Political News: ठगिनी राजनीति भला किसकी होती है ? यह तो घर को उजाड़ देती है और भाई -भाई को ही दुश्मन बना देती है। लेकिन इस बार भाई के खिलाफ कोई बहन दुदुम्भी बजा रही है। भाई आंध्र प्रदेश का सीएम है तो बहन कांग्रेस के साथ कड़ी होकर भाई की राजनीति को साफ़ करने को तैयार है। राजनीति का यह खेल भरमा भी रहा है और लुभा भी रहा है। इस खेल का अंजाम क्या होगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन जिस तरह से कांग्रेस दक्षिण की राजनीति को साध रही है उसके मायने भी निकाले जा रहे हैं। लेकिन अभी का सच यही है कि भाई जगन रेड्डी के खिलाफ बहन शर्मिला ताल ठोकती नजर आ रही है।
Also Read: Latest Hindi News Political News । News Today in Hindi
आंध्रप्रदेश में इसी साल चुनाव होने हैं। वहां पिछले दो चुनाव से जगन रेड्डी की सरकार है। जगन रेड्डी के पिता वाईएसआर कभी कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार थे और प्रदेश के मुख्यमंत्री भी थे। लेकिन उनकी मौत के बाद सब कुछ बदल गया। जगन रेड्डी की कांग्रेस से अनबन हुई। उन्होंने नई पार्टी बनाई और चुनावी मैदान में कूद पड़े। चुकी आंध्रा की जनता उनके पिता के साथ खड़े थे इसलिए जनता ने उनका सपोर्ट किया और पिछले दो चुनाव में उन्हें सत्ता तक पहुंचा दिया। जगन रेड्डी की राजनीति काफी मजबूत हुई लेकिन इस बीच कांग्रेस और टीडीपी की राजनीति लगभग जमींदोज सी हो गई। अब कांग्रेस इस प्रदेश में फिर से उठने की कोशिश कर रही है। जगन की बहन है शर्मीला। शर्मीला अभी तक तेलंगाना की राजनीति करती रही है। कुछ इलाकों में उनका काफी प्रभाव भी है। लेकिन अभी हालिया तेलंगाना के चुनाव में शर्मीला ने अपने उम्मीदवार खड़े नहीं किये। उन्होंने कांग्रेस का समर्थन किया। और अब वह कांग्रेस से जुड़ने जा रही है। खबर है कि उनकी पार्टी भी कांग्रेस में विलय कर जाएगी।
Read More News: Latest Political News Today in Hindi | Political Samachar in Hindi
लेकिन कहानी यहीं तक की नहीं है। कहानी आगे की है। अब कहा जा रहा है कि शर्मीला को कांग्रेस राज्य सभा में भेज रही है और आंध्रा प्रदेश के चुनाव में भाई के खिलाफ उन्हें ले जा रही है। कांग्रेस के लिए यह बड़ी बात है कि दक्षिण में लगातार उसे जीत मिल रही है। पहले कर्नाटक में कांग्रेस की जीत हुई फिर सरकार बनी और फिर तेलंगाना में कांग्रेस सरकार बनाने में सफल रही। अब कांग्रेस आँध्र प्रदेश में भी कांग्रेस की सरकार चाहती है। शर्मीला के कांग्रेस में आने से आंध्रा की राजनीति कांग्रेस के लिए आसान हो सकती है। शर्मीला की कहानी बीएस यही नहीं है कि वह वाईएसआर तेलंगाना पार्टी की संस्थापक रही है बल्कि उनकी पहचान यह भी है कि शर्मीला का ताल्लुक अब ईसाई परिवार से है। उनके पति अनिल कुमार एक बड़े कारोबारी हैं और ईसाई धरम प्रचारक भी हैं। इन दोनों ने प्रेम विवाह किया था। शर्मीला पहले अपने भाई के साथ ही राजनीति को आगे बढ़ा रही थी। इसमें उसकी माँ का भी सहयोग था। भाई जगन के जेल जाने के बाद शर्मीला ने 2012 में राज्य में तीन हजार किलोमीटर की पदयात्रा की थी और जनता ने उन्हें खूब सराहा था। 2019 में शर्मीला ने बस यात्रा करके नायडू के खिलाफ बड़ा आंदोलन किया था। 2019 के विधान सभा चुनाव में भाई को सत्ता भी मिल गई।
Read: Latest Hindi News Today | Today Hindi Samachar
इसके बाद 2021 में शर्मीला ने भाई की सत्ता के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। इसके बाद उन्होंने तेलंगाना में एक नयी पार्टी की स्थापना की। वाईएसआर तेलंगाना नाम से उन्होंने पार्टी बनाई। इसके बाद जगन और शर्मीला की माँ ने भी शर्मीला के साथ आ खड़ी हुई। अब शर्मीला की पार्टी कांग्रेस के साथ विलय करने जा रही है। कहा जा रहा है कि अगले आँध्रप्रदेश के चुनाव में शर्मीला अब भाई के खिलाफ ही राजनीति करेगी। और ऐसा हुआ तो प्रदेश की राजनीति देखने लायक होगी।