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Rajasthan News: डॉक्टर की लापरवाही पर उपभोक्ता आयोग का बड़ा फैसला, मरीज को मिलेगा 3.07 लाख रुपये का मुआवजा

राजस्थान के जालौर जिले में 12 साल पुराने एक मामले में डॉक्टर की लापरवाही पर उपभोक्ता आयोग ने सख्त फैसला सुनाया है। साल 2013 में डॉक्टर नरसीराम देवासी ने बिना सही जांच किए मरीज अशोक कुमार सुथार का दो बार गलत ऑपरेशन किया था, जिससे उसे छह साल तक परेशानी झेलनी पड़ी। बाद में एम्स जोधपुर में सही इलाज हुआ और लापरवाही सामने आई।

Rajasthan News: राजस्थान के जालौर जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक डॉक्टर की लापरवाही का खामियाजा एक मरीज को वर्षों तक उठाना पड़ा। अब उपभोक्ता आयोग ने इस लापरवाही को गंभीर मानते हुए डॉक्टर पर 3 लाख 7 हजार रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। डॉक्टर ने बिना पूरी जांच के मरीज का दो बार गलत ऑपरेशन किया था, जिससे उसे 6 साल तक मानसिक और शारीरिक पीड़ा झेलनी पड़ी।

यह मामला चिकित्सा प्रणाली में मौजूद गंभीर खामियों की ओर इशारा करता है, जहां कुछ डॉक्टर बिना समुचित जांच और विशेषज्ञ सलाह के मरीजों का इलाज करते हैं। कोर्ट का यह फैसला अन्य डॉक्टरों के लिए भी एक सख्त चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है।

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12 साल पुराना मामला, अब मिला इंसाफ

यह पूरा मामला साल 2013 का है, जब सांचौर निवासी अशोक कुमार सुथार को गाल में गांठ की समस्या थी। उन्होंने स्थानीय डॉक्टर नरसीराम देवासी से संपर्क किया, जिन्होंने बिना सही जांच किए दो बार ऑपरेशन कर दिया। लेकिन इन दोनों ही सर्जरी में लापरवाही बरती गई और समस्या बनी रही।

एम्स जोधपुर में खुली पोल

अशोक कुमार को जब राहत नहीं मिली तो उन्होंने एम्स जोधपुर में इलाज करवाया। वहां विशेषज्ञों ने जांच के बाद बताया कि पहले हुए ऑपरेशन अधूरे और गलत थे। डॉक्टर ने सिर्फ ऊपरी चीरा लगाया था, जबकि गांठ भीतर ही रह गई थी। इसके बाद पीड़ित ने उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज कराई।

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आयोग ने माना चिकित्सकीय लापरवाही

जिला उपभोक्ता आयोग, जालौर ने सुनवाई के बाद डॉक्टर को दोषी माना और कहा, “डॉक्टर ने बिना उचित डायग्नोसिस और विशेषज्ञ सलाह के ऑपरेशन किया, जो स्पष्ट रूप से चिकित्सकीय लापरवाही है।” आयोग ने 2 लाख रुपये मुआवजा तय किया, जिस पर 9% वार्षिक ब्याज भी जोड़ा गया। साथ ही मानसिक, शारीरिक और आर्थिक क्षति की भरपाई के लिए अतिरिक्त 1.07 लाख रुपये का हर्जाना देने का आदेश दिया गया।

45 दिनों में भरनी होगी राशि

डॉक्टर को कुल 3.07 लाख रुपये का मुआवजा 45 दिनों के भीतर अदा करने का निर्देश दिया गया है। आयोग ने यह भी कहा कि मरीज को न केवल शारीरिक कष्ट हुआ, बल्कि उसे मानसिक तनाव और आर्थिक नुकसान भी सहना पड़ा।

यह मामला मेडिकल लापरवाही के गंभीर परिणामों को उजागर करता है और चिकित्सा पेशेवरों के लिए एक स्पष्ट संदेश देता है कि किसी भी तरह की लापरवाही पर अब कानून सख्ती से पेश आएगा।

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Diksha Parmar

मैं पिछले तीन वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय हूं. एंटरटेनमेंट, लाइफस्टाइल और वायरल खबरें लिखने में मेरी खास रुचि है। साथ ही, मुझे रिसर्च-आधारित कहानियां तैयार करना भी बेहद पसंद है।

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