकार का बखान भी किया। अंत में सवाल किया कि पीएम मोदी बताये कि अडानी से उनके क्या सम्बन्ध है ? इससे जुड़े कई सवाल राहुल ने रखे। सात सवाल अलग से पूछे गए। इन सवालों को सुनकर सदन में बीजेपी हक्का -बक्का रह गई थी।
फिर रणनीति बनी ,कूटनीति का सहारा लिया गया और पूरी तैयारी के साथ पीएम मोदी सदन में पहुंचे। दोनों सदनों में लगभग डेढ़ -डेढ़ घंटे का भाषण पीएम ने दिया। लेकिन राहुल (Rahul Gandhi) का सवाल जस का तस था। मोदी ने उस पर कुछ भी नहीं कहा। राहुल के सवालों के साथ ही विपक्ष की जीपीसी की मांग को भी मोदी ने इग्नोर कर दिया। लेकिन जाते -जाते पीएम मोदी राहुल को कटघरे में खड़ा कर गए। उन्होंने कहा कि जो लोग सवाल पूछते हैं वे अपने नाम के साथ गांधी क्यों लगाते हैं ,नेहरू क्यों नहीं लगाते ?
13 फरवरी को संसद का पहला चरण ख़त्म हो गया। अब दूसरे चरण की शुरुआत मार्च से होगी। उधर बीजेपी के नेता निशिकांत दुबे ने राहुल (Rahul Gandhi) के खिलाफ प्रिविलेज मोशन लेकर राहुल को दण्डित कराने की पहल की है। दुबे का कहना है कि राहुल ने अडानी के साथ मोदी का नाम लिया है। यह सब बदनाम करने का कुचक्र है। अडानी और मोदी के संबंधों को लेकर उनके पास कोई प्रमाणिक जानकारी नहीं है। राहुल उलूल जलूल बोलते रहते हैं। ऐसे में या तो उन्हें माफ़ी मांगनी चाहिए या फिर उनकी सदस्यता ख़त्म हो जाएगी।
इधर अडानी मसले पर सुप्रीम कोर्ट की अगुवाई में एक जांच कमिटी बनाने को केंद्र सरकार तैयार हो गई है। जांच कमिटी में कौन से लोग होंगे इसकी गुप्त जानकारी केंद्र सरकार बंद लिफ़ाफ़े में अदालत को देगी। लेकिन उधर गांधी बनाम नेहरू पर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) कुछ ज्यादा ही परेशान है। दो दिन पहले वे अपने संसदीय क्षेत्र केरल के वायनाड गए। सोमवार को उन्होंने एक सभा को सम्बोधित भी किया और फिर प्रेस के सामने अपनी बाते रखी। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने उनका अपमान किया है। राहुल ने कहा कि पीएम मोदी ने कहा था कि मेरे नाम में गांधी क्यों है ,नेहरू क्यों नहीं ?यह मेरा अपमान है। राहुल ने कहा कि भारत में लोग पिता का सरनेम लगाते हैं ,शायद मोदी यह नहीं जानते। राहुल ने कहा कि मोदी खुद को बड़े ताकतवर मानते हैं। उन्हें लगता है कि सब उनसे डर जायेंगे। लेकिन उन्हें पता नहीं वे आखिरी शख्स होंगे जिनसे मुझे डर होगा।
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मैंने संसद में जो भी सच कहा था इसलिए मेरे मन में कोई डर नहीं था। मेरे अपमान से कुछ नहीं होगा ,सच तो बहार आएगा ही। राहुल (Rahul Gandhi) यही नहीं रुके। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने अपने मुँह से एक बार भी अडानी का नाम नहीं लिया। इसका मतलब है कि सरकार इस दलदल में बुरी तरह से फंसी हुई है। जांच से सरकार क्यों भाग रही है ? उन्होंने कहा कि मेरे भाषण के एक हिस्से को संसद की कार्यवाही से हटा दिया गया लेकिन पीएम के शब्द नहीं हटाए गए। मैंने उनका कोई अपमान नहीं किया है। मैंने जो कहा है उसके संबंध में मुझे साबुत दिखाने के लिए कहा गया था और मैंने लोकसभा अध्यक्ष को एक पत्र लिखा है जिसमे उन्होंने साबुत के साथ हर बिंदु को हटा दिया है।
राहुल (Rahul Gandhi) ने कहा कि मैंने केवल यह बताया कि अडानी किस तरह से पीएम के साथ विदेशो का दौरा करते हैं। और इसके तुरंत बाद विदेशो में उन्हें ठेके मिल जाते हैं। मैंने यह भी बताया कि किस तरह से नियमो को बदला गया ताकि अडानी को एयरपोर्ट मिल सके। अडानी और मोदी का नाम एक साथ लेने पर प्रधानमंत्री का अपमान मान लिया गया है। लेकिन आप पीएम अडानी की तस्वीरें इंटरनेट पैट देख सकते हैं। मैंने जो भी कहा है ,सब इंटरनेट पर मौजूद है। गूगल से सब जानकारी आपको मिल सकती है।