Rahul Gandhi’s Big Announcement: झारखंड के सिमडेगा में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि अगर हम सत्ता में आए तो आरक्षण पर लगी 50 फीसदी की सीमा हटा देंगे। हम एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण बढ़ाएंगे। ओबीसी आरक्षण को बढ़ाकर 27 फीसदी किया जाएगा। हर परिवार को 450 रुपये में गैस सिलेंडर मिलेगा। 15 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा दिया जाएगा। बीजेपी ने बड़े कारोबारियों का कर्ज माफ किया। लेकिन दलितों और आदिवासियों का कर्ज माफ नहीं किया। भाजपा ने किसानों का कर्ज माफ नहीं किया।
भाजपा आदिवासियों की जमीन छीनना चाहती है। राहुल ने कहा कि देश में दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों की कोई भागीदारी नहीं है। उन्होंने कहा कि देश के दलित, पिछड़े और आदिवासी वर्ग के लोग सक्षम हैं। आपमें कोई कमी नहीं है। आप किसी भी तरह का काम कर सकते हैं, लेकिन आपका रास्ता रोका जाता है। मैं चाहता हूं कि देश के 90 फीसदी लोगों को भागीदारी मिले। लेकिन भाजपा चाहती है कि देश को नरेंद्र मोदी, अमित शाह और अंबानी-अडानी जैसे चंद लोग चलाएं।
राहुल ने कहा कि देश में करीब 50 फीसदी आबादी ओबीसी, 15 फीसदी दलित, 8 फीसदी आदिवासी और 15 फीसदी अल्पसंख्यक है। यह आबादी कुल का 90 फीसदी है। लेकिन देश की बड़ी कंपनियों के प्रबंधन में आपको ओबीसी, दलित और आदिवासी वर्ग का कोई व्यक्ति नहीं मिलेगा। भारत सरकार को 90 अधिकारी चलाते हैं। ये अधिकारी देश के पूरे बजट का फैसला लेते हैं।
मणिपुर जल गया, पीएम मोदी वहां नहीं गए
राहुल ने कहा कि बीजेपी भाई-भाई को आपस में लड़ाती है। बीजेपी एक धर्म को दूसरे धर्म से लड़वाती है। कांग्रेस नेता ने कहा कि मणिपुर इतने दिनों से जल रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री आज तक वहां नहीं गए। हम नफरत के बाजार में प्यार की दुकान खोलेंगे। भारत में सभी लोग प्यार से रहेंगे।
देश में दो विचारधाराओं की लड़ाई
राहुल ने कहा कि आज देश में दो विचारधाराओं की लड़ाई है। एक तरफ भारत गठबंधन है तो दूसरी तरफ भाजपा और आरएसएस है। भारत के लोग गठबंधन के लोग संविधान की रक्षा कर रहे हैं, जबकि भाजपा-आरएसएस संविधान को खत्म करना चाहता है। संविधान सिर्फ एक किताब नहीं है। इसमें बिरसा मुंडा जी, अंबेडकर जी, फुले जी और महात्मा गांधी जी के विचार हैं। यह संविधान देश के आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों और गरीबों की रक्षा करता है। इसलिए भारत गठबंधन चाहता है कि देश संविधान से चले।
राहुल ने कहा कि संविधान में आपको कहीं भी वनवासी शब्द नहीं मिलेगा। संविधान बनाने वालों ने भी वनवासी की जगह आदिवासी शब्द का इस्तेमाल किया क्योंकि वो ये कहना चाहते थे कि जल, जंगल और जमीन के असली मालिक आदिवासी ही हैं। बिरसा मुंडा जी ने भी इसी जल, जंगल और जमीन के लिए लड़ाई लड़ी थी। आज लड़ाई संविधान बचाने की है। एक तरफ वो लोग हैं जो आपको आदिवासी कहते हैं, आपका सम्मान करते हैं। दूसरी तरफ वो लोग हैं जो आपको वनवासी कहते हैं और आपका जो कुछ भी है उसे छीनना चाहते हैं।