Railway News : बालासोर रेल हादसे ने पूरे देश को सदमे में डाल दिया था। बालासोर ही नहीं इससे पहले भी कई सारे रेल हादसे हुए जिनकी वजह से देश को बड़ी दुर्घटनाओं का शिकार होना पड़ा। इन हादसों में सैकड़ो हजारों लोगों की जानें भी चली गई। ऐसे में लगातार रेलवे की तरफ से रेल दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। लेकिन रेलवे की इन कोशिशों में पानी फिरता नजर आ रहा है। इन घटनाओं के बाद से भारतीय रेवले पूरे प्रयास में है कि भीषण घटनाओं को रोका जा सके लेकिन रेलवे के प्रयासों को बड़ा झटका लगा है।
दरअसल रेलवें में एक बड़ी चूक सामने आई है। बढ़ते रेल हादसों को देखते हुए रेवले ट्रैक पर ट्रेनों की आवाजाही पर निगरानी रखने के लिए सेंसर मशीन का प्रयोग किया गया था। यदि कभी भी रेल में जरा सा भी गड़बड़ी होती है तो सेंसर इसकी जानकारी देने का काम करता है यानी सिग्नल भेज देता है। इस खास मसीन को अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन के तहत लगाया गया था लेकिन जब रेलवे के अधिकारियों ने सेंसर मशीन की जांच की तो सामने आया कि इसमे कई खामियां हैं।
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अगर समय रहते सुधार नहीं किया गया तो एक बार फिर बालासोर जैसा हादसा हो सकता है। जिस मशीन को इस उम्मीद से लगाया गया था कि ट्रेन की आवाजाही का पता लगाने में मदद करेगी लेकिन वह ऐसा करने में पूरी तरह से विफल रही है। इतना ही नहीं मशीन में लगाया गया सेंसर कभी- कभी तो काम करता है और कभी नहीं यानी कि ट्रेन के कुछ मुवमेंट का पता लगाता है और कभी- कभी नहीं भी लगाता है। ऐसे में कभी भी हादसा हो सकता है।
बताया जा रहा है कि लगाई गई मशीन यदि किसी धातु के संबंध में आ जाती है तो सिग्नल पास कर देती है। ट्रेनो की आवाजाही पर नजर रखने के लिए लगाई गई सेंसर मशीनों में कई बड़ी खामिया पाई गई हैं। जिस मशीन को आवाजाही पर नजर रखने के लिए लगाया गया है वो ठीक तरीके से काम नहीं कर रही हैं।
बता दें कि अब तक कि रेलवे की तरफ से अपने सात क्षेत्रों में मशीन की तीन हजार की यूनिट को लगाया गया है। अधिकारियों की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक रेलवे ने अब तक की पूरे 5 लाख रूपए प्रति यूनिट की खपत से एसएसडीएसी प्रणाली की करीब 4,000 यूनिट्स खरीदा है जिनका परिक्षण किया जा रहा है।