MEETING CLIMATE CHANGE: जलवायु परिवर्तन पर राज्य स्तरीय मंथन: मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अधिकारियों को दिए अहम निर्देश
MEETING CLIMATE CHANGE: मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर अधीनस्थ अधिकारियों के साथ गहन विचार-विमर्श किया। इस दौरान उन्होंने संबंधित विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए, ताकि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को प्रभावी ढंग से कम किया जा सके।
MEETING CLIMATE CHANGE: मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए राज्य स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में कृषि, ऊर्जा, पर्यटन, वन और पर्यावरण जैसे कई विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। मुख्य सचिव ने जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों पर विचार-विमर्श करते हुए स्टेट एक्शन प्लान पर चर्चा की और संबंधित विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
बैठक में जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दों पर विभागवार चर्चा की गई। इस दौरान मुख्य सचिव ने कृषि विभाग से लेकर पर्यटन और ऊर्जा विभाग तक, सभी के लिए अलग-अलग प्राथमिकताएं तय की। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए दीर्घकालिक और स्थायी नीतियों की आवश्यकता है।
कृषि में जैविक खेती को बढ़ावा
कृषि विभाग पर विशेष जोर देते हुए मुख्य सचिव ने गुणवत्ता युक्त जैविक खेती को प्राथमिकता देने की बात कही। मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार और सिंचाई क्षमता को बढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीकों को अपनाने पर बल दिया गया। किसानों को ऋण बीमा और उन्नत कृषि उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भी दिशा-निर्देश जारी किए गए। मुख्य सचिव ने कहा कि यह जरूरी है कि किसानों को जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए सक्षम बनाया जाए।
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पर्यटन में रिसर्च और सस्टेनेबल टूरिज्म पर जोर
पर्यटन विभाग को संबोधित करते हुए मुख्य सचिव ने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को ध्यान में रखते हुए पर्यटन पर रिसर्च बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने सस्टेनेबल टूरिज्म डेवलपमेंट गाइडलाइंस तैयार करने के निर्देश दिए। यह गाइडलाइंस पहाड़ी और पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्रों में पर्यटन गतिविधियों को संरक्षित रखते हुए उनके विकास में सहायक होंगी।
वन और पर्यावरण संरक्षण पर नीतिगत पहल
वन विभाग को निर्देशित करते हुए मुख्य सचिव ने जैव विविधता और वन संरक्षण के लिए अनुसंधान को बढ़ावा देने की बात कही। पर्वतीय क्षेत्रों में निर्माण कार्यों और वनों की रक्षा के लिए नीतिगत पहलुओं पर जोर दिया गया। इसके साथ ही पीरूल को ईंधन और बायोगैस के रूप में उपयोग करने की योजना पर काम तेज करने का निर्देश दिया गया।
ऊर्जा संरक्षण और जल संग्रहण पर ध्यान
ऊर्जा विभाग से ऊर्जा संरक्षण और वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों के विकास के लिए रणनीति तैयार करने को कहा गया। मुख्य सचिव ने वाटर हार्वेस्टिंग और नए सोलर प्रोजेक्ट्स पर काम करने की आवश्यकता बताई। ऊर्जा संरक्षण के लिए क्षमता विकास पर भी चर्चा की गई।
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ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन पर विशेष ध्यान
बैठक के दौरान ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन की स्थिति और इसे नियंत्रित करने के उपायों पर भी चर्चा की गई। मुख्य सचिव ने राज्य में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए समेकित प्रयास करने पर बल दिया।
वित्तीय पोषण और नियमित मूल्यांकन की जरूरत
मुख्य सचिव ने जलवायु परिवर्तन पर स्टेट एक्शन प्लान की वित्तीय स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि इस योजना के लिए पर्याप्त वित्तीय पोषण सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इसके साथ ही, मॉनिटरिंग और नियमित मूल्यांकन को सुदृढ़ बनाने के निर्देश भी दिए।
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