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ED की धार पर तेजस्वी की राजनीति , तेजस्वी यादव ने PM मोदी पर कसा तंज

Tejashwi yadav News: तेजस्वी यादव ( Tejashwi Yadav ) अपने पिता लालू प्रसाद यादव ( Lalu Prasad Yadav ) वाली राजनीति करने में जुटे हैं। खासकर भ्रष्टाचार ( Corruption) के मुद्दे पर लालू यादव की तरह तेजस्वी यादव पर भी ED और CBI का शिकंजा कसता जा रहा है। इस शिकंजे को तेजस्वी यादव अपने पक्ष में सहानुभूति बटोरने के लिए कर रहे हैं। वह अपने वोटरों को संदेश देने का प्रयास कर रहे हैं कि ये सारे आरोप राजनीतिक नुकसान पहुंचाने के लिए हैं।


politics में आरोप कई बार मुद्दे बन जाते हैं। एक वक्त था जब चारा घोटाला के आरोपों से घिरे लालू यादव ने इसे ही राजनीतिक मुद्दा बना लिया और अपने वोट बैंक को साधा भी। इन दिनों राज्य के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ( Deputy Chief Minister Tejashwi Yadav ) भी इस राह पर चल पड़े हैं। लैंड फॉर जॉब के आरोपों से घिरे तेजस्वी यादव भी अपने पिता की राह पर चलकर राजनीति को अंजाम देने में लगे हैं।

क्या कहा तेजस्वी ने?

पत्रकारों के एक प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि ED, CBI ये सब दवाब में काम कर रहे हैं। ये सब NDA के प्रमुख अलायन्स ( Alliance ) बन गए हैं। कई दलों ने NDA से नाता तोड़ लिया है तो BJP इसकी भरपाई ED, CBI से कर रही है। रही शिकंजा कसने की बात तो यह कोई पहली बार तो हुआ नहीं और न ही आखरी बार है। हमने तो पहल ही कहा था कि यह सब होना है।

जब तक चुनाव है तब तक यह सब होते रहेगा।

यह बयान तेजस्वी यादव ने किसी सभा के दौरान पत्रकारों से घिर जाने के कारण नही दिया, बल्कि अपने सरकारी आवास से निकलने के क्रम में पत्रकारों को बुला कर काफी इत्मीनान से दिया। हालांकि इस क्रम में तेजस्वी ने कई और प्रश्नों का जवाब भी दिया, जिसमें CIA, NRC से संबंधित भी थे।

बुलाकर बयान देने का मकसद

दरअसल, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पत्रकारों को बुलाकर दिए गए बयानों राज्य की जनता विशेषकर अपने वोट बैंक को प्रभावित करने के लिए की। वह अपने चाहने वालों को यह बताने में सफल रहे कि ये जो भी आरोप हैं राजनीति से प्रेरित हैं। और न चाहते हुए भी केंद्रीय एजेंसियां कार्रवाई करने को मजबूर हैं। तेजस्वी जानते हैं राजनीत में मजबूती से टिके रहने के लिए अपने चाहने वालों, आपने वोट बैंक को अपने साथ जोड़े रखना जरूरी भी है।


आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद भी चारा घोटाला में फंसे तो उन्होंने भी अपने भावनात्मक संबंध को इस आधार से जोड़े रखा कि यह राजनीतिक स्पर्धा में फंसाने वाला खेल के अलावा कुछ भी नहीं। और तब लालू प्रसाद यादव अपने इस मकसद में कामयाब हुए कि एक गरीब का बेटा सीएम बना तो राजनीत में पहले से स्थापित लोगों को यह पसंद नहीं आया। स्थिति आज भी एमवाई समीकरण पर वैसे ही आज भी इंटैक्ट है।

इन आरोपों का RJD के वोट बैंक पर कोई नही होगा प्रभाव

वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक एके झा कहते हैं कि हर राजनीतिज्ञ अपने ऊपर लगे आरोपों को राजनीतिक प्रतिस्पर्धा की प्रतिक्रिया मानते हैं। वर्तमान स्थिति है कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Jharkhand VM Hemant Soren), दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल Delhi CM Arvind Kejriwal ) सहित इंडिया गठबंधन में शामिल कई नेता भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हैं। ऐसे में भाजपा ( BJP) नीत सरकार को कठघरे में रख अपना वोट बैंक की सहानुभूति पाना राजनीतिक अस्तित्व बचानेव के लिए जरूरी है। तेजस्वी यादव भी यही कर रहे हैं। वैसे भी आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव (Assembly Election)संभावित है। इसलिए भी खुद को पाक साफ बताना राजनीतिक जरूरत है।

Prachi Chaudhary

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