Rahul Gandhi Speech In Parliament: संविधान, मनुस्मृति और सावरकर… राहुल के इन तीनों शब्द ने उड़ाई भाजपा के सांसदों की नींद
राहुल गांधी ने संविधान दिवस पर लोकसभा में अपने भाषण में मनुस्मृति और वीर सावरकर पर हमला बोला। राहुल ने सदन में संविधान और मनुस्मृति की प्रतियों का इस्तेमाल कर प्रशासन की निंदा की।
Rahul Gandhi Speech In Parliament: संविधान दिवस पर राहुल गांधी ने लोकसभा में सावरकर और मनुस्मृति पर सवाल उठाए। उन्होंने भाजपा से पूछा कि क्या वह सावरकर की मनुस्मृति को देश का नेतृत्व करने की योजना का समर्थन करती है ? हाथरस मामले में योगी सरकार पर जमकर हमला बोला, पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग की।
राहुल गांधी ने संविधान दिवस पर लोकसभा में अपने भाषण में मनुस्मृति और वीर सावरकर पर हमला बोला। राहुल ने सदन में संविधान और मनुस्मृति की प्रतियों का इस्तेमाल कर प्रशासन की निंदा की। उन्होंने सीधे तौर पर भाजपा पर सवाल उठाते हुए कहा कि आपके नेता ने संविधान के बजाय मनुस्मृति के इस्तेमाल से देश चलाने का समर्थन किया था। क्या आप अपने नेता की बात से सहमत हैं? राहुल ने इसके अलावा द्रोणाचार्य और एकलव्य की भी कहानी सुनाई और केंद्र सरकार पर हमला बोला। राहुल ने यूपी के हाथरस की अपनी यात्रा के बहाने योगी सरकार पर भी हमला बोला .
सावरकर, मनुस्मृति और संविधाऩ
राहुल गांधी ने सदन में संविधान और मनुस्मृति की प्रतियां दिखाकर सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मैं अपने भाषण की शुरुआत न सिर्फ बीजेपी बल्कि RSS के आधुनिक विचारों की व्याख्या करने वाले उनके सबसे बड़े नेता ने भारत के संविधान को लेकर क्या कहा था और भारत को कैसे चलना चाहिए,उसके बारे में वह क्या सोचते हैं,उनके कोट से करूंगा। उन्होंने कहा था कि संविधान के बारे में सबसे खराब बात ये है कि इसमें कुछ भी भारतीय नहीं है.
राहुल के अनुसार, वेदों और पुराणों के बाद मनुस्मृति सबसे अधिक पूजनीय पवित्र ग्रंथ है। प्राचीन काल से ही यह हमारी संस्कृति, मान्यताओं और रीति-रिवाजों की नींव रहा है। ये किताब सदियों से हमारे देश की अध्यात्मिक और दैवीय यात्रा को परिलक्षित करती रही है। ये शब्द हैं सावरकर के। सावरकर अपनी लेखनी में साफ-साफ कह रहे हैं कि हमारे संविधान में कुछ भी भारतीय नहीं है। वह कह रहे हैं कि भारत को संविधान नहीं, बल्कि मनुस्मृति से चलना चाहिए। आप संविधान की बात कर रहे हैं तो बताइए क्या आप अपने नेता की बात से सहमत हैं?
आंबेडकर, गांधी और नेहरू पर क्या कहा?
राहुल के अनुसार, जब हम संविधान खोलते हैं तो हमें जवाहरलाल नेहरू, महात्मा गांधी और अंबेडकर की आवाजें और विचार सुनाई देते हैं। ये सारे विचार आए कहां से? वो सारे विचार इस देश की पुरानी परंपरा से आए। वो आइडिया शिव से लेकर गुरुनानक, बसवनाथ,बुद्ध, महावीर, कबीर…एक लंबी लिस्ट है,उनसे आया है। जब हम संविधान पर बोलते हैं और संविधान दिखाते हैं तो ये सच है कि ये आधुनिक भारत का दस्तावेज है, मगर यह प्राचीन भारत और उसके विचारों के बिना कभी नहीं लिखा जा सकता था।
द्रोणाचार्य-एकलव्य की कहानी सुनाई
राहुल गांधी ने एकलव्य और गुरु द्रोणाचार्य की कहानी सुनाते हुए कहा कि जंगल दिल्ली के पास से शुरू होता था। एम्स के ठीक बगल में एक जंगल हुआ करता था, जहाँ रेलवे संग्रहालय स्थित है। हज़ारों साल पहले उस जंगल में लगभग छह या सात साल का एक लड़का रहता था। तब सत्ताधारी दल जोर से हँसने लगा। राहुल ने जवाब दिया, “हाँ, आप सही कह रहे हैं; वह एक बच्चा है।” हर सुबह वह बच्चा धनुष उठाता और तीर चलाता। सालों तक वे घंटों तपस्या करते रहे। जब स्थानीय लोगों को इस बारे में पता चला तो सरकार ने उन्हें रोक दिया। राहुल ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, “आप लोग यह नहीं समझते, धनुष चलाना भी तपस्या का ही एक रूप है।”
राहुल ने आगे कहा कि वह लड़का यानी एकलव्य ने तपस्या कर गुरु द्रोणाचार्य से मिला और कहा कि मैंने तपस्या के बाद इस धनुष में अपनी शक्ति डाली है। द्रोणाचार्य ने कहा कि आप ऊंची जाति के नहीं हो, मैं तुम्हारा गुरु नहीं बनूंगा, आप यहां से चला जाओ। एकलव्य ने फिर तपस्या शुरू की। कई दिनों बाद जब द्रोणाचार्य और पांडव उस स्थान पर आए तो एक कुत्ता बाणों के जाल में फँस गया था। कुत्ते के मुँह में एक बाण होने के बावजूद उसे कोई नुकसान नहीं पहुँचा। एकलव्य ने कुत्ते को अहिंसा के साथ कुत्ते को शांत किया। द्रोणाचार्य ने पूछा कि तुमने ये कैसे सीखा। एकलव्य ने कहा, “मैंने बहुत तपस्या की, और आपने मेरा गुरु बनने से इनकार कर दिया।” द्रोणाचार्य ने एकलव्य से उसका अंगूठा मांग लिया, क्योंकि यह कहने के बाद भी उसका हृदय पिघला नहीं था।
हाथरस की यात्रा के बहाने योगी सरकार को घेरा
राहुल गांधी ने अपने भाषण में हाथरस की अपनी हालिया यात्रा का जिक्र किया। राहुल ने सीएम योगी पर तंज कसते हुए कहा, “मैं कुछ दिन पहले हाथरस गया था।”4 साल पहले एक लड़की के साथ गैंगरेप हुआ था। 4 लोग मिलकर उसका गैंगरेप करते हैं। जिन्होंने गैंगरेप किया वो घूम रहे हैं और लड़की का परिवार घर में बंद हैं और वह कहीं नहीं जा सकते। परिवर ने मुझे बताया कि उनका अंतिम संस्कार नहीं करने दिया। सीएम योगी ने इसर खुलकर झूठ बोला है। यह कहीं नहीं लिखा है संविधान में रेप करने वाले खुले घूम सकते हैं। यह आपकी मनुस्मृति में लिखा होगा। यूपी की सरकार ने परिवारवालों को रिलोकेशन का वादा किया था, लेकिन 4 साल बाद भी वादा पूरा नहीं हुआ। आरोपी उन्हें धमकाते थे। मैं संसद में बाबा साहेब के संविधान को मानने वाले लोगो से कहना चाहता हूं कि आप लोग नहीं करेंगे तो हम हाथरस के पीड़ित परिवार को रिलोकेट करेंगे।