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सिंगर Palash Sen का बड़ा खुलासा, ‘पिता की मौत के बाद इसलिये पहनते थे मां का मंगलसूत्र’ जानें क्या है वजह ?

पलाश (Palash Sen) सेन ने खुलासा किया कि उन्होंने अपने पिता की मौत हो जाने के बाद अपनी मां का मंगलसूत्र (Mangalsutra) पहनना शुरू किया. गायक पलाश (Singer Palash) सेन ने कहा है कि वह अपनी मां के बहुत करीब हैं और उन्होंने खुलासा किया कि उन्होंने कुछ साल पहले उनका मंगलसूत्र पहनना शुरू किया था. मंगलसूत्र शादी के बाद हिंदू रीति रिवाज दुल्हनों द्वारा पहना जाने वाली एक चेन है एक साक्षात्कार के दौरान पलाश ने यह भी कहा कि, उनके अपनी मां के साथ ‘सबसे ज्यादा झगड़े और मतभेद’ होते थे. सिंगर ने अपनी मां को भी अपने जीवन में ‘नंबर एक व्यक्ति’ का नाम दिया. उन्होंने अपनी मां को ‘मजबूत और सख्त’ इंसान भी बताया.

गूगल से ली गई तस्वीर

पलाश ने मां को बताया सबसे मजबूत महिला

एक साक्षात्कार में, पलाश ने अपनी माँ के बारे में बात की, “जब विभाजन हुआ तब वह आठ साल की थी. वह 4 साल के भाई की देखभाल करने वाली 8 साल की अकेली लड़की के रूप में लाहौर से जम्मू तक पैदल चलीं वे दोनों सीमा पार से अकेले जम्मू के लिए चल पड़े. वह बहुत मजबूत थी. वह एक ऐसे स्कूल में गई जहां केवल लड़के ही पढ़ते थे क्योंकि उस समय जम्मू-कश्मीर में लड़कियों का कोई स्कूल नहीं था. वह 17 साल की थी जब उसने अपना घर छोड़ दिया और लखनऊ में MBBS किया।”

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इसलिये पलाश पहनते हैं मंगलसूत्र?

आपने अक्सर पलाश सेन को अपने गले में एक मंगलसूत्र पहने हुए देखा होगा. दरअसल, मंगलसूत्र हर एक हिंदू महिला शादी के बाद अपनी सुहाग की निशानी के तौर पर अपने गले में पहनती है. ऐसे में पलाश सेन का मंगलसूत्र पहनना हमेशा ही लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचता है. पलाशा ने खुद इसके पीछे की वजह बताई है. पलाश सेन अपनी मां के बहुत करीब हैं. ‘Mashable India’ के साथ इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि कुछ सालों से वह मंगलसूत्र पहन रहे हैं. वह मंगलसूत्र उनकी मां का है. पलाश ने बताया कि पिता की मौत के बाद मां ने मंगलसूत्र पहनना बंद कर दिया था, इसलिए उन्होंने ब्लैसिंग्स (Blessings) के तौर पर इसे पहन लिया और अब तक पहनते हैं.

इंस्टाग्राम फोटो

‘मुझे लगता है कि इसकी वजह से मां और मेरे बीच बहुत सारी असहमति और झगड़े थे.  उसके पास एक मंगलसूत्र था जिसे उसने तब पहनना बंद कर दिया जब मेरे पिता गुजर गए. मैंने मंगलसूत्र पहनना शुरू किया. मैं इसे पहनता हूं. मैं इसे मुख्य रूप से मंच पर पहनता हू. ऐसा लगता है कि उनका आशीर्वाद हर समय मेरे साथ है. मैं उसके साथ एक खरतूस भी पहनता हूं, जो मैं मिस्र से ले आया हूं उसमें दोनों तरफ मेरे माता-पिता का नाम है.

1998 में की बैंड ‘यूफोरिया’ की स्थापना

आपको बता दें कि पलाश ने 1998 में दिल्ली में अपने बैंड ‘यूफोरिया’ की स्थापना की थी.बैंड को ‘माएरी’, ‘धूम पिचक धूम’, ‘आना मेरी गली’, ‘अब ना जा’, ‘सोनेया’, ‘महफूज’ और ‘सोने दे मां’ जैसे हिट ट्रैक के लिए जाना जाता है. पलाश ने 2001 में ‘फिल्हाल’ के साथ बॉलीवुड में अभिनय की शुरुआत की। मेघना गुलजार द्वारा निर्देशित इस फिल्म में तब्बू और सुष्मिता सेन ने भी अभिनय किया था.

Prachi Chaudhary

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