Yogi Adityanath Slogan: राजनीति में नारों का हमेशा से काफी महत्व रहा है और उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले एक नारे ने फिर बवाल मचा दिया है। बीजेपी उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के नए मंत्र ‘बटेंगे तो काटेंगे’ के साथ उपचुनाव के मैदान में उतरने जा रही है। योगी के इस नारे पर सियासत गरमा गई है। ऐसे में धर्मगुरुओं ने भी इस नारे पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। इस मामले पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती और बागेश्वर धाम बाबा के नाम से मशहूर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भी अपना बयान दिया है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का कहना है कि हिंदू समाज एक और एकजुट है। वहीं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि हिंदू धर्म से जातिवाद का खात्मा होना चाहिए।
योगी के इस बयान पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा, ‘अगर हम बंटे हैं तो बंट जाएंगे। सबसे पहले तो बंटने की क्रिया भविष्य की है। यानी अभी हम बंटे नहीं हैं। अभी हम एक हैं। यह भविष्य की बात है, यानी ऐसी कौन सी वजह है जिसके चलते हम बंट जाएंगे?’ वहीं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा, ‘अब ये ब्राह्मण, ठाकुर, क्षत्रिय, वैश्य नहीं रहे, अब ये हिंदू हो गए हैं। फिर क्या होगा..’
हम भेदभाव खत्म करने के लिए यात्रा निकालेंगे
आपको बता दें कि बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री हिंदुओं में जातिवाद और भेदभाव को खत्म करने के लिए 158 किलोमीटर लंबी पदयात्रा पर निकलने वाले हैं। उनकी यह यात्रा 21 नवंबर से शुरू होने जा रही है। बागेश्वर बाबा ने भारत के मौजूदा हालात को देखते हुए हिंदुओं को एकजुट करने का संकल्प लिया है। यह पदयात्रा छतरपुर से ओरछा के राजा राम मंदिर तक 158 किलोमीटर की होगी। हाल ही में उन्होंने एक निजी चैनल को दिए बयान में अपनी पदयात्रा को लेकर कहा, ‘हिंदू एकजुट नहीं हैं। दुनिया के किसी भी देश में किसी भी धर्म के लोगों पर कोई संकट आता है तो वे अपने देश चले जाते हैं, लेकिन हिंदुओं के लिए कोई देश नहीं है। इसलिए हिंदुओं को एकजुट करने और हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए यात्रा शुरू की जा रही है। भविष्य में ऐसी यात्राएं पूरे देश में निकाली जाएंगी।’
आपको बता दें कि सीएम योगी ने एक जनसभा में कहा था, ‘अगर बांटेंगे तो बंटेंगे ही।’ योगी के इस बयान के बाद विपक्षी दलों ने भले ही इसकी आलोचना की हो, लेकिन आरएसएस ने इसका समर्थन किया है। आरएसएस ने कहा कि इस बयान का मतलब है कि हिंदुओं में एकता लाना जरूरी है।