बागेश्वर धाम सजधज कर तैयार हो चुका है. मेले की खूबसूरती देखते ही बन रही है.यहां आज से शुरू हुए धार्मिक आयोजन 19 फरवरी तक चलेंग.इस दौरान देशभर के मशहूर कथावचकों का वहां जमावड़ा लगने वाला है.जानकारी के मुताबिक, इस कार्यक्रम के दौरान 21 कथावाचक और भजन गायक शिरकत करेंगे.19 फरवरी तक चलने वाले कार्यक्रमों में कई नेताओं के भी यहां पहुंचने की संभावना है जिसमें सबसे पहले कांग्रेस नेता कमलनाथ ने इसकी शुरूआत कर दी है.
‘देश संविधान से चलता है’
मध्य प्रदेश के बागेश्वर धाम में शुरू हुए धर्म रक्षार्थ यज्ञ और भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के यज्ञ में सबसे पहले पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता कमलनाथ पहुंचे. वह पन्ना जिले के अजयगढ़ जाने से पहले हेलीकाप्टर से बागेश्वर धाम में बने हेलीपैड पर उतरे. यहां कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया. इसके बाद उन्होंने बालाजी हनुमान जी के दर्शन किए. इस दौरान उन्होंने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री से मुलाकात की. मुलाकात के बाद जब उनसे पूछा गया कि धीरेंद्र शास्त्री यहां भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का यज्ञ कर रहे हैं, इस पर कमलनाथ ने जवाब दिया कि, भारत संविधान से चलता है.
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का मंदिरों दौरा
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ लगातार मंदिरों के दौरे कर रहे हैं. हाल ही में उन्होंने मध्य प्रदेश में पुजारियों को वेतन को लेकर भी राज्य सरकार पर हमलावर दिखे हैं. वहीं, जबलपुर के ग्वारीघाट पर मां नर्मदा की पूजा अर्चना की थी. राजनीतिक रूप से उनके ये दौरे काफी अहम माने जा रहे हैं. ये इसलिए भी खास हैं क्योंकि मध्य प्रदेश में इस वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में वो बीजेपी के हिंदुत्व के फार्मूले पर चुनावी मैदान में उतरने का मन बना रहे हैं.
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कमलनाथ ने बागेश्वर बालाजी मंदिर में पूजा की. धीरेंद्र शास्त्री ने कमलनाथ को कन्या विवाह के कार्यक्रम के लिए आमंत्रण दिया था. बागेश्वर धाम पहुंचने के बाद कमलनाथ ने कहा, ‘छिंदवाड़ा में सबसे बड़ा 101 फुट से भी ऊंचा हनुमान जी का मंदिर बनवाया है. मैं हनुमान जी से मध्य
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प्रदेश के बेहतर भविष्य की कामना की’
आपको बता दें कि मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ लगातार मंदिरों का दौरा कर रहे हैं. इस दौरान कमलनाथ मध्य प्रदेश में पुजारियों के वेतन को लेकर भी राज्य सरकार पर हमलावर दिखे. साथ उन्होंने, जबलपुर के ग्वारीघाट पर मां नर्मदा की पूजा अर्चना की थी. फिलहाल सियासी नजरिये से उनके ये दौरे काफी अहम हैं.