PM Modi Pune Visit : आज प्रधानमंत्री मोदी पुणे के दौरे पर हैं। इस दौरे में पीएम मोदी (PM Modi) को कई विकास योजनाओं के शिलान्यास और उद्घाटन करने हैं और फिर उन्हें तिलक सम्मान कार्यक्रम में भी हिस्सा लेना है। एनसीपी नेता शरद पवार इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हैं और पवार को ही पीएम मोदी (PM Modi) को सम्मानित करना है और पुरस्कार भी देना है। हालांकि यह कार्यक्रम काफी पहले से ही तय था लेकिन जब से एनसीपी में टूट हुई है उसके बाद से इस कार्यक्रम पर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं।
विपक्ष के नेता लगातार कह रहे हैं कि शरद पवार को इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होना चाहिए। अगर वे शामिल होते हैं तो इसका विपक्षी एकता पर गलत असर पड़ेगा लेकिन शरद पवार अभी इस पूरे खेल पर मौन हैं। उनके मन में क्या चल रहा है यह कोई नहीं जानता। कई लोग यह कह रहे हैं कि उनकी राजनीति को समझना कठिन है। कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि शरद पवार भी बीजेपी के साथ जा सकते हैं। तमाम तरह की बातें हो रही है लेकिन शरद पवार चुप्पी साधे हुए हैं। बता दें कि विपक्षी एकता की बैठक भी मुंबई में होनी है और इसके आयोजक भी शरद पवार और उद्धव ठाकरे हैं। बैठक की तारीख इसी महीने के अंत में तय की गई है हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि पवार की व्यवस्तता की वजह से बैठक की तारीख आगे भी बढ़ सकती है।
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लेकिन सभी नजर आज के कार्यक्रम पर है। उद्धव शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा है कि अगर आज शरद पवार प्रधानमंत्री मोदी के साथ मंच साझा करते हैं तो इससे विपक्षी एकता पर गलत असर पड़ेगा। पवार को भी इस बारे में सोचने की जरूरत है। उन्हें कोई बड़ा निर्णय लेना चाहिए। राउत ने कहा कि जब विपक्षी गठबंधन एमवीए और इंडिया के नेता ऐसे कार्यक्रमों में शामिल होते हैं तो इससे लोगों में कन्फूजन होगा। पवार एक अनुभवी नेता हैं। उन्हें यह सब बताने की जरूरत नहीं है। अभी पवार के रुख को देखकर भ्रम बना हुआ है। उन्हें अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। हालांकि इंडिया एकजुट है और ज्यादा मजबूत भी।
कांग्रेस ने भी शरद पवार से इस कार्यक्रम में नहीं शामिल होने की अपील की है। मुंबई कांग्रेस प्रमुख वर्षा गायकवाड़ ने कहा है कि मैं उनसे आग्रह करती हुई कि एक बार फिर से वे अपने फैसले पर विचार करें। उधर शरद पवार के पोते रोहित पवार ने शरद पवार के फैसले का बचाव करते हुए कहा है कि इसे राजनीतिक तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। अभी तक यह साफ़ नहीं हुआ है कि पवार पुणे के कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं या नहीं। अगर वे कार्यक्रम में शामिल होते हैं तो इसे राजनीतिक तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। क्योंकि हर कोई जनता है कि साहेब ने अपने राजनीतिक और सामाजिक जीवन को अलग तरह से जिया है।