नई दिल्ली: गुजरात की एसआईटी (विशेष जांच टीम) ने अदालत में दिये अपने हलफनामे में तत्कालीन कांग्रेस कोषाध्यक्ष अहमद पटेल द्वारा मोदी के बदनाम करने के लिए अभियान चलाने वाली तीस्ता सीतलवाड़ को 30 लाख रुपये की फंडिंग को खुलासा होने पर भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने बड़ा खुलासा किया है।
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस में आरोप लगाया कि विशेष जांच टीम ने अदालत में दिये हलफनामे के साफ है कि वर्ष 2002 में गुजरात में हुए गोधरा कांड के बाद तत्कालीन कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने मुख्य राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल को मोहरा बनाकर तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को बदनाम और अपमानित करके उनका राजनीति करियर चौपट किया जा सके और गुजरात सरकार को बर्खास्त किया जा सके।
इसी साजिश के तहत सोनिया गांधी ने कांग्रेस की राष्ट्रीय सलाहकार समिति की सदस्य तीस्ता सीतलवाड से दिल्ली में बुलाया गया और गोधरा कांड को लेकर नरेन्द्र मोदी और भाजपा विरोधी अभियान चलाकर उन्हें अदालत में घसीटकर मामला लंबा चलाने की योजना बनायी गयी ताकि नरेन्द्र मोदी की छवि धूमिल हो सके और भाजपा को कोई मजबूत नेता न मिल सके। कांग्रेस के इस सारे षडयंत्र के पीछे एक ही मंशा से किया गया ताकि राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के लिए प्रोमोट किया जा सके।
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भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि मोदी के खिलाफ अभियान चलाने वाली तीस्ता सीतलवाड चाहती थी कि कांग्रेस 2006 में उन्हें राज्यसभा भेजे, लेकिन कांग्रेस तीस्ता को राज्यसभा नहीं भेजा तो वह नाराज हो गयी थीं। तीस्ता सीतलवाड को खुश करने के लिए ही कांग्रेस ने 2007 में तीस्ता को पदमश्री दिया था। पात्रा का कहना है कि कांग्रेस की ओर से दो किश्तों जिनमें पहली बार और दूसरी बार 25 लाख रुपये दिये थे, उनका प्रयोग तीस्ता ने निजी लाभ के लिए किया। इस संबंध में फिरोज खान पठान ने तीस्ता के खिलाफ धन के दुरुपयोग की रिपोर्ट भी दर्ज करायी गयी थी।
संबित पात्रा ने कहा कि इस मामले में सोनिया गांधी को खुद जनता के सामने आकर जवाब देना पड़ेगा। जयराम रमेश के पूर्व में तैयार किये चंद लाइनों में सफाई देने वाले बयान जारी करके आरोपों को झूठे बताने से काम नहीं चलेगा। सोनिया जी को जनता के सामने अपनी साजिशों को मानकर सच्चाई को स्वीकार करना ही होगा।