नई दिल्ली: आज 18 जुलाई को सावन का पहला सोमवार है. सुबह से शिव मंदिर में भक्तों की लंबी कतारें लगी हुई है. कावड़ यात्रा भी शुरू हो चुकी है. हर तरफ बम भोले के जयकारे गूंज रहे हैं. वाराणसी के काशी विश्वनाथ दरबार में भक्त अब सीधे गंगा घाट से गंगाजल लेकर बाबा विश्वानथ को जलाभिषेक कर रहे हैं.
देर रात से ही भक्त आज अपने आराध्य काशी विश्वनाथ के दर्शन और जलाभिषेक के लिए कतार में लगे रहे. हाथों में गंगाजल पात्रों में लिए भक्त बोल बम और हर हर महादेव के उद्घोष के साथ काशी विश्वनाथ के दरबार में आगे बढ़ते हुए नज़र आए. ऐसा पहली बार हुआ है, जब सावन के पावन माह के सोमवार के दिन बाबा काशी विश्वनाथ के दरबार में भक्त सीधे गंगा घाट से गंगाजल लेकर जलाभिषेक को जा रहे थे. इस दौरान पूरा वातावरण शिवमय हो गया. पहली बार बगैर किसी अवरोध या बाधा के गंगा घाट से गंगाजल लेकर काशी विश्वनाथ को अर्पित करने के लिए श्रद्धालु प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पूरा श्रेय और धन्यवाद देते नहीं थक रहे थे.
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सावन के शुभ दिन पर भोलेबाबा को चढ़ाएं ये चीजें
इस दिन शिवलिंग पर गंगाजल, बेलपत्र, धतूरा, भांग, कपूर, दूध, चावल, चंदन और भस्म जैसी चीजें अर्पित की जाती हैं. रूद्र और शिव पर्यायवाची शब्द हैं. रूद्र शिव का प्रचंड रूप है. ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव को रूद्राक्ष अर्पित करना बहुत ही शुभ माना जाता है. सुबह 04 बजकर 13 मिनट से लेकर 04 बजकर 54 मिनट तक ब्रह्म मुहूर्त रहेगा. इसके बाद दोपहर 12 बजे से 12.55 तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा. फिर दोपहर 02.45 से 03:40 तक विजय मुहूर्त रहने वाला है. इस बीच आप किसी भी समय शिवलिंग पर रूद्राक्ष चढ़ा सकते हैं.
सावन के पहले सोमवार पर मौना पंचमी का योग भी बन रहा है. मौना पंचमी पर भगवान शिव के साथ नागदेवता की पूजा का विधान है. कहते हैं इस दिन मौन व्रत रखने से मानसिक शक्ति का विकास होता है और शारीरिक तौर पर ऊर्जावान रहने में मदद मिलती है. शिव जी की पूजा के साथ मंत्र साधना करना लाभदायक होता है. रवि योग में शिव जी की आराधना करते वक्त महामृत्युंजय का जाप करें इससे भय दूर होगा और समस्त कष्टों से मुक्ति मिलेगी.
रवि योग आरंभ – 18 जुलाई 2022, 12.24 PM
रवि योग समाप्त – 19 जुलाई 2022, 5.35 AM
शोभन योग आरंभ – 17 जुलाई 2022, 05:49 PM
शोभन योग समाप्त – 18 जुलाई 2022, 03:26 PM
अभिजीत मुहूर्त – 18 जुलाई 2022, 11.47 AM से 12.41 PM
1. सावन सोमवार के सूर्योदय से पूर्व स्नानादि के बाद साफ वस्त्र पहनें. घर में शिवलिंग की पूजा कर रहे हैं तो सबसे पहले शिव जी के समक्ष दाएं हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प लें.
2. शिवलिंग पर गंगाजल सेअभिषेक कर पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर) अर्पित करें. इस दिन भोलेनाथ का गन्ने के रस से अभिषेक करने पर धन लाभ होता है.
3. 21 बेलपत्र पर चंदन से ऊं नम: शिवाय लिखें और शिवलिंग पर इसी मंत्र जाप करते हुए एक-एक बेलपत्र चढ़ाएं
4. शिवलिंग का सफेद चंदन और पुष्प से श्रृंगार करें, धतूरा, शमी पत्र, भांग, भस्म, अबीर, गुलाल, अक्षत, केसर, पान, सुपारी, इत्र आदि शिवलिंग पर अर्पित करें.
5. फल और मिठाई का भोग लगाने के बाद शिव चालीसा का पाठ करें. साथ ही पहला सावन सोमवार पर कई विशिष्ट योग बन रहे हैं ऐसे में शांत मन से शिव के मंत्रों का जाप करना शुभ होगा.
6. अब सावन सोमवार व्रत कथा का श्रवण करें और भोलेनात की आरती कर प्रसाद लोगों में बांट दें.