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Sanatan Saint Conference in Kanpur: कानपुर में सनातन संत सम्मेलन: हिंदू एकता पर जोर और ‘सनातन बोर्ड’ की मांग तेज

Sanatan Saint Conference in Kanpur:कानपुर के मोतीझील में हुए सनातन संत सम्मेलन में हिंदू एकता की हुंकार गूंजी। देवकीनंदन महाराज ने बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए उनका समर्थन किया। संतों ने 'सनातन बोर्ड' के गठन, श्रीकृष्ण जन्मभूमि की मुक्ति और तिरुपति प्रसाद में मिलावट पर सख्त कार्रवाई की मांग की। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर सरकार से तुरंत हस्तक्षेप की अपील की गई।

Sanatan Saint Conference in Kanpur: कानपुर। मोतीझील स्थित कथा प्रांगण में गुरुवार को सनातन न्यास फाउंडेशन के तत्वावधान में एक भव्य सनातन संत सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में हजारों की संख्या में श्रद्धालु और संत-धर्माचार्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम में हिंदू एकता, सनातन धर्म की सुरक्षा और बांग्लादेश में हो रहे हिंदुओं पर अत्याचारों के मुद्दे प्रमुखता से उठाए गए।

चिन्मय कृष्ण दास का समर्थन


धर्मगुरु देवकीनंदन महाराज ने बांग्लादेश सरकार द्वारा इस्कॉन से जुड़े चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, “बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले चिन्मय कृष्ण दास को जेल में डाल दिया गया है। इस्कॉन ने भले ही उनसे पल्ला झाड़ लिया हो, लेकिन उनका संबंध सनातन धर्म से है, और हम सनातनी उनके साथ खड़े हैं। हम बांग्लादेश सरकार को यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि भारतीय हिंदू इस लड़ाई में उन्हें अकेला नहीं छोड़ेंगे।”

सनातन बोर्ड की मांग


सम्मेलन में संतों और धर्मगुरुओं ने ‘सनातन बोर्ड’ के गठन की आवश्यकता पर जोर दिया। देवकीनंदन महाराज ने कहा कि हिंदुओं के धार्मिक और सामाजिक अधिकारों की रक्षा के लिए सनातन बोर्ड जरूरी है। उन्होंने कहा, “भारत में सनातनी स्थलों की सुरक्षा के लिए हमें एकजुट होकर इस बोर्ड का गठन करना ही होगा।”

मुगल आक्रांताओं पर निशाना


देवकीनंदन महाराज ने मंदिर-मस्जिद विवाद पर भी तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “मुगल आक्रांताओं ने हिंदुओं को नीचा दिखाने के उद्देश्य से मंदिरों को तोड़कर मस्जिदें बनाईं। उस समय स्थान की कोई कमी नहीं थी, फिर भी उन्होंने जानबूझकर धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया।”

बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार


संत सम्मेलन में बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रहे अत्याचारों पर गहरी चिंता व्यक्त की गई। देवकीनंदन महाराज ने कहा कि भारत सरकार को बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। संतों ने चेतावनी दी कि अगर इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया गया तो भविष्य में यह स्थिति भारत में भी उत्पन्न हो सकती है।

दिल्ली सनातन धर्म संसद के तीन मुख्य बिंदु


सम्मेलन में दिल्ली में आयोजित सनातन धर्म संसद में पारित तीन मुख्य बिंदुओं पर भी चर्चा हुई:

  1. मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि अतिक्रमण मुक्ति: संतों ने इस पवित्र स्थल को अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग दोहराई।
  2. सनातन बोर्ड का निर्माण: यह बोर्ड हिंदू धर्मस्थलों की सुरक्षा और सनातनी परंपराओं को संरक्षित रखने का कार्य करेगा।
  3. तिरुपति मंदिर प्रसाद मिलावट: दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की गई। संतों का आह्वान
    सम्मेलन में विभिन्न संतों ने हिंदू एकता पर जोर दिया। पूज्य जगतगुरु मुनीषा आक्षम जी, महामंडलेश्वर उदितानंद, साध्वी वैदिक शरण जी, स्वामी रामानंद, स्वामी मयंक दास सहित कई संतों ने अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में सनातन धर्म पर जो खतरे मंडरा रहे हैं, उनसे निपटने के लिए हमें संगठित होना होगा।

कार्यक्रम का संचालन


मंच संचालन सनातन न्यास फाउंडेशन के सचिव विजय शर्मा ने किया। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन सनातनी हिंदुओं के अधिकारों की रक्षा और एकजुटता का प्रतीक है।

Mansi Negi

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