AI Technology: AI तकनीक से समृद्ध होगी गन्ने की खेती, महाराष्ट्र में हो रहा सफल प्रयोग
AI तकनीक गन्ने की खेती में क्रांतिकारी बदलाव ला रही है। इससे किसानों को कम लागत में अधिक उत्पादन मिल रहा है। महाराष्ट्र के कई जिलों में यह तकनीक सफलतापूर्वक अपनाई जा रही है।
AI Technology: भारत में परंपरागत खेती के तरीकों में तेजी से बदलाव हो रहा है। अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसी उन्नत तकनीकों का उपयोग खेती में शुरू हो चुका है। खासकर गन्ने की खेती में AI तकनीक से न केवल उत्पादन में वृद्धि हो रही है, बल्कि किसानों को समय और लागत की भी बचत हो रही है। महाराष्ट्र के कई जिलों में गन्ने की खेती में इस तकनीक का प्रयोग सफलतापूर्वक किया जा रहा है।
गन्ने के उत्पादन में गिरावट बनी चिंता की वजह
देश में चीनी निर्माण और गन्ने का उत्पादन पहले की तुलना में बढ़ा जरूर है, लेकिन पिछले दो वर्षों में उत्पादन में गिरावट देखी गई है। इसका प्रमुख कारण जलवायु परिवर्तन, बीमारियों का प्रकोप और बढ़ती उत्पादन लागत है। इससे गन्ना किसान और चीनी मिल मालिक दोनों ही चिंतित हैं। ऐसे में AI तकनीक किसानों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है।
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AI तकनीक से गन्ना उत्पादन में नया रिकॉर्ड
गन्ना विशेषज्ञ संजीव माने ने AI तकनीक के माध्यम से प्रति एकड़ 168 टन गन्ने का उत्पादन कर एक रिकॉर्ड स्थापित किया है। सांगली जिले के आष्टा निवासी संजीव माने को ‘कृषि रत्न’ जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार मिल चुके हैं। उनका मानना है कि गन्ने की खेती में पांच मुख्य कारक – उपजाऊ भूमि, उचित रोपण, उर्वरक प्रबंधन, जल प्रबंधन और फसल सुरक्षा – को AI तकनीक से बेहतर तरीके से नियंत्रित किया जा सकता है।
AI तकनीक से खेती में क्रांति की शुरुआत
महाराष्ट्र में 260 स्थानों पर AI आधारित गन्ना खेती का प्रयोग किया जा रहा है। माइक्रोसॉफ्ट इन परियोजनाओं का डेटा एकत्र कर रहा है और बारामती स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में इन प्रयोगों की निगरानी के लिए एक वॉर रूम स्थापित किया गया है। इस तकनीक में सैटेलाइट मैपिंग, मौसम केंद्र और खेतों में लगाए गए सेंसरों के माध्यम से हर दिन की जानकारी किसानों को मोबाइल पर मिलती है।
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कम लागत में अधिक उत्पादन की कुंजी
AI तकनीक की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह कम लागत, कम पानी और कम श्रम में अधिक उत्पादन दिलाने में सक्षम है। खेत की हर गतिविधि पर निगरानी रखते हुए यह तकनीक सही समय पर खाद, पानी और दवाओं के उपयोग की जानकारी देती है। इससे किसान प्रति एकड़ 10 से 15 टन तक अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।
भविष्य में एथेनॉल उत्पादन को मिलेगा बढ़ावा
केंद्र सरकार पेट्रोल में एथेनॉल की मिलावट को बढ़ावा देने की योजना बना रही है। इसके तहत गन्ने से बनने वाले एथेनॉल की मांग बढ़ेगी, जिससे गन्ने की खेती और अधिक लाभदायक हो सकती है। ऐसे में गन्ना किसानों के लिए AI तकनीक का इस्तेमाल भविष्य में और अधिक फायदेमंद सिद्ध हो सकता है।
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AI तकनीक किसानों की समृद्धि का मार्ग
संजीव माने का कहना है कि यदि राज्य और केंद्र सरकारें AI तकनीक को गांव-गांव तक पहुंचाएं, तो इससे किसानों की आर्थिक स्थिति में बड़ा सुधार हो सकता है। यह तकनीक खेती को वैज्ञानिक दृष्टिकोण देने के साथ ही पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने में भी मददगार है।
AI तकनीक ने यह साबित कर दिया है कि खेती केवल परंपरा नहीं, बल्कि तकनीक के साथ विकास का मार्ग भी हो सकती है। गन्ने की खेती में यह तकनीक एक नई क्रांति लेकर आई है, जो आने वाले समय में देशभर के किसानों की आमदनी को बढ़ाने और कृषि को अधिक स्मार्ट बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
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