नई दिल्ली: यूक्रेन पर आक्रमण के सात महीने बाद, यूक्रेनी सेना ने रूसी सैनिकों को भारी नुकसान पहुंचाया है, और कुछ ही दिनों यूक्रेन के सैनिकों ने रूस के सैनिकों को हरा कर अपने कई क्षेत्र उनके कब्जे से वापस ले लिए है. 23-24 फरवरी 2022 को रुस ने यूक्रेन के खिलाफ (Russia Ukraine War) मिलिट्री कार्रवाई का बड़ा ऐलान करते हुए युद्ध छेड़ दिया था, औऱ दुनिया में हडकंप मच गया था. लेकिन, एक बार फिर रूस ने यूक्रेन को लेकर नया ऐलान किया है. आखिर रूस ने ऐसा क्या नया कर दिया है.
बता दें कि अब इतिहास का हिस्सा बन चुकी हैं, ये जश्न है, यूक्रेन के खिलाफ, यह जश्न है दुनिया की महाशक्ति के खिलाफ, ये जश्न है नॉटो गुट के खिलाफ यह जश्न है यूएन के नियमों के खिलाफ, कुछ भी हो, रूस दुनिया की महाशक्तियों और यूएन के नियमों को तार पर रखते हुए. ये जश्न मना रहा है.
यूक्रेन के चार हिस्सों का रूस में विलय
जी हां, बीते 30 सितंबर को रूस ने यूक्रेन के खिलाफ (Russia Ukraine War) बड़ा कदम उठाते हुए यूक्रेन के चार हिस्सों डोनेट्स्क, लुहान्स्क, ज़ापोरिज़्ज़िया और खेरसॉन का रूस में विलय कर लिया. जो कि यूक्रेन का लगभग 15 प्रतिशत हिस्सा है, औऱ अब रूस का हिस्सा हो गया है. विलय वाले हिस्से में यूक्रेन की कार्रवाई को अब रूस युद्ध मानेगा.
शुक्रवार को क्रेमलिन में एक ऐतिहासिक समारोह में व्लादिमीर पुतिन ने इसका ऐलान कर दिया और इस संधि पर हस्ताक्षर करके इन इलाकों को रूस का हिस्सा बना लिया. साथ ही पुतिन ने इन राज्यों में प्रमुखों की भी नियुक्ति कर दी है, और रूस इसका जश्न मना रहा है.
ये भी पढ़ें- 5G की लांचिंगः पीएम मोदी बोले- 5G से युवाओं के लिए नये अवसरों के अनंत आकाश की शुरुआत
इस बीच पुतिन ने एक ऐतिहासिक भाषण भी दिया. पुतिन ने भाषण में कहा कि, यह रूस के लाखों लोगों की जीत है. पश्चिमी देश चाहते हैं कि, रूस इनकी कॉलोनी बन जाए. पश्चिमी देशों लोगों ने भारत, चीन और अफ्रीका को सालों तक लूटा है. वहां नरसंहार किया. उनको गुलाम बनाया. लेकिन, हमने ऐसा नही होने दिया. हमें इसका गर्व है.
जनमत संग्रह में रूस की जीत ?
रूस ने यूक्रेन (Russia Ukraine War) के इन चारों इलाकों को शामिल करने से पहले वहां, जनमत स्ग्रह भी कराया था. यह बात अगल है कि इसमें वहां की कुल आबादी के मात्र तीन प्रतिशत लोगों ने ही हिस्सा लिया था. रूस ने दावा किया कि, उसे इस जनमत संग्रह में जीत मिली है. रुस की मानें तो उसे सबसे ज्यादा डोनेट्स्क में 99.23 प्रतिशत, लुहान्स्क में 98.42 प्रतिशत, ज़ापोरिज़्ज़िया में 93.11 प्रतिशत और खेरसॉन में..87.05 प्रतिशत वोट मिले थे.
बातचीत के लिए पुतिन का जेलेंस्की को ऑफर !
इस बीच पुतिन ने यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की को टेबल पर आने का ऑफर भी दिया है. हांलाकि, जेलेंस्की ने पुतिन के इस ऑफर का ठुकराते हुए. फिर वही बात छेड़ दी है. जिसको लेकर रूस ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध छेड़ा था. जेलेंस्की ने पुतिन को जवाब में जल्द से जल्द नॉटो (NATO) ज्वाइंन करने को ऐलान किया है.
भारत ने UNSC में दिया रूस का साथ !
इसी मुद्दे पर यूएनएससी यानि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिका औऱ अल्बानिया ने द्वारा एक प्रस्ताव पेश किया गया. इसमें रूस के अवैध जनमत संग्रह और यूक्रेन के इलाकों पर रूसी कब्जे की निंदा की गई. प्रस्ताव में मांग की गई थी कि रूस अपने सैनिकों को यूक्रेन से तुरंत वापस बुला ले और इस पर यूएनएससी के 15 देशों को मतदान करना था, लेकिन रूस ने इसके खिलाफ वीटो का इस्तेमाल किया जिससे यह प्रस्ताव पारित नहीं हो सका. प्रस्ताव के समर्थन में 10 देशों ने मतदान किया और चार देश भारत, चीन, ब्राजील और गबॉन मतदान में शामिल नहीं हुए.
रूस ने 23-24 फरवरी को यूक्रेन के खिलाफ युद्ध (Russia Ukraine War) का आगाज कर दिया था. इस युद्ध को जहां, रूस ने स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन का नाम दिया तो वहीं, पश्चिमी देशों ने रूस की इस कार्रवाई को युद्ध माना और रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए. हालांकि, रूस के इस विलयकरण को अमेरिका, नाटो और यूएन प्रमुख सहित कई देशों ने सिरे से नकार दिया है. फिलहाल, यूएन चार्टर के अनुसार धमकी या बल प्रयोग से किसी देश द्वारा किसी अन्य देश के क्षेत्र पर कब्जा करना अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों का उल्लंघन है. लेकिन, अक्सर यूएन के नियम बड़ी शक्तियों के सामने नतमस्तक हो जाते हैं.