Manipur Violence Latest News: मणिपुर में कोई सुधार नहीं। कहने को वहां शांति के कई प्रयास किये जा रहे हैं लेकिन शांति बहाल नहीं हो रही। सूबे के लोग अब एक-दूसरे के दुश्मन बने हुए हैं। कुकी समुदाय के लोग मैतेई को देखना नहीं चाहते और मैतेई समुदाय के लोग कुकी को देखते ही हमलावर हो जाते हैं। हमला तो कुकी समुदाय के लोग भी कर रहे हैं लेकिन चूंकि इनकी आबादी कम है इसलिए मैतेई के सामने कमजोर पड़ जाते हैं। याद रहे मैतेई समुदाय के लोग खुद को हिन्दू समाज का मानते हैं। ये घाटियों में रहते हैं और इनकी आबादी भी सबसे ज्यादा है।
उधर कुकी और नागा समुदाय के लोग पहाड़ी इलाकों और जंगलों में रहते हैं। इनमें शिक्षा का भी अभाव है और गरीबी भी ज्यादा है। लेकिन लड़ने में ये किसी से कम नहीं। पिछले तीन महीने से ज्यादा हो गए और कुकी-मैतेई के बीच युद्ध जारी है। यह युद्ध ही है। जब कोई किसी को देखते ही हमलावर हो जाता है तब इसे क्या कहेंगे ? मणिपुर गृहयुद्ध की चपेट में है।
बीते शनिवार मणिपुर (manipur) का सबसे हिंसक दिन था। एक ही दिन पांच लोगों की हत्या हुई और दर्जनों लोग घायल हो गए। घायलों में कई की हालत बेहद नाजुक है। शनिवार को ही कई इलाके से उग्रवादियों ने सरकारी हथियार भी लूट लिए। कहा जा रहा है कि यह हथियार की अब तक की सबसे बड़ी लूट थी। हालांकि सेना के जवान लगातार छापेमारी कर रहे हैं और खबर है कि कुछ हथियार सेना को हाथ भी लगे है। बड़ी संख्या में गोला बारूद भी बरामद हुए हैं। सेना और पुलिस भी हथियार और गोला बारूद को देखकर दंग है कि इतने बड़े स्तर पर ये हथियार कहां से आये हैं। पकड़े गए कई हथियार विदेशी हैं। कहा जा रहा है कि ये सब चीनी हथियार हैं।
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इसी बीच आज गृहमंत्री अमित शाह से आईटीएलएफ आदिवासी संगठन के लोग मिलने पहुंच रहे हैं। इन लोगों ने शाह से मिलने का आग्रह किया था और शाह की तरफ से मिलने का समय भी दिया गया है। खबर के मुताबिक इस बैठक के बाद क्या कुछ रास्ता निकलता है इसे देखना होगा लेकिन जिस तरह से आदिवासी समाज यानी कुकी समाज के लोग राज्य सरकार पर इल्जाम लगा रहे हैं उससे राज्य सरकार की मुश्किलें भी बढ़ने वाली है। उधर आज सुप्रीम कोर्ट में भी मणिपुर पर सुनवाई चल रही है और मणिपुर के डीजीपी को बुलाया गया है। सुप्रीम कोर्ट आगे क्या कुछ करता है इस पर भी देश की नजर है।
बता दें कि मणिपुर (manipur) में सरकारी आंकड़े के मुताबिक अब तक 187 लोगों की मौत हो चुकी है। हजारों लोग घायल हैं। सैकड़ों धार्मिक स्थलों को जलाया गया गया है। और करीब 80 हजार से ज्यादा लोग शरणार्थी जीवन जीने को अभिशप्त हैं। बदले हालत में आज ही मणिपुर में फिर से अर्धसैनिक बलों की दस कंपनियों को तैनात किया गया है।
लेकिन गृह मंत्री अमित शाह के साथ आज आदिवासी समाज के लोगों की बैठक का क्या नतीजा निकलता है यह काफी अहम है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो मणिपुर में शांति की बात संभव हो सकती है। लेकिन जिस तरह से मणिपुर के मैतेई लोग अब कुकी के खिलाफ आग उगल रहे हैं इससे नहीं लगता कि शांति की वापसी होगी।