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अयोध्या राम मंदिर ,CM योगी को बम से उडाने की धमकी देने वाले को STF ने किये गिरफ्तार, हुआ चौंकाने वाला खुलासा

Threatened by bombed CM Yogi and Ram Temple: CM योगी ( Yogi) और राम मंदिर ( Ram Mandir) को बम से उड़ाने की धमकी मिलने के मामले में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। STF की जांच में देवेंद्र तिवारी ही साजिशकर्ता पाए गए। आरोपियों ने देवेंद्र तिवारी का नाम कबूला है। उन्होंने बताया देवेंद्र तिवारी ने लोकप्रियता, सुरक्षा और राजनीतिक लाभ उठाने के लिए ऐसा सब कुछ किया है।
अयोध्या (Ayodhya ) में स्थित राम मंदिर (Ram Temple), सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Threat Mail) समेत अन्य को बम से उड़ाने की धमकी देने के मामले में एसटीएफ को बड़ी कामयाबी हाथ लग गई है। एसटीएफ की टीम ( STF Team ) ने इस मामले में दो आरोपियों को धरदबोचा है। जिनकी शिनाख्त गोंडा निवासी ताहर सिंह और ओम प्रकाश मिश्र के रूप में हुई है। इन दोनों आरोपियों को बुधवार शाम को विभूतिखंड गोमतीनगर से गिरफ्तार किया गया है।
भारतीय किसान मंच के अध्यक्ष देवेंद्र तिवारी ने E-Mail के जरिये CM योगी, STF चीफ सहित अन्य को बम से उड़ाने की धमकी मिलने की शिकायत की थी। आरोपियों के कबूलनामे के बाद देवेंद्र तिवारी की मुश्किलें खुद बढ़ गई हैं। आरोपियों के मुताबिक देवेंद्र तिवारी ने ही यह पूरी साजिश रची थी। वहीं STF देवेंद्र तिवारी की तलाश में जुट गई है।

STF की पूछताछ में सामने आया कि दोनों आरोपी देवेंद्र तिवारी ( Devendra Tiwari )के आलमबाग स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट पैरा मेडिकल साइंसेज ( Indian Institute Para Medical Sciences) के नाम से खुले कॉलेज में काम करते हैं। ताहर सोशल मीडिया हैंडलर है और ओम प्रकाश मिश्रा (Prakash Mishra) पर्सनल सेक्रेटरी के पद पर काम करता है। ओम प्रकाश इसी कॉलेज से दो वर्षीय डिप्लोमा भी कर रहा है।
वहीं, बंथरा निवासी देवेंद्र तिवारी भारतीय किसान मंच (Bhartiye Kisan Munch) और भारतीय गौ सेवा परिषद के नाम से NGO चलाता है। इसके खिलाफ मानकनगर, आशियाना, बंथरा, गौतमपल्ली और आलमबाग थाने में कई केस दर्ज हैं। आरोपियों ने बताया कि देवेंद्र तिवारी ने सोशल मीडिया पर लोकप्रियता पाने और सुरक्षा बढ़ने के साथ राजनीतिक लाभ पाने के लिए यह सब कुछ किया था।

एसटीएफ ने बताया कि देवेंद्र के कहने पर ही ताहर ने ईमेल आईडी क्रिएट ( Email Id Creat)की थी। इसकी आईडी और पासवर्ड ओम को वॉट्सऐप (whatsapp) पर भेजा गया था। देवेंद्र के कहने पर ही नाका से दो मोबाइल ( Mobile) खरीदे गए थे। उसका इस्तेमाल धमकी भरा ईमेल भेजने के लिए किया गया था। देवेन्द्र तिवारी के मोबाइल में मौजूद थ्रेट कन्टेन्ट ( Threat Vontent ) को थ्रेट मेल भेजने के लिए मोबाइल के गूगल लेंस ( Google lence ) से स्कैन (Scane) कर कापी पेस्ट (Copy Pest) किया गया। फिर बीते 19 नवम्बर और 27 दिसंबर को उन्हीं की मेल आईडी पर भेजा गया था, जिसे देवेन्द्र तिवारी ने अपने ट्विटर अकाउंट से पोस्ट किया था। मेल भेजने के बाद देवेंद्र तिवारी ने फोन जला दिया था। मेल भेजने में ऑफिस ( Office) में लगे वाईफाई ( wi-fi ) राउटर (Router) का इस्तेमाल किया गया था।

पुलिस ( Police) मुताबिक आरोपियों के खिलाफ, act-506, 507, 153ए, 420, 468, 471, 201, 120B और 66D-IT के तहत कार्रवाई की जा रही है। भारतीय किसान मंच ने बीते दिनों राम मंदिर, सीएम योगी, एसटीएफ चीफ ( STF chief ) और खुद को ईमेल के जरिये बम से उड़ाने की धमकी मिलने की शिकायत की थी। उस समय देवेंद्र ने बताया था कि जुबेर अहमद ( Juber Ahmad) के नाम से मेल आई थी, जिसे आईएसआई का बताया गया था। इस मामले में आलमबाग और सुशांत गोल्फ सिटी थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। इस शिकायत के वक्त देवेंद्र तिवारी ने अपने VIDEO बयान में कहा था कि जो केस पहले से दर्ज है उसमें अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है ना ही मेरी सुरक्षा को लेकर कोई कदम उठाया गया। उसने कहा था कि ऐसा लग रहा है कि मेरी हत्या के बाद ही ये लोग जागेंगे।

Prachi Chaudhary

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