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BBC Documentary: बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर 6 फरवरी को सुनवाई करेगा सुप्रीम अदालत

गुजरात दंगों पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर भले ही केंद्र सरकार ने रोक लगा दी हो, लेकिन अब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. जानकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट अब 6 फरवरी को सुनवाई के लिए तैयार हो गया है.

गुजरात दंगों पर आधारित बीबीसी की डॉक्युमेंट्री (BBC Documentary) को हालांकि केंद्र सरकार बैन कर चुकी है लेकिन अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में जा पहुंचा है। जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट अब पर 6 फरवरी को सुनवाई करने को तैयार हो गया है। सुप्रीम कोर्ट इस मसले पर क्या सुनवाई करता है इसे देखना होगा लेकिन इसको लेकर सियासी गलियारों में खूब चर्चा होती रही है। कई दलों के नेताओं ने डॉक्यूमेंट्री (BBC Documentary) पर बैन की काफी आलोचना की है। टीएमसी नेताओं ने तो इसके लिंक भी जारी किये थे। उम्मीद की जा रही है कि इस मसले पर संसद के बजट सत्र में भी सवाल उठेंगे और सरकार को जबाव देना होगा। विपक्ष की तैयारी को देखते हुए आज सर्वदलीय बैठक भी सरकार बुला रखी है।

बता दें कि इस महीने के शुरुआत में जैसे ही यह डॉक्यूमेंट्री (BBC Documentary) सामने आयी देश में बवाल मच गया। दुनिया के कई देशों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया भी जारी कर दी। ब्रिटिश संसद में इस पर काफी बहस भी हुई और वहां के पीएम सुनका ने इस वृत्तचित्र (BBC Documentary) की काफी आलोचना भी की। इधर भारत में 21 जनवरी को इस पर बैन लगा दिया गया। लेकिन इसी बीच इस मसले को लेकर एक याचिकाकर्ता एमएल सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और अपनी शिकायत दर्ज कराई और इस पर पर तुरंत सुनवाई की गुहार लगाईं। इसके बाद अदालत ने इसे सूचीबद्ध कर 6 फरवरी को सुनवाई करने की तारीख तय कर दी।

हालांकि इस वृत्तचित्र (BBC Documentary) में ऐसा कुछ भी नया नहीं है जिसपर कोई आपत्ति की बात हो लेकिन चुकी यह पुराना हो चूका है और इस गुजरात दंगे के अधिकतर आरोपी छूट से गए है फिर भी ऐसा कहा जा रहा है कि अभी इस तरह के वृत्तचित्र को लेकर सरकार को बदनाम करने की साजिस रची गई है। लेकिन याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में जो बाते कही है वह गौर करने लायक है। उन्होंने संविधान से जुड़े सवाल उठाये हैं। उन्होंने से यह आग्रह किया है कि संविधान के अनुच्छेद 19 [1 ]और [2 ] के तहत नागरिको को 2002 के गुजरात दंगो पर समाचार ,तथ्य और रिपोर्ट देखने का अधिकार है या नहीं ?

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याचिका में शर्मा ने डॉक्युमेंट्री को बैन करने के आदेश को अवैध ,दुर्भाग्यपूर्ण ,मनमाना और असंवैधानिक करार दिया है। साथ ही इसे रद्द करने की मांग भी की है। याचिका में कहा गया है कि क्या केंद्र सरकार प्रेस की स्वतंत्रता पर अंकुश लगा सकती है जो संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत मौलिक अधिकार है। याचिका में यह भी कहा गया है कि क्या राष्ट्रपति द्वारा भारत के संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत आपातकाल घोषित किये बिना केंद्र सरकार द्वारा आपातकालीन प्रावधानों को लागू किया जा सकता है ? याचिका कर्ता का मानना है कि बीबीसी डोक्युमेंटृय तथ्यों पर आधारित है और इन तथ्यों के जरिये न्याय के कारण को आगे बढ़ने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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