Political News: कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा की शुरुआत मणिपुर से ही होगी लेकिन उस जगह से नहीं होगी जहां से कांग्रेस चाह रही थी। मणिपुर की सरकार ने राहुल की भारत जोड़ो न्याय यात्रा को मंजूरी तो दी है लेकिन शर्त यही है कि प्रस्तावित जगह से नही अलग जगह से यात्रा की शुरुआत की जाएगी। कांग्रेस ने इस शर्त को मंजूर कर लिया है। उसके पास आखिर कोई चारा भी तो नहीं है। लेकिन कांग्रेस ने मणिपुर सरकार की इस रवैये की आलोचना भी की है। राहुल गांधी की यह यात्रा मणिपुर से मुंबई तक होनी है। करीब 66 दिनों की यह यात्रा पैदल और बस से की जानी है। यात्रा का मकसद लोगों को जोड़ना तो है ही लेकिन मकसद यही है कि कैसे लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की जमीन को मजबूत किया जाए। सालों से ख़त्म हो चुकी कांग्रेस की जमीन अगर तैयार होती है और जनता कांग्रेस के साथ जुड़ती है तो जाहिर है कि कांग्रेस को इसका लाभ मिलेगा।
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इस अभियान के जरिये कांग्रेस कम से कम दो दर्जन उन सीटों पर नजर गड़ाए हुए हैं जो अब तक उसे नहीं मिली है। कांग्रेस को उम्मीद है कि इस यात्रा के जरिये उन सीटों को अपने पाले में लाई जाए ताकि बीजेपी को टक्कर दी जा सके। जानकार मान रहे हैं कि अगर कांग्रेस को इस अभियान से दो दर्जन सीटो का लाभ होता है तो बीजेपी की मुश्किलें बढ़ सकती है और कांग्रेस फिर बड़ा खेला कर सकती है। कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा को उस समय झटका लगा था जब मणिपुर की सरकार ने मणिपुर से यात्रा निकलने की मनाही कर दी थी। यानी जहां से यात्रा की शुरुआत होनी थी उस पर राज्य सरकार की मनाही थी। लेकिन आज मणिपुर सरकार ने जगह बदलने की बात कही जिसे कांग्रेस ने मान लिया है। मणिपुर कांग्रेस के अध्यक्ष मेघ चन्द ने मीडिया को कहा है कि मुख्यमंत्री ने कथित तौर पर राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति का हवाला देते हुए अनुमति देने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि यात्रा अब खोंगजोम युद्ध स्मारक परिसर के पास एक निजी स्थल से शुरू होगी। मेघचन्द ने कहा कि यह फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। बता दें कि पहले यह यात्रा मणिपुर के कागजीबूंग मैदान से शुरू होनी थी।
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मणिपुर से शुरू हो रही इस यात्रा का मकसद मणिपुर के लोगों के साथ ही उन तमाम लोगों को न्याय दिलाने को लेकर जो अब तक न्याय की आस में बैठे हुए हैं। इसके साथ ही कांग्रेस की नजर लोकसभा चुनाव पर भी है और कांग्रेस को लग रहा है कि जहाँ -जहाँ से यह यात्रा गुजरेगी उसे कुछ लोकसभा सीटों का लाभ हो सकता है। कांग्रेस की नजर झारखंड की कुछ जगहों पर है इसके साथ ही मध्यप्रदेश ,छत्तीसगढ़ ,राजस्थान और गुजरात की भी कुछ सीटों पर है। कांग्रेस की समझ यह है कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा के जरिये मध्य प्रदेश की सात सीटों और छत्तीसगढ़ की पांच सीटों के साथ ही गुजरात के चार सीटों पर कांग्रेस की नजर है। कांग्रेस को लग रहा है कि अगर यात्रा के दौरान लोगों का हुजूम उसके साथ रहा तो आने वाले चुनाव में कांग्रेस को उन राज्यों में कुछ सीटें मिल सकती है जो पिछले चुनाव में नहीं मिली थी। भारत जोड़ो न्याय यात्रा का मकसद लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को जीत दिलाने को लेकर है। हालांकि कांग्रेस कह रही है कि यह कोई राजनीतिक यात्रा नहीं है लेकिन कांग्रेस का यह बयान किसी झूठ से कम नहीं। कोई भी राजनीतिक पार्टी बिना कोई मकसद लिए कोई बड़ी यात्रा नहीं करती। ऐसे में राहुल गाँधी की यह यात्रा आने वाले चुनाव में कितना लाभदायक होता है इस पर सबकी निगाहें हैं।