Terrorist Attack in Pakistan: पाकिस्तान में आतंकी हमलों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। 24 घंटे में यह दूसरी बड़ी घटना है जिसने पाकिस्तान को आतंकी हमलों से दहला दिया है। हाल ही में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बन्नू इलाके में हुए आत्मघाती हमले में 17 पाकिस्तानी सेना के जवान शहीद हो गए थे। यह हमला तब हुआ जब एक आतंकी ने विस्फोटकों से भरी गाड़ी को सेना की चेकपोस्ट से टकरा दिया। इस हमले के बाद इलाके में दहशत का माहौल है।
कैसे हुआ हमला?
यह हमला बन्नू इलाके के माली खेल चेक पोस्ट पर हुआ। आतंकी विस्फोटकों से भरी गाड़ी को चेक पोस्ट के पास ले गए और उसमें विस्फोट कर दिया। विस्फोट में चेक पोस्ट के साथ-साथ कई सैन्य वाहन भी नष्ट हो गए। इस हमले में पाकिस्तानी सेना के 10 और फ्रंटियर कांस्टेबुलरी के 2 जवान शहीद हो गए। इसके अलावा 7 अन्य लोग घायल हो गए।
हमले के तुरंत बाद आतंकियों ने चेकपोस्ट पर फायरिंग भी की। हालांकि, पाकिस्तानी सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में 6 आतंकी मारे गए। इस हमले की जिम्मेदारी हाफिज गुल बहादुर ग्रुप ने ली है।
यह हमला एक दिन पहले हुआ
इससे पहले भी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में पाकिस्तानी सेना पर हमला हुआ था। उस हमले में 8 सैनिक मारे गए थे और 9 आतंकवादी भी मारे गए थे। इस घटना की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने ली थी।
पाकिस्तान में आतंकवादी घटनाएं बढ़ती जा रही हैं
आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि के पीछे प्रमुख कारण अफगानिस्तान में तालिबान का सत्ता में आना बताया जा रहा है। 2021 में तालिबान द्वारा काबुल पर कब्जा किया गया, जिसके बाद से पाकिस्तान के सीमावर्ती क्षेत्रों में आतंकवादी हमले बढ़ गए हैं।
सरकार की नई रणनीति
हाल ही में पाकिस्तान सरकार ने बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में आतंकवादियों के खिलाफ एक बड़े सैन्य अभियान को मंजूरी दी है। यह कदम उग्रवाद और आतंकवादी हमलों की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए उठाया गया है।
सुरक्षा पर उठ रहे सवाल
लगातार हो रहे हमले पाकिस्तान की सुरक्षा नीति पर सवाल खड़े कर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आतंकवाद पर जल्द काबू नहीं पाया गया तो देश में हालात और गंभीर हो सकते हैं। इन घटनाओं से साफ पता चलता है कि पाकिस्तान को आतंकी संगठनों के खिलाफ ठोस और प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है।