Haryana Election 2024: कांग्रेस की नेता सैलजा का आज जन्मदिन है. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने भी उन्हें बधाई दी है. हालांकि अपने बर्थडे से पहले सैलजा ने कांग्रेस हाईकमान की बड़ी टेंशन दूर कर दी। उन्होंने चुनाव प्रचार में शामिल होने का ऐलान कर दिया। उनकी पहली रैली लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी के साथ असंध में 26 सितंबर को होगी।
24 सितंबर को अपने जन्मदिन पर हरियाणा की प्रमुख नेता और कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने पार्टी नेतृत्व को एक अनोखा तोहफा दिया। हरियाणा विधानसभा चुनाव में भूपेंद्र सिंह हुड्डा को तवज्जो मिलने से नाराज सैलजा अब चुनाव प्रचार में उतरेंगी। पार्टी के नेता रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि वह 26 सितंबर को नरवाना में चुनावी सभा को संबोधित करेंगी। चुनाव प्रचार के लिए सैलजा की हामी के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी राहत की सांस ली है। पार्टी में असंतोष के कारण राहुल गांधी का कार्यक्रम भी टाला जा रहा था। राहुल अब 26 सितंबर से शुरू होने वाले दंगल में खेलने के लिए हरियाणा जाएंगे। वह असंध में एक रैली करके शुरुआत करने जा रहे हैं, जहां सैलजा के पड़ोसी शमशेर सिंह पद के लिए खड़े हैं।
सैलजा को बर्थडे पर खट्टर ने दी बधाई
24 सितंबर को सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा का जन्मदिन है। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने उन्हें बधाई दी। खट्टर ने एक्स पर लिखा कि बहन कुमारी सैलजा जी को जन्मदिन की बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं।आप स्वस्थ रहें, दीर्घायु हों और जीवन में नित नए आयामों को प्राप्त करें, ईश्वर से यही प्रार्थना है। संयोग यह है कि मनोहर लाल की से बधाई सैलजा के उस बयान के अगले दिन मिली, जिसमें उन्होंने कांग्रेस छोड़ने की अटकलों को खारिज कर दिया था।
सैलजा का जन्म 24 सितंबर 1962 को हिसार के गांव प्रभुवाला में हुआ था। उनके पिता चौधरी दलबीर सिंह हरियाणा के एक प्रसिद्ध दलित राजनीतिज्ञ थे। सैलजा पांच बार लोकसभा चुनाव जीत चुकी हैं। वह मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री भी रहीं। हरियाणा की राजनीति में दलित महिला नेता की पहचान रखने वाली सैलजा राज्य की जातीय राजनीति में हुड्डा विरोधी गुट में शामिल रहीं। हुड्डा विरोधी गुट एसआरके में ‘एस’ सैलजा ही हैं। 2024 के विधानसभा चुनाव के लिए टिकट बंटवारे में सैलजा की भूपेंद्र सिंह हुड्डा से अनबन हुई। उन्होंने अपने समर्थकों के लिए 35 सीटों की मांग की थी, मगर उनके चार-पांच समर्थकों को ही कांग्रेस का टिकट मिला।
सैलजा की नाराजगी पड़ सकती थी भारी
खुद सैलजा ने बताया कि वह उकलाना से चुनाव लड़ना चाहती थी, मगर केंद्रीय आलाकमान ने मना कर दिया। यह चर्चा में रहा कि केंद्रीय हाईकमान ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के दबाव में सैलजा के दावों की अनदेखी कर दी। इसके बाद सैलजा ने खुद को प्रचार से दूर कर लिया और ‘कोपभवन’ में चली गईं। उन्होंने इसकी शिकायत कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से की। उनकी नाराजगी के कारण राहुल गांधी को भी हरियाणा चुनाव प्रचार का शेड्यूल बदलना पड़ा। नाराज सैलजा को बीजेपी और बीएसपी ने पार्टी में शामिल होने का न्योता दे दिया। जब यह खबर सुर्खियों में आई, तो कांग्रेस नेताओं के कान खड़े हो गए। सैलजा को मनाने की जिम्मेदारी भूपेंद्र हुड्डा को सौंपी गई।
सैलजा के साथ पहली रैली करेंगे Rahul
23 सितंबर को सैलजा ने अपने बर्थडे से एक दिन पहले अपनी चुप्पी तोड़ी और दूसरी पार्टी में जाने के कयासों को अफवाह करार दिया। हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष उदय भान ने बताया कि सैलजा परेशान नहीं हैं और वह चुनाव प्रचार में जल्द ही उतरेंगी। 26 सितंबर को वह पहली जनसभा नरवाना में करेंगी, जहां उनके साथ राहुल गांधी भी मौजूद रहेंगे। इसके बाद राहुल बरवाला में रैली करेंगे। भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सैलजा के बीच बैलेंस बनाने के लिए राहुल गांधी का कार्यक्रम तय किया गया है।
हाईकमान को करनी होगी शर्त पूरी
हरियाणा में 22 फीसदी दलित वोटर हैं, जो किसी भी पार्टी की जीत-हार तय करते हैं। सैलजा की नाराजगी के बाद बीजेपी ने दलित बनाम जाट का नैरेटिव बनाया था और कांग्रेस की टेंशन बढ़ गई थी। अब उनके प्रचार में उतरने से कांग्रेस की चिंता काफी हद तक कम हो गई है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि सैलजा ने आलाकमान के सामने कड़ी शर्तें रखी हैं। उन्होंने सीएम पद पर अपनी दावेदारी बरकरार रखी है। अगर चुनाव नतीजे कांग्रेस के पक्ष में रहे तो हाईकमान को वादा पूरा कराने के लिए मशक्कत करनी पड़ेगी।