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Swami Prasad Maurya: सपा के स्वामी प्रसाद मौर्य की रामचरित्र के विवादित टिप्पणी के बाद गाजियाबाद से दो फायर ब्रांड हिंदू नेताओं ने बोला है तीखा हमला।

एक तरफ महामंडलेश्वर पंच जूना अखाड़ा यति नरसिंहानंद तो दूसरी तरफ हिंदू रक्षा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष पिंकी चौधरी।पंच जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद ने कहा स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) बार-बार पार्टी बदलते रहते हैं उनके मुताबिक स्वामी प्रसाद मौर्य चाहते हैं कि वह चर्चा में रहे। अभी चुनाव हारे हैं। वह चाहते हैं कि उल्टी-सीधी बयानबाजी करके चर्चा में आए इसीलिए सनातन धर्म के सबसे माने जाने वाले ग्रंथों में से श्री रामचरितमानस के बारे में अपशब्द बोले हैं। मैं मौर्य जी को बताना चाहता हूं सनातन धर्म का कोई भी ग्रंथ उनकी मान्यता या उनके कहने का गुलाम नहीं है। सनातन धर्म सूर्य है उसकी तरफथूकोगे तो वह तुम्हारी तरफ ही आकर गिरेगा। आप की राजनीति खत्म हो चुकी है बहुत मुश्किल है इस तरीके से आप की राजनीति का दोबारा जीवित होना अब आप जैसे लोगों की समाज में कोई जरूरत नहीं रह गई है अब तो मुसलमानों ने भी आपसे प्रसन्न होना छोड़ दिया है।

वही हिंदू रक्षा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष पिंकी चौधरी तो एक कदम और आगे बढ़ गए उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के लिए कह दिया कि ऐसे लोगों को तो भारत में रहने का अधिकार ही नहीं है।। सनातन धर्म के विरोध में हमारे पवित्र ग्रंथों के विरोध में जो बोल रहे हैं मैं कहना चाहता हूं कि इन लोगों की जगह हिंदुस्तान में नहीं है या तो यह पाकिस्तान में चले जाएं अन्यथा हमारे धर्म पर हमारे देवी-देवताओं पर गलत बोलेंगे जो भी राजनीतिक लोग बोलेगा उसको हिंदू रक्षा दल सबक सिखाएगा क्योंकि अब ऐसे लोग हिंदू रक्षा दल के निशाने पर हैं

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रामचरितमानस को लेकर दिए विवादित बयान के बाद समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) का हिंदूवादी संगठन पुरजोर विरोध कर रहे हैं। सोमवार को आगरा में हिंदुत्ववादी संगठन ने स्वामी प्रसाद मौर्य की सांकेतिक अर्थी निकालकर उसे जूत-चप्पल मारे। इसके बाद उस अर्थी को यमुना में फेंक दिया। यही नहीं संगठन के एक पदाधिकारी ने उनकी जीभ काटकर लाने वाले को 51 हजार का ईनाम देने की भी घोषणा कर दी है।

रामचरितमानस और रामायण को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने रामायण और रामचरितमानस को बैन करने और ग्रंथ में विवादित चीजों को निकालने की मांग की है। उन्होंने एक चौपाई “ढोल, गंवार, शूद्र पशु नारी, ये सब ताड़न के अधिकारी” को निकालने की मांग की है। इस विवादित टिप्पणी के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य साधु-संतों और हिंदूवादी संगठन के निशाने पर आ गए हैं। अखिल भारत हिंदू महासभा के पदाधिकारियों ने आगरा के रामबाग चौराहे पर एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य की सांकेतिक अर्थी निकाली। रास्ते भर स्वामी प्रसाद के विरोध में नारेबाजी की गई। जूते-चप्पलों मारते हुए अर्थी को यमुना नदी में फेंक दिया।

सपा में आने के बाद ‘अल्लाह हू अकबर’

अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय जाट ने कहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) राजनीति के बेलन हैं। बीएसपी में रहकर जय भीम बोलते थे। बीजेपी में आने पर उन्होंने रामचरितमानस को सीने से लगाया और जय श्रीराम का उदघोष किया। अब समाजवादी पार्टी में आने के बाद इनकी मानसिकता ‘अल्लाह हू अकबर’ जैसी हो गई है

जीभ काटने पर 51 हजार का इनाम

हिंदूवादी संगठन के जिला प्रभारी सौरभ शर्मा ने कहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य को (Swami Prasad Maurya) आगरा की धरती पर पैर नहीं रखने देंगे। उन्होंने एलान किया है कि अगर कोई स्वामी प्रसाद मौर्य की जीभ काटकर लाएगा उसे 51 हजार का चेक दिया जाएगा।

Prachi Chaudhary

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