कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह अयोध्या जायेंगे लेकिन …..
Ram Mandir News - News Watch India
Ayodhya News! अयोध्या में बन रहे राम मंदिर और उसकी प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देश की राजनीति बेहद गर्म है ।जीतने लोग उतनी बातें की जा रही है ।यह सच है कि पूरा देश यह चाहता है कि प्रभु राम नए मंदिर में स्थित हो जाए लेकिन बहुत से लोग यह नहीं चाहते कि अधूरे मंदिर में प्रभु राम की स्थापना की जाए ।
इस तरह की बात सबसे पहले देश के शंकरचार्यों की तरफ से उठाया गया ।चुकी शंकराचार्य देश के सबसे बड़े धर्माचार्य है और संतान धर्म के रक्षक भी ।आदि गुरु शंकराचार्य ने सनातन धर्म की स्थापना के लिए ही चारो पीठों की स्थापना की थी ।यह एक लंबे समय से चल रही परंपरा भी है ।शंकराचार्य यही कह रहे हैं कि जब मंदिर बन ही रहा है तो जल्दबाजी की क्या जरूरत है ।जब मंदिर पूरी तरह से तैयार हो जाए तो उसकी विधिवत प्राण प्रतिष्ठा की जाए ।
इधर बीजेपी ,संघ और वीएचपी की चाहत है कि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को हो जाए ।अगर सरकार ने इस तरह की व्यवस्था कर ली है तो इसे कोई रोक भी नही सकता ।लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि धर्म के इस मामले में राजनीति की क्या जरूरत है ? जाहिर है कि अभी जो हो रहा है उसमे राजनीति नजर आ रही है ।अप्रैल और मई महीने में आम चुनाव होने हैं ।जाहिर है कि फरवरी के बाद कभी भी चुनाव आयोग अधिसूचना जारी कर सकता है ।ऐसे में बीजेपी इस आयोजन को नही कर सकती ।बीजेपी को लग रहा है कि अभी यह आयोजन हो जाए तो देश को राम मई किया जा सकता है और अगले दो महीने तक राम मंदिर के नाम पर लोगों को बीजेपी के धार्मिक खेल से जोड़ा जा सकता है ।ऐसे में बड़ा सवाल यही है कि आखिर बीजेपी इतनी जल्दबाजी में क्यों है ।
आज ही शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने श्रीराम जन तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के नाम एक चिट्ठी लिख है ।जिसमे कई बातों की चर्चा की गई है ।बड़ी बात यह कही गई है जिस राम की मूर्ति की अभी पूजा की जा रही है और जो खुद ही प्रकट हुए थे इस मूर्ति को स्थापना कहां की जाएगी ? शंकराचार्य ने कहा है कि मंदिर में स्थापित करने के लिए बाहर से मूर्तियां मंगाई जा रही है ।उसमे कोई हर्ज भी नही है लेकिन रामलाला विराजमान की मूर्ति कहां जायेगी ।
शंकराचार्य ने और भिंकाई सवाल किए हैं ।इन सवालों के जवाब अभी तक किसी ने नहीं दिए है ।ऐसे में मालूम होता है कि अभी जो कुछ भी हो रहा है उसमे राजनीति हो रही है ।यह राजनीति कौन और क्यों कर रहा है यह देखने की बात है ।
इधर कांग्रेस समेत लगभग सभी विपक्षी दलों के नेताओं ने भी 22 जनवरी को अयोध्या जाने से इंकार कर दिया है ।कांग्रेस ने भी उसी लाइन को पकड़ा है को लाइन शंकराचार्य बता रहे हैं ।उनका तर्क है कि मंदिर अभी अधूरा है और अधूरे मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा देश और मानवता के लिए सही नही है ।
इधर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंघनका भी बड़ा बयान सामने आया है ।उन्होंने कहा है कि कांग्रेस किसी को भी मंदिर में जाने से नही रोक रहा है ।कोई कांग्रेसी भी चाहे तो वहां जाए ।लेकिन तब ही मंदिर जायेंगे जब पूरा मंदिर बनकर तैयार होगा ।राम जी के दर्शन के लिए किसी के निमंत्रण की जरूरत नहीं है ।सिंह ने कहा है कि अभी जो कुछ हो रहा है वह बीजेपी और संघ का आयोजन है ।
सिंह ने कहा है कि उन्हें प्रभु राम में आस्था है ।हमे दर्शन करने में कोई जल्दबाजी नहीं है ।है वहां जायेंगे लेकिन मंदिर तैयार हो जाने पर जायेंगे ।धर्मग्रंथों के मुताबिक निर्मांचल रहे मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह नही किया जा सकता ।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि करीब डेढ़ सौ साल से मंदिर का विवाद चल रहा था ।विवाद का सार यह था कि मंदिर वही बनाया जाना चाहिए जहां भगवान राम का जन्म हुआ था ।और जहां मस्जिद थी ।सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि विवादित भूमि पर मंदिर बनाया जाए ,तो वहां क्यों नहीं बनाया गया ?
सिंह ने कहा कि मंदिर उस जमीन पर बनाया गया है जिसे पूर्व पीएम नरसिम्हा राव ने मंदिर निर्माण के लिए आबंटित किया था ।लेकिन अब जब सारे विवाद खत्म हो गए है तो इतनी जल्दबाजोन्मे प्राण प्रतिष्ठा की क्या जरूरत है ।