Stock Market News Today: शेयर बाजार निवेशकों को 8.30 लाख करोड़ रुपये का नुकसान
मंगलवार को सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही 1.5 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुए। जिसके चलते शेयर बाजार साढ़े 7 महीने यानी 7 जून 2024 के स्तर पर आ गया है। इस गिरावट के लिए डोनाल्ड ट्रंप की 'ट्रंप'नॉमिक्स को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। इसके अलावा शेयर बाजार में गिरावट की और भी वजहें हैं।
Stock Market News Today: डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद शेयर बाजार में इस तरह का तूफान आने की किसी को उम्मीद नहीं थी। कारोबार के दौरान निवेशकों को 8.30 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ। खास बात यह रही कि सेंसेक्स 75 हजार अंक के स्तर पर आ गया। जबकि निफ्टी भी 23 हजार अंक से नीचे नजर आया। ट्रंप की नीति और उसके बाद आई अस्थिरता को देखते हुए शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिली है।
दूसरी ओर विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी है। कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और रियल्टी शेयरों में गिरावट से भी शेयर बाजार में नुकसान हुआ है। तीसरी तिमाही के नतीजे अच्छे नहीं दिख रहे हैं। दूसरी ओर जोमैटो और शेयर बाजार के दिग्गज शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। जिसका असर शेयर बाजार पर साफ तौर पर देखने को मिल रहा है।
जनवरी महीने की बात करें तो शेयर बाजार में 3 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। जहां सेंसेक्स में 3 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है। जबकि निफ्टी में भी 2.80 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। जानकारों की मानें तो शेयर बाजार में अभी और गिरावट देखने को मिल सकती है। ट्रंप की घोषणाएं अभी विस्तार से सामने नहीं आई हैं। जब सामने आएंगी तो उनका असर शेयर बाजार में जरूर देखने को मिलेगा। आइए आपको भी बताते हैं कि शेयर बाजार में किस तरह की चीजें देखने को मिल रही हैं और निवेशकों को कितना नुकसान हुआ है?
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शेयर बाजार में बड़ी गिरावट
‘ट्रंप’नॉमिक्स का खौफ दुनिया के सभी शेयर बाजारों में देखने को मिल रहा है और आने वाले दिनों में भी देखने को मिल सकता है। आंकड़ों पर गौर करें तो बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स में कारोबारी सत्र के दौरान 1,431.57 अंकों की गिरावट आई और सेंसेक्स साढ़े 7 महीने के निचले स्तर 75,641.87 अंकों पर पहुंच गया। वैसे, आज सुबह सेंसेक्स 77,261.72 अंकों के साथ हरे निशान पर खुला था और 77,337.36 अंकों के साथ दिन के उच्चतम स्तर पर भी पहुंचा। उसके बाद शेयर बाजार में लगातार गिरावट देखने को मिली। शेयर बाजार बंद होने पर सेंसेक्स 1.60 फीसदी यानी 1,235.08 अंकों की गिरावट के साथ 75,838.36 अंकों पर नजर आया।
वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक निफ्टी भी बड़ी गिरावट के साथ बंद हुआ। आंकड़ों के मुताबिक यह 320.10 अंकों की गिरावट के साथ 23,024.65 अंकों पर बंद हुआ। खास बात यह है कि कारोबारी सत्र के दौरान निफ्टी 367.9 अंकों की गिरावट के साथ 22,976.85 अंकों पर पहुंच गया। वैसे, आज निफ्टी 23,421.65 अंकों पर खुला और जल्द ही 23,426.30 अंकों के साथ दिन के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। जानकारों के मुताबिक आने वाले दिनों में निफ्टी में और गिरावट देखने को मिल सकती है।
किन शेयरों में गिरावट देखने को मिली
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर कई दिग्गज शेयरों में गिरावट देखने को मिली। टाटा ग्रुप की ट्रेंट कंपनी के शेयरों में 6 फीसदी की गिरावट देखने को मिली। जबकि एनटीपीसी, अडानी पोर्ट के शेयरों में 3 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली। देश के दूसरे सबसे बड़े कर्जदाता आईसीआईसीआई बैंक और अडानी एंटरप्राइजेज के शेयरों में 2.78 फीसदी की गिरावट देखने को मिली। अगर बढ़त वाले शेयरों की बात करें तो अपोलो हॉस्पिटल के शेयर में 2.13 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है। जबकि टाटा कंज्यूमर, बीपीसीएल के शेयरों में 1 फीसदी से ज्यादा की बढ़त देखने को मिली है। श्रीराम फाइनेंस और जेएसडब्ल्यू स्टील के शेयरों में 0.50 फीसदी से ज्यादा की बढ़त देखने को मिली।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर जोमैटो के शेयर में 10 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है। जबकि एसबीआई और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में 2.5 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। टेक महिंद्रा, बजाज फाइनेंस और महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयरों में 2 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है। टीसीएस, इंडसइंड बैंक, टाटा स्टील, पावरग्रिड, टाटा मोटर्स के शेयरों में एक फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है। अल्ट्रा सीमेंट और एचसीएल टेक के शेयर मामूली बढ़त के साथ बंद हुए हैं।
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शेयर बाजार के निवेशकों को भारी नुकसान
दूसरी ओर शेयर बाजार के निवेशकों को भारी नुकसान हुआ। निवेशकों का नुकसान बीएसई के मार्केट कैप से जुड़ा हुआ है। आंकड़ों पर गौर करें तो सोमवार को बीएसई का मार्केट कैप 4,31,59,726.15 करोड़ रुपये था, जो कारोबारी सत्र के दौरान जब शेयर बाजार साढ़े 7 महीने के निचले स्तर पर पहुंचा तो बीएसई का मार्केट कैप 4,23,28,860.11 करोड़ रुपये पर आ गया। यानी कारोबारी सत्र के दौरान बीएसई के मार्केट कैप को 8,30,866.04 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। हालांकि बाजार बंद होने के बाद बीएसई का मार्केट कैप 4,24,24,951.62 करोड़ रुपये पर नजर आ रहा है।
ये हैं वो कारण जिनकी वजह से शेयर बाजार में गिरावट आई
1. टैरिफ बढ़ोतरी पर ट्रंप का अप्रत्याशित रुख: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार शुल्कों पर अप्रत्याशित रुख के बाद बाजार सतर्क हो गए, निवेशक संभावित नीतिगत बदलावों से चिंतित हैं। पड़ोसी देशों पर टैरिफ लगाने के बारे में उनकी हालिया टिप्पणियों ने वैश्विक बाजार की धारणा को और अस्थिर कर दिया है। ट्रंप का प्रशासन 1 फरवरी से मैक्सिको और कनाडा पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने पर विचार कर रहा है, जिससे उनके उद्घाटन भाषण से शुरुआती आशावाद के बाद देरी की उम्मीदें खत्म हो गई हैं। इस अनिश्चितता ने मुद्रास्फीति के दबाव, संभावित रूप से अत्यधिक गर्म अमेरिकी अर्थव्यवस्था और मजबूत डॉलर के बारे में चिंताएं बढ़ा दी हैं, जो बॉन्ड पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
2. ज़ोमैटो और बड़े शेयरों में गिरावट: जोमैटो ने सेंसेक्स में गिरावट में 150 अंकों का योगदान दिया, इसके शेयरों में 11 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई, क्योंकि इसने दिसंबर तिमाही में शुद्ध लाभ में 57 प्रतिशत की साल-दर-साल गिरावट दर्ज की थी। रिलायंस, आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई और एमएंडएम जैसे अन्य बड़े शेयरों ने समग्र सेंसेक्स में गिरावट में संयुक्त रूप से 490 अंकों का योगदान दिया।
3. आय में मंदी: निफ्टी 50 कंपनियों का ईपीएस तीसरी तिमाही में साल-दर-साल केवल 3 प्रतिशत बढ़ेगा। पूंजीगत सामान, स्वास्थ्य सेवा और दूरसंचार क्षेत्रों का पीएटी दोगुना होने की उम्मीद है। इनक्रेड इक्विटीज ने एक मीडिया रिपोर्ट में कहा कि पिछड़े क्षेत्रों में धातु, रसायन, उपभोक्ता उत्पाद, बैंक और तेल और गैस होने की संभावना है। परिणाम सीजन की शुरुआत कमजोर नोट पर हुई है।
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4. उपभोक्ता टिकाऊ और रियल्टी शेयरों में गिरावट: निफ्टी कंज्यूमर ड्यूरेबल्स इंडेक्स में 4 फीसदी की गिरावट आई। डिक्सन टेक्नोलॉजीज के शेयरों में तीसरी तिमाही के नतीजों के बाद करीब 14 फीसदी की गिरावट आई, जेफरीज ने आय में गिरावट का हवाला देते हुए अपनी ‘अंडरपरफॉर्म’ रेटिंग और 12,600 रुपये के लक्ष्य मूल्य को बरकरार रखा, लेकिन 106x के उच्च वित्त वर्ष 26 पी/ई के कारण बढ़े हुए जोखिम-इनाम की चेतावनी दी। इस बीच, ओबेरॉय रियल्टी, लोढ़ा और प्रेस्टीज एस्टेट प्रोजेक्ट्स में गिरावट के कारण निफ्टी रियल्टी इंडेक्स में 4.12 फीसदी की गिरावट आई।
5. लगातार एफआईआई बिकवाली: विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) द्वारा लगातार बिकवाली ने बाजार को दबाव में रखा है। 20 जनवरी, 2025 तक, एफआईआई ने 48,023 करोड़ रुपये के इक्विटी बेचे हैं, उनकी बिक्री की गति धीमी होने का कोई संकेत नहीं दिखा रहा है।
4 महीने में 12 फीसदी गिरा बाजार
पिछले चार महीने में शेयर बाजार में करीब 12 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। आंकड़ों के मुताबिक 27 सितंबर को सेंसेक्स और निफ्टी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचे थे। तब से लेकर अब तक दोनों में 12 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। 27 सितंबर को सेंसेक्स 85,978.25 अंकों के साथ रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा था। तब से लेकर अब तक इसमें 10,139.89 अंकों यानी 11.79 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। वहीं निफ्टी 27 सितंबर को 26,277.35 अंकों के रिकॉर्ड स्तर पर था। जिसमें अब तक 12.38 फीसदी यानी 3,252.7 अंकों की गिरावट देखने को मिली है।
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