मुंबई। शिवसेना सांसद संजय राउत ने रविवार को अपनी ही पार्टी ने 40 बागी शिवसेना विधायकों के बारे में विवादित टिप्पणी की। उन्होने कहा कि गुवाहाटी में सभी 40 बागी शिवसेना विधायकों की आत्मा मर गयी हैं। वे अब केवल जिंदा लाश हैं। राउत ने अपने बड़बोलेपन दिखाते हुए कहा कि इन शिवसेना विधायकों को विधानसभा में पोस्टमार्टम के लिए भेजा जाएगा।
सांसद संजय राउत के इस बयान के बाद एकनाथ शिंदे कैंप के विधायकों में रोष पैदा हो गया है। पिछले तीन दिन के भीतर बागी विधायकों के दफ्तरों पर हुई तोड़फोड़ के होने की घटनाओं और महाराष्ट्र सरकार द्वारा उनकी सुरक्षा वापस लिये जाने इसी बीच जहां इन बागी विधायकों में कई को केन्द्र सरकार की ओर से वाई प्लस की सुरक्षा उपलब्ध करायी गयी है, वहीं राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर महाराष्ट्र के 47 विधायकों को सुरक्षा दिये जाने के लिए कहा है। इन 47 विधायकों में से 38 विधायक शिवसेना के हैं।
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उधर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने संजय राउत के इस बयान से किनारा करते कर लिया है। सूत्रों का कहना है कि संजय राउत जिस तरह से बागी विधायकों को लेकर आक्रामक और धमकी देने वाले बयान दे रहे हैं, उससे शिवसेना विधायकों ही नहीं, दूसरे दलों के विधायकों में भी असंतोष पनपने लगा है। अब ये तय माना जाने लगा है कि शिवसेना में दो फाड़ होना तय है।
शिवसेना के ही सांसद अरविन्द सावंत के अधिवक्ता कामत ने मीडिया को बताया कि शिवसेना ने 16 बागी विधायकों को नोटिस जारी किया है और उनके जवाब मिलने के बाद उन्हें अयोग्य घोषित कराने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी। जिस तरह से उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों में दूरियां बढती जा रही हैं, उससे अब उनके बीच किसी भी तरह के सुलह-समझौते की गुंजाइश नहीं रहींऔर अब आर-पार की लड़ाई होगी और महाराष्ट्र की राजनीति नये परिदृश्य सामने आने तय हैं।