Strictness In The Country After Pahalgam Attack: विधानसभा ने दी श्रद्धांजलि, 17 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल बैन, पीएम और रक्षा मंत्री की हाई-लेवल मीटिंग
Strictness In The Country After Pahalgam Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने एक बार फिर पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। 22 अप्रैल को बैसरन घाटी में हुए इस कायराना हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई। इस घटना की निंदा न केवल आम जनता ने की, बल्कि राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर भी इसका तीखा विरोध देखने को मिला।
Strictness In The Country After Pahalgam Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने एक बार फिर पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। 22 अप्रैल को बैसरन घाटी में हुए इस कायराना हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई। इस घटना की निंदा न केवल आम जनता ने की, बल्कि राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर भी इसका तीखा विरोध देखने को मिला। जम्मू-कश्मीर विधानसभा ने विशेष सत्र बुलाकर हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी, वहीं केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई अहम फैसले लिए।
विधानसभा में एकजुटता का संदेश
जम्मू-कश्मीर विधानसभा ने इस आतंकवादी घटना को भारत की आत्मा और कश्मीरियत पर हमला करार दिया। सभी दलों के विधायकों ने दो मिनट का मौन रखकर मृतकों को श्रद्धांजलि दी। उपमुख्यमंत्री सुरेंद्र चौधरी ने एक विशेष प्रस्ताव पेश किया, जिसमें केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का समर्थन किया गया। प्रस्ताव में आतंकवाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की गई और सुरक्षा एजेंसियों से अपनी रणनीतियों को और अधिक सख्त करने को कहा गया।
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17 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल्स पर बैन
हमले के ठीक बाद, भारत सरकार ने पाकिस्तान से संचालित 17 यूट्यूब चैनलों को ब्लॉक करने का निर्णय लिया। सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अनुसार, ये चैनल भारत विरोधी प्रचार, अफवाहें और आतंकवाद का समर्थन कर रहे थे। इन चैनलों की गतिविधियाँ भारत की संप्रभुता, अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानी गईं। सरकार ने यह भी साफ किया कि देश विरोधी सामग्री को किसी भी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री की उच्च स्तरीय बैठक
पहलगाम हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी विदेश यात्रा बीच में रोक दी और तुरंत दिल्ली लौटकर एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और सेना के शीर्ष अधिकारी मौजूद थे। बैठक में पाकिस्तान की भूमिका, आतंकी संगठनों की गतिविधियाँ और सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गहन चर्चा की गई।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी अलग से सेना प्रमुखों के साथ बैठक की। उन्होंने इस हमले को भारत की संप्रभुता पर हमला बताते हुए सख्त कार्रवाई के संकेत दिए। राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत किसी भी कीमत पर अपने नागरिकों की सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा, और आतंक के हर स्रोत को खत्म करने के लिए हरसंभव कदम उठाएगा।
संदेश साफ है, भारत आतंकवाद के खिलाफ एकजुट
इस पूरे घटनाक्रम से यह साफ हो गया है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ किसी भी तरह की ढील देने के मूड में नहीं है। विधानसभा से लेकर केंद्र सरकार तक, हर स्तर पर यह संदेश गया है कि देश एकजुट है और आतंक के खिलाफ निर्णायक लड़ाई के लिए तैयार है। सोशल मीडिया, यूट्यूब जैसे डिजिटल माध्यमों पर भी कड़ा नियंत्रण किया जा रहा है ताकि अफवाहें और उकसावे की बातें फैलने से रोकी जा सकें।
पहलगाम हमला एक बार फिर हमें याद दिलाता है कि आतंकवाद अब भी एक गंभीर खतरा है। लेकिन इस बार सरकार और जनता दोनों की प्रतिक्रिया यह दिखा रही है कि देश अब सहन नहीं करेगा। चाहे वो सीमा पर हो या साइबर स्पेस में—भारत अब हर मोर्चे पर सख्ती के साथ आगे बढ़ रहा है।
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