कानपुर: जनपद के इन्द्रा नगर और कछार के मध्य स्थित भ्रष्ट तंत्र विनाशक शनिदेव मन्दिर खास है। लेकिन यह केवल आम जमता व भक्तों के लिए है। इस मंदिर में बड़े अधिकारियों और मंत्रियों का प्रवेश वर्जित है। इस संबंध में मंदिर पर बाकायदा बोर्ड लगा हुआ है।
आपको यह बात अजीब लग सकती है, लेकिन यह सत्य है। भ्रष्ट तंत्र विनाशक शनिदेव मन्दिर के बाहर एक बोर्ड लगा है। इस बोर्ड पर साफ-साफ लिखा हुआ है। यह मन्दिर आम जनमानस के लिए है। इसमें कोई भी पूर्व या वर्तमान अधिकारी और मंत्री को जाने की आज्ञा नहीं है। सताए हुए पीड़ित लोग ही इस मन्दिर में अपनी अर्जी लगा कर दण्डाधिकारी से न्याय की गुहार लगाते हैं।
यह भी पढेंः डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने पहले की कसरत, फिर देहाती मार्ट की महिलाओं से पांच सौ के खरीदे चने
धार्मिक नगरी कहे जाने वाले कानपुर में ऐसा मन्दिर अपने आप में एक विचित्रता प्रदर्शित कर रहा है। वर्षो पूर्व बॉबी शर्मा ने इस मन्दिर का निर्माण कराया था। इसे तब आम जनमानस के लिए समर्पित कर दिया गया था।
इस मंदिर में आईएएस, आईपीएस और मंत्रियों के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगाने का भी एक बड़ा कारण है। इस मंदिर के प्रति शनि भक्तों में गहरी आस्था है। मान्यता है कि जो लोग प्रशासनिक और मंत्रियों से परेशान होते हैं, वे अपनी अर्जी दण्डाधिकरी श्री शनिदेव महाराज के समक्ष रखते हैं।
ये पीड़ित लोग शनिदेव जी से शोषण करने वालों को दण्डित करने मांग करते हैं। कानपुर का पहला ऐसा मन्दिर है जिसमें उच्च पद पर आसीन लोगों के प्रवेश पर रोक है।