Rajasthan Wildlife News: सरिस्का टाइगर रिजर्व में फिर गूंजा बाघिन की दहाड़, जन्मे चार नन्हे शावक, देखें तस्वीरें
राजस्थान के अलवर जिले स्थित सरिस्का टाइगर रिजर्व से एक बेहद उत्साहित करने वाली खबर सामने आई है। यहां की बाघिन ST-19 ने चार स्वस्थ शावकों को जन्म दिया है। यह दृश्य कैमरा ट्रैप और ग्राउंड पेट्रोलिंग के दौरान दर्ज हुआ। इस खबर के बाद पूरे वन विभाग और वन्यजीव प्रेमियों में खुशी की लहर दौड़ गई है।
Rajasthan Wildlife News: राजस्थान के अलवर जिले में स्थित सरिस्का टाइगर रिजर्व से एक सुखद और उत्साहजनक खबर सामने आई है। यहां की बाघिन ST-19 ने चार शावकों को जन्म दिया है, जिसकी पुष्टि कैमरा ट्रैप और ग्राउंड पेट्रोलिंग के माध्यम से हुई है। जैसे ही यह खबर आई, पूरे वन विभाग और वन्यजीव प्रेमियों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई।
इस शानदार खबर के साथ सरिस्का में बाघों की कुल संख्या अब बढ़कर 48 हो गई है। इसमें 11 नर बाघ, 18 मादा बाघ और 19 शावक शामिल हैं। यह उपलब्धि सरिस्का के वन्यजीव संरक्षण और बाघ पुनर्स्थापन कार्यक्रम की बड़ी सफलता मानी जा रही है।
ST-19 बाघिन ने दिए चार स्वस्थ शावक
सरिस्का टाइगर रिजर्व की ST-19 बाघिन ने अलवर की बरेली बाड़ी क्षेत्र में चार शावकों को जन्म दिया है। वन विभाग की ओर से किए गए प्राथमिक निरीक्षण में बाघिन और उसके चारों शावक पूरी तरह स्वस्थ पाए गए हैं। विभाग के अनुसार, ये सभी शावक अपने प्राकृतिक आवास में बेहतर ढंग से ढलते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह न केवल बाघ संरक्षण प्रयासों का सकारात्मक परिणाम है, बल्कि पार्क के लिए भी एक अहम उपलब्धि है।
पार्क में सख्त निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था
बाघिन और शावकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए वन विभाग ने उस क्षेत्र को सीमित कर दिया है जहां यह नया परिवार निवास कर रहा है। किसी भी प्रकार के मानवीय हस्तक्षेप को रोकने के लिए एक विशेष निगरानी टीम तैनात की गई है, जो चौबीसों घंटे गतिविधियों पर नजर रख रही है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि शावकों के स्वास्थ्य और विकास की नियमित निगरानी की जा रही है।
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बाघ पुनर्स्थापन योजना की बड़ी सफलता
ST-19 से पहले भी सरिस्का की ST-12 और ST-22 बाघिनें चार-चार शावकों को जन्म दे चुकी हैं। यह लगातार तीसरी बार है जब सरिस्का में एक बाघिन ने चार शावकों को जन्म दिया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि यहां का वातावरण अब बाघों के लिए पूरी तरह अनुकूल हो चुका है।
वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि आने वाले समय में सरिस्का में बाघों की संख्या और बढ़ सकती है। उनका कहना है, “यह घटना न केवल बाघों की संख्या बढ़ने का संकेत है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि सरिस्का एक सुरक्षित और स्थायी बाघ आवास के रूप में विकसित हो रहा है।”
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वन्यजीव प्रेमियों के लिए खुशी का पल
सरिस्का से आई यह खबर न केवल वन विभाग के लिए बल्कि पूरे देश के वन्यजीव प्रेमियों के लिए उत्साहजनक है। बाघों की प्रजनन दर में हो रही वृद्धि यह दर्शाती है कि वर्षों की मेहनत अब रंग ला रही है। सरिस्का टाइगर रिजर्व अब एक बार फिर बाघों के गढ़ के रूप में उभर रहा है।
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