देखे भारत की कुछ प्रेम कहानियां जिनका अंत रहा बेहद दर्दनाक
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Love Romance and Crime News Today: कई बार कुछ प्रेम कहानियों ऐसी होती है कि, उसके अंत की कल्पना भी नहीं की जा सकती। आईए पढ़ते है भारत की ऐसी ही कुछ प्रेम कहानियों के बारे में जो काफी दर्दनाक तरीके से खत्म हुई।
यह प्रेम कहानी बंगलूरू की है जो एक महिला की मौत और प्रेमी के जेल पहुचने पर जाकर खत्म होती है। सितंबर 2015 में बेंगलूरू एयरपोर्ट अथॉरिटी को बेंगलूरू के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर गोकुल माचरी का एक फर्जी फोन गया। फोन कॉल में गोकुल ने बेंगलूरू एयरपोर्ट अथॉरिटी को धमकी दी और धमकी देते हुए उन्होंने कहा कि, बेंगलूरू और दिल्ली के विभिन्न विमानों में बंम प्लाट किया गया है। इस फॉन कॉल की धमकी के बाद हर तरफ खलबली मच गई थी। सुरक्षा को देखते हुए उसी वक्त बहुत सी फ्लाइट्स रद्द कर दि गईं थी। हालांकि बाद में जांच के वक्त यह पाया गया कि विमान मे बम होने की बात सिर्फ एक अफवाह थी लेकिन पुलिस ने इस बात की पुरी जानकारी पाने के लिए जांच को वहीं खत्म नहीं किया। जब पुलिस ने इस नंबर के बारे में छानबीन की तो यह नंबर एक जोश नाम के व्यक्ती का निकला। जानकारी मिलते ही पुलिस जोश के पास पहुंच गई लेकिन वहां जाकर उन्हें पता लगा कि यह फॉन कॉल जोश ने नहीं बल्कि किसी और ने किया था।
आगे कि जांच के अनुसार खुलासा हुआ कि यह कॉल जोश के जिगरी दोस्त गोकुल माचरी ने की थी जिन्होंने जोश के नाम से इस नंबर के सिम कार्ड को खरीदा। उन्होंने यह कॉल जोश को फसाने के लिए की थी। दरअसल गोकुल, जोश की बीवी से कॉलेज के दिनों से प्यार करता था और वह उससे शादी भी करना चाहता था। गोकुल की इच्छा थी कि वह जोश को इस मामले में फसा के जेल भेज दे और बाद में उसकी पत्नी का हमदर्द बनके उससे शादी करले। लेकिन गोकुल के पकड़े जाने के बाद भी एक और सच का खुलासा होना बाकी था। पुलिस ने गोकुल से कड़ी पुछताछ की और उसने बताया कि दोस्त की पत्नी से शादी करने के लिए 2014 में उसने अपनी पत्नी की हत्या भी कर दी थी। इस सबके बाद गोकुल को जेल मे डाल दिया गया था।
कमांडर कवास मानेकशॉ नानावटी केस
यह केस इंडियन हिस्ट्री का सबसे दिलचस्प और यादगार केस में से एक माना जा सकता है। नानवटी की मुलाकात इग्लैंड में पढ़ी-लिखी सेल्विया से साल 1949 में इंग्लैंड में ही हुई थी। दोनो के बीच प्यार हुआ और फिर दोनो ने शादी कर ली। नानावटी अपनी बीवी को लेकर मुंबई आकर रहने लगे। सेल्विया 3 बच्चो कि मां थी। मुंबई में नानावटी की बीवी को अय्याश बिजनेसमैन प्रेम अहुजा से प्यार हो गया और सेल्विया ने प्रेम से शादी करने की बात कही लेकिन प्रेम ने सेल्विया के साथ शादी करने से मना कर दिया। सेल्विया ने नानावटी से प्रेम और अपने रिश्ते के बारे में सबकुछ बता दिया। इसके बाद नानावटी ने अपनी बीवी सेल्विया और बच्चों को 27 अप्रैल 1959 को सिनेमाघर के बाहर छोड़ दिया और कहा कि तुम फिल्म देखो में थोड़ी देर मे आ रहा हूं लेकिन इसके बाद नानावटी सीधे बॉम्बे हार्बर चले गए।
दरअसल नानावटी ने यह बहाना बना कर सिधा प्रेम अहुजा के घर पुहंचे और उनके बेडरूम में घुसकर उन्हें गोली मार दी। इसके बाद नानावटी ने खुद ही पुलिस स्टेशन में जाकर पुलिस के सामने सरेंडर भी कर दिया। कहा जाता है कि, नानावटी को उस वक्त नौसेना, स्थानीय अखबार और हजारों लोग स्पोर्ट कर रहे थे। 23 सितंबर 1959 ज्यूरी में इस मामले की सुनवाई शुरू हो गई थी। ज्यूरी ने जब इस केस की सुनवाई की तो उस वक्त ज्यूरी के आठ लोग नानावटी के पक्ष में थे और एक विपतक्ष में। हालांकी इस केस के बाद से ज्यूरी सिस्टम को भी खत्म कर दिया गया था। ज्यूरी की सुनवाई के बाद यह मामला बॉम्बे हाईकोर्ट में पहुंचा और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंचा और इसके बाद नानावटी को जेल भेज दिया गया लेकिन बाद मे उन्हें रिहा भी कर दिया गया और इसके बाद वह अपने परिवार के साथ कनाडा में शिफ्ट हो गए थे और साल 2003 में नानावटी की मौत हो गई थी।
यह प्रेम कहानी प्रोड्यूसर नीरज ग्रोवर और मारिया सुसीराज की है। दक्षिण फिल्मों में एक्टिंग के लिए स्ट्रगल कर रही मारिया सुसीराज की नीरज ग्रोवर के साथ काफी गहरी दोस्ती हो गई थी। जल्द ही यह दोस्ती प्यार में बदल गई थी लेकिन दोनो की प्रेम कहानी का अंजाम इतना भयानक होगा इसका उन्हें अंदाजा भी नहीं था। 7 मई 2008 को मुंबई के मलाड स्थित मारिया अपार्टमेंट में नीरज ग्रोवर की बेरहमी से हत्या कर दी गई। कहा जाता है कि 6 मई की रात को वह दोनो इस अपार्टमेंट में एक साथ ही थे लेकिन 7 मई की सुबह अचानक ही मारिया सुसीराज का मंगेतर मैथ्यू जेरोम अपार्टमेंट में जा पहुंचा। मैथ्यू ने नीरज को मारिया के साथ सोता देखा तो उसे बहुत गुस्सा आया और उसने नीरज की हत्या कर दी। हत्या के बाद मैथ्यू और मारिया ने नीरज की लाश के 300 टुकड़े करके उसे सुनसान जंगल में ले जा कर जला दिया। बाद में इस मामले पर मैथ्यू को नीरज के मर्डर का दोषी माना गया और साथ ही सुसीराज पर भी हत्या में मदद करने का आरोप लगाया गया।
शिवानी भटनागर एक तेज-तर्रार पत्रकार थी और यह प्रेम कहानी शिवानी और उस वक्त की हरियाणा पुलिस के आईपीएस अधिकारी आर के शर्मा के बीच की है। दोनो में काफी नजदीकीयां थी। साल 1999 में इस कहानी का अंत काफी दर्दनाक हुआ। 23 जनवरी को शिवानी भटनागर की पूर्वी दिल्ली स्थित उनके निवास स्थान पर उनकी मौत कर दी गई थी। कहा जाता है कि, शिवानी ने आर के शर्मा पर शादी का दबाव बनाया था और कहा कि अगर वो उससे शादी नहीं करेंगे तो वह उनके साथ अपने संबंधों की बात को पब्लिक कर देंगी। इसके बाद ही आर के शर्मा ने शिवानी को मार दिया था और इस मामले में पुलिस ने आर के शर्मा को गिरफ्तार भी कर लिया था। मामले में 18 मार्च 2008 को दिल्ली के ट्रायल कोर्ट ने रविकांत शर्मा, भगवान शर्मा, सत्य प्रकाश और प्रदीप शर्मा को उम्रकैद की सजा भी सुना दी गरई था लेकिन अक्टूबर 2011 में दिल्ली के हाईकोर्ट ने रविकांत शर्मा के साथ दो और लोगो को सबूतों के तौर पर बरी कर दिया था। इसके एंड तक भी यह पता नहीं चल पाता है कि शिवानी भटनागर को आखिर किसने मारा।