Ramlala Temple: गर्भगृह से शिखर तक स्वर्ण जड़ित होगा रामलला मंदिर
पूरे सिंह द्वार को चांदी से सजाया जायेगा। इस जिम्मेदारी को हरिद्वार स्थित काशिमठ के पीठाधीश्वर स्वामी (Peethadhishwara Swami) संयम तीर्थ महाराज के एक अनुयायी ने ली है। बता दें कि महावीर मंदिर ट्रस्ट पटना व अमावांराम मंदिर रामकोट के सचिव एंव पूर्व आईपीएस अधिकारी किशोर कुणाल (Former IPS officer Kishore Kunal) ने पूरे गर्भगृह को स्वर्णजड़ित कराने का प्रस्ताव दिया था।
पटना स्थित महाबीर ट्रस्ट (Mahaveer Trust) के प्रस्ताव के बाद अयोध्या में बन रहे भगवन राम मंदिर को स्वर्ण जड़ित मंदिर बनाने पर अब आम सहमति बन गई है। यह मंदिर अपने आप में दिव्य तो होगा ही स्वर्ण जड़ित भी होगा। खबर के मुताबिक श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने भी इस पर सहमति दे दी है। पटना स्थित महावीर मंदिर ट्रस्ट ने यह प्रस्ताव दिया था कि मंदिर को गर्भगृह से शिखर तक स्वर्ण से अलंकृत किया जाए। महाबीर ट्रस्ट ने कहा था कि इस कार्य के लिए जितने सोने की जरूरत होगी महाबीर ट्रस्ट की तरफ से दिया जाएगा। यह प्रस्ताव लम्बे समय से पेंडिंग था लेकिन अब श्री राम तिरह क्षेत्र ट्रस्ट ने प्रस्ताव को स्वीकार कर अपनी मुहर लगा दी है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष महंत गोविन्द देव गिरी ने कहा है कि गर्भगृह में राम लला विराजमान के आसान से शिखर को स्वर्णजड़ित करने पर सभी ट्रस्टियों की सहमति बन गई है। उधर ,मंदिर का सिंह द्वार भी चांदी जड़ित होगा।
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पूरे सिंह द्वार को चांदी से सजाया जायेगा। इस जिम्मेदारी को हरिद्वार स्थित काशिमठ के पीठाधीश्वर स्वामी (Peethadhishwara Swami) संयम तीर्थ महाराज के एक अनुयायी ने ली है। बता दें कि महावीर मंदिर ट्रस्ट पटना व अमावांराम मंदिर रामकोट के सचिव एंव पूर्व आईपीएस अधिकारी किशोर कुणाल (Former IPS officer Kishore Kunal) ने पूरे गर्भगृह को स्वर्णजड़ित कराने का प्रस्ताव दिया था। जिसमें यह कहा गया था कि गर्भगृह में जितना भी स्वर्ण लगेगा उसे महावीर मंदिर ट्रस्ट के माध्यम से रामजन्मभूमि को समर्पित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि तीर्थ क्षेत्र कहेगा तो स्वर्ण खरीद कर दिया जाएगा।किशोर कुणाल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही राम मंदिर निर्माण के लिए दस करोड़ प्रदान करने का निर्णय महावीर मंदिर ट्रस्ट ने लिया था।
रामजन्मभूमि (Ram Janmabhoomi) तीर्थ क्षेत्र गठन के बाद से अब तक दो-दो करोड़ की तीन अलग-अलग किस्तें तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय को भेंट कर दी गई है। शेष चार करोड़ की धनराशि में, दो करोड़ की चौथी किश्त जुलाई व अंतिम किश्त दिसम्बर 2023 से पहले ही दे दी जाएगी। जाहिर है जब यह मंदिर बनकर तैयार होगा ,इसकी भव्यता देखने वाली होगी। कोशिश यह की जा रही है कि रामलला का मंदिर भारत के मंदिरों में तो श्रेष्ठ हो ही दुनिया भर में स्थापित अन्य धार्मिक मंदिरों की तुलना में भव्य हो।