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सीएम धामी चिंतन शिविर में बोले- राज्य के विकास के लिए चिंतन के साथ जनहित की चिंता भी जरुरी

मुख्यमंत्री का कहना था कि देहरादून में बैठकर दूर दराज के इलाकों के विकास योजनाएं न बनायी जाएं। संबंधित अधिकारियों को उन्हीं इलाको में प्रवास करना होगा। वहां के लोगों से बात करते जमीनी सतह पर समस्याएं जानकर योजनाएं बनायी जानी चाहिए। उन्होने कहा कि इसके लिए अधिकारियों की जवाब  देही तय करने के भी निर्देश दिये।

मसूरी। उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि केवल जनहित के लिए चिंतन ही पर्याप्त नहीं है। हमें उनके कल्याण के लिए वास्तव में चिंता करनी होगी। उनकी समस्याओं के समाधान के लिए गंभीरतता से काम करना होगा। सरकार राज्य के विकास व आर्थिक सुदृढता के लिए रोड मैप तैयार कर रही है।  

सीएम धामी मंगलवार को यहां चिंतन शिविर में बोल रहे थे। धामी सरकार 2025 तक उत्तराखंड को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने के लिए प्रयासरत है। राज्य के विकास के लिए सरकार पहली बार चिंतन शिविर आयोजित कर रही है।

यह चिंतन शिविर मसूरी के लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी के सभागार में आयोजित हो रही है। इस शिविर में नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी, नीति आयोग से सलाहकार डॉ. कुंदन कुमार, प्रमुख सचिव आवास आनंद वर्धन प्रमुख सचिव लोनिवि आरके सुधांशु सहित राज्य के आला अफसरों ने भाग लिया।  

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 सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में कहा कि चिंतन शिविर में जो निर्णय होगा, उसे प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा। उन्होने कहा कि हमें दूर दराज में रहने वाले लोगों की समस्याओं के समाधान को गंभीरता से लेना होगा।

मुख्यमंत्री का कहना था कि देहरादून में बैठकर दूर दराज के इलाकों के विकास योजनाएं न बनायी जाएं। संबंधित अधिकारियों को उन्हीं इलाको में प्रवास करना होगा। वहां के लोगों से बात करते जमीनी सतह पर समस्याएं जानकर योजनाएं बनायी जानी चाहिए। उन्होने कहा कि इसके लिए अधिकारियों की जवाब  देही तय करने के भी निर्देश दिये।

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