दिल्ली: चीन और ताइवान के बीच चल रहे तनाव के बाद ताइवान के राष्ट्रपति ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन की अपील की है। अमेरिकी जनप्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैन्सी पेलोसी की हालिया ताइवान यात्रा के बाद चीन ने ताइवान के सीमाओं के आसपास अपना युद्ध अभ्यास जारी रखा है। सुरक्षा के मद्देजनर ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने द्वीप राष्ट्र के लिए अंतर्राष्ट्रीय समर्थन और क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति को लेकर अंतरराष्ट्रीय समर्थन की अपील की है।
ताइवान का कहना है कि चीन का सैन्य अभ्यास स्वशासित द्वीप पर हमले की तरह लग रहा है, क्योंकि चीन के कई युद्धपोतों और लड़ाकू विमानों ने ताइवान के जलसंधि की मध्य सीमा को पार किया है। हालांकि ताइवान रक्षा मंत्रालय ने ट्वीट किया कि ताइवान के सुरक्षा कर्मियों को अलर्ट किया और द्वीप के आसपास हवाई और नौ सैन्य को भेजा गया है साथ ही किसी भी स्थिति से निपटने के लिए जमीन से मार करने वाली मिसाइल प्रणालियों को भी तैयार रखा गया है।
जरूरत पड़ने पर ताइवान बलपूर्वक इस द्वीप को अपने कब्जे में ले लेगा
दरअसल ताइवान पर चीन हमेशा से अपना दावा जताता आया है। इसे लेकर चीन ने कई बार ताइवान को धमकी भी दी है कि, जरूरत पड़ने पर वह अपनी सैन्य शक्तिपूर्वक इस द्वीप को ताइवान से अपने कब्जे में ले लेगा। ताइवान की एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, सेना ने शुक्रवार की रात तटीय किनमेन काउंटी क्षेत्र में चार ड्रोन उड़ते हुए देखे। जिसमें ताइवान का दावा किया है कि, ये चार ड्रोन चीन के थे और इन्हें किनमेन द्वीप समूह के आसपास समुद्री क्षेत्र में उड़ते हुए देखा गया।
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ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन ने ट्वीट किया, ‘‘हमारी सरकार और सेना चीन के सैन्य अभ्यास पर करीबी नजर रख रही है और जरूरत के अनुसार प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार है। मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय से लोकतांत्रिक ताइवान का समर्थन करने और क्षेत्रीय सुरक्षा की स्थिति में तनाव बढ़ने से रोकने की अपील करती हूं।’’
किनमेन ताइवान के शासन वाला द्वीप समूह है। यह फुजियान प्रांत स्थित चीन के तटीय शहर शियामेन से महज 10 किलोमीटर पूर्व में स्थित है। चीन का सैन्य अभ्यास बृहस्पतिवार को शुरू हुआ था और इसके रविवार तक चलने की संभावना है।