न्यूज़मध्य प्रदेशराजनीतिराजस्थान

वसुंधरा और शिवराज के सिर सजेगा ताज !

Politics News: तीन राज्यों छत्तीसगढ़ ,मध्यप्रदेश और राजस्थान में बीजेपी की जीत के बाद पारी के भीतर सीएम के चेहरे को लेकर मंथन जारी है। लेकिन जो खबर आ रही है उसके मुताबिक पार्टी के भीतर यह सहमति बनती दिख रही है कि राजस्थान में वसुंधरा राजे और एमपी में शिवराज सिंह को ही फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी दी जाए। बीजेपी यह दसब आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए कर रही है। खबर के मुताबिक आज दिल्ली से बीजेपी के कई शीर्ष नेता राजस्थान जा रहे हैं। वहां पार्टी के भीतर भी बातचीत होगी और फिर वसुंधरा राजे से भी बात की जाएगी। उधर एमपी में भी शिवराज को ही सत्ता सौपने की तैयारी हो रही है। जानकार यह भी कह रहे हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव को देखते पार्टी यह चाहती है कि वरिष्ठ नेताओं को ही कुर्सी दी जाये ताकि आने वाले चुनाव में पार्टी को जीत मिल सके।

Also Read: Latest Hindi News Political News । Assembly Election news In Hindi

हालांकि एक जानकारी यह भी मिल रही है कि बीजेपी इस बार राजस्थान और मध्यप्रदेश में एक या दो उपमुख्यमंत्री बहाल करने को तैयार है। यह सब आगे की रणनीति के तहत किया जाएगा। बीजेपी की समझ है कि आगामी राजनीति को आगे बढ़ाने के लिए कुछ नए लोगों को भी जिम्मेदारी दी जा सकती है ताकि दूसरे कतार के नेता खड़ा हो सके।

बता दें कि अभी राजस्थान में करीब 6 से ज्यादा नेता सीएम उम्मीदवार के कतार में हैं। वसुंधरा राजे तो स्वाभाविक सीएम की उम्मीदवार है लेकिन चुनाव से पहले और चुनाव के दौरान बीजेपी ने उन्हें ज्यादा भाव नहीं दिया था। बीजेपी ने चुनाव में किसी भी चेहरा को आगे नहीं बढ़ाया था। कमल निशान और मोदी की गारंटी पर चुनाव लडे़ गए थे। जाहिर है यह सब बीजेपी के भीतर आतंरिक कलह की वजह से किया गया था। लेकिन अब बीजेपी को भी लग रहा है कि अगर वसुंधरा राजे को सीएम की कुर्सी नहीं दी गई तो आगामी चुनाव में पार्टी को हानि हो सकती है।

Read More News: Latest Political News Today in Hindi | Political Samachar in Hindi

उधर मध्य प्रदेश में भी शिवराज को ही सीएम बनाने पर सहमति होती दिख रही है। लेकिन वहां भी एक या दो उप मुख्यमंत्री बनाये जा सकते हैं। एमपी में भी चार से ज्यादा नेता सीएम की कतार में खड़े हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया से लेकर नरेंद्र सिंह तोमर समेत कई और नेता इस रेस में खड़े हैं। ऐसे में बीजेपी को यह भी लग सकता है कि किसी भी नए नाम को आगे बढ़ाने से बेहतर है पुराने नाम को भी आगे किया जाए।

Akhilesh Akhil

Political Editor

Show More

Akhilesh Akhil

Political Editor

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button