There will be no Red Fort on Independence Day : स्वतंत्रता दिवस बेहद ही नजदीक आ चुका है ऐसे में तैयारियां तेज हो गई हैं। लोगों में 15 अगस्त को लेकर गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है। इस विशेष अवसर पर भारत दुल्हन की तरह सजाया जाता है। संपूर्ण भारत की इस दिन अलग ही छटा देखने को मिलती है। पूरा भारत तिरंगे के रंग में डूबा हुआ होता है। अगर वहीं बात की जाए राजधानी दिल्ली के लाल किले कि तो इसकी ऐसी सजावट की जाती है कि जो देखते ही बनती है। जिसका दीदार करने के लिए लोग दूर-दूर से पहुंचते हैं। इस बार स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आपको लाल किले का नजारा कुछ अलग नजर आने वाला है। इसकी साज-सज्जा में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।
हर साल के मुताबिक इस बार इसको खास बनाने के लिए कुछ अलग निर्देश दिए गए हैं। अभी तक हम आमतौर पर देखते आए हैं कि लालकिले के हिस्से को रंग-बिरंगे फूलों से ढक दिया जाता था जैसे कोई फूलों की चादर ओढा दी गई हो लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा इस बार भारत की ऐतिहासिकता को दिखाने के लिए कम से कम सजाने और लाल किले को मूलरूप में रखने का फैसला लिया गया है जिससे की कार्यक्रम के दौरान प्राचीर नजर आती रहे।
तो वहीं अगर लाल किले के आस-पास के एरिया के बात करें तो लालकिले के गार्डेन, परेड एरिया और ज्ञानपथ को सजाया जाएगा। इन सारी जगहों की खास सजावट की जाएगी। अधिकारियों के मुताबिक इस बार ज्यादा फूलों, बड़ी फ्लैग शीट्स को प्राचीर दिवार पर नहीं लगाया जाएगा। किले की प्राचीर दिवार को ज्यादा न सजाने का आदेश दिया गया है। ताकि भारत के प्राचीर के मूल नजारे को दिखाया जा सके। कार्यक्रम में शामिल होने वाले विदेशी नागरिकों को भारत के भव्य नजारे का दीदार हाे सकें और यहां कि ऐतिहासिकता की छवि को कोई भी आसानी से देख सकें। इसी के साथ कुछ जगहों पर जी-20 का लोगो जरूर लगाया जाएगा।
इस बार कौन होंगे स्पेशल गेस्ट
बता दें कि इस बार कोरोना के नियमों में पूरी ढिलाई के चलते ज्यादा से ज्यादा लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। इसके साथ कार्यक्रम में 2900 लोग बतौर स्पेशल गेस्ट के तौर पर आमंत्रित हैं। जिनकी सुरक्षा और देखभाल की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस और आईटीबीपी को सौंपी गई है। इसके अलावा गेस्ट में सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट और नई संसद भवन के मजदूर, प्रोजेक्ट के बड़े अधिकारी, पीएम किसान योजना के लाभार्थी, 622 वाइब्रेंट विलेज प्रोजेक्ट के सरंपच, खादी वर्कर, सीमावर्ती सड़कों पर काम करने वाले मजदूर, नर्स आदि शामिल हैं।
वहीं सुरक्षा की दृष्टि से लाल किले के आस-पास 7000 जवानों को तैनात किया गया है। इसके अलावा निगरानी रखने के लिए 16 आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कैमेरा भी लगाएं गए है।