UTTARAKHAND CYBER POLICE: साइबर ठगी का आतंक: उत्तराखंड में 2024 में 210 करोड़ की ठगी, हरियाणा मॉडल अपनाकर बढ़ेगी रिकवरी
UTTARAKHAND CYBER POLICE: साइबर ठगों ने 2024 में उत्तराखंड के लोगों से 210 करोड़ रुपए की ठगी की, जिससे राज्य में साइबर अपराधों की स्थिति गंभीर हो गई है। इस संबंध में, उत्तराखंड पुलिस अब हरियाणा से रिकवरी के तरीकों को सीखने की योजना बना रही है, ताकि वे ठगी से चुराए गए पैसे की अधिकतम रिकवरी कर सकें। जनवरी 2025 के पहले हफ्ते में ही तीन करोड़ की साइबर ठगी हो चुकी है, और पुलिस का लक्ष्य 13% की मौजूदा रिकवरी दर को बढ़ाकर अधिक प्रभावी तरीके से अपराधियों से पैसे वसूलने का है।
UTTARAKHAND CYBER POLICE: उत्तराखंड में साइबर ठगी का प्रकोप दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। 2024 में प्रदेश में साइबर अपराधियों ने 210 करोड़ रुपए की ठगी कर प्रदेश के नागरिकों को आर्थिक चोट पहुंचाई है। इस चुनौतीपूर्ण स्थिति से निपटने के लिए अब उत्तराखंड पुलिस हरियाणा के उन्नत मॉडलों से सीखने की तैयारी कर रही है। हरियाणा पुलिस का प्रभावशाली साइबर क्राइम रिकवरी मॉडल देशभर में सराहा जा रहा है, और अब उत्तराखंड पुलिस इसी मॉडल को अपनाकर रिकवरी के दर को बढ़ाने का प्रयास करेगी।
2024: साइबर ठगी का काला साल
साइबर सीओ अंकुश मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि 2024 में उत्तराखंड में करीब 23,000 साइबर क्राइम के मामले दर्ज किए गए। इस दौरान प्रदेश के नागरिकों से 210 करोड़ रुपए की भारी-भरकम ठगी की गई। यह घटनाएं प्रदेश के आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा पर गहरा प्रभाव डाल रही हैं।
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2025 के पहले सप्ताह में ही 3 करोड़ रुपए की साइबर ठगी हो चुकी है, जो यह दर्शाता है कि समस्या अभी भी गंभीर बनी हुई है। हालांकि, हेल्पलाइन नंबर 1930 पर समय पर शिकायत दर्ज कराने के कारण पुलिस 28 करोड़ 12 लाख रुपए की रकम रिकवर करने में सफल रही। लेकिन यह रिकवरी कुल ठगी गई रकम का मात्र 13 प्रतिशत ही है।
हरियाणा का मॉडल: साइबर ठगी के खिलाफ कारगर हथियार
हरियाणा पुलिस ने साइबर ठगी की रकम रिकवरी के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम की है। हरियाणा के मेवात और नूंह जैसे इलाकों से बड़ी संख्या में ठगी के मामले सामने आते थे। इन चुनौतियों से निपटने के लिए हरियाणा पुलिस ने 1930 हेल्पलाइन पर एक नई व्यवस्था लागू की। इसमें उन्होंने पुलिसकर्मियों के साथ प्रमुख बैंकों के कर्मचारियों को भी तैनात किया।
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यह व्यवस्था बेहद कारगर साबित हुई। जैसे ही किसी ठगी पीड़ित की शिकायत हेल्पलाइन पर दर्ज होती है, संबंधित बैंक कर्मचारी तुरंत संदिग्ध लेनदेन की निगरानी शुरू कर देते हैं। ट्रांजेक्शन का पता लगाकर पैसे को आगे ट्रांसफर होने से रोका जाता है।
इस प्रक्रिया के जरिए हरियाणा पुलिस ने रिकवरी का प्रतिशत बढ़ाकर 36% तक पहुंचा दिया है। यह आंकड़ा उत्तराखंड पुलिस के मौजूदा 13% रिकवरी दर से कहीं अधिक है।
उत्तराखंड पुलिस का हरियाणा से सीखने का निर्णय
उत्तराखंड पुलिस अब हरियाणा पुलिस की इस प्रभावशाली प्रणाली को समझने और अपनाने के लिए हरियाणा के पंचकूला में स्थित साइबर क्राइम कॉल सेंटर का दौरा करेगी। कानून व्यवस्था के आईजी नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि उत्तराखंड पुलिस तकनीकी नवाचारों को तेजी से अपना रही है। हरियाणा का मॉडल न केवल ठगी की रकम को बचाने में मददगार साबित हो सकता है, बल्कि इससे पीड़ितों का भरोसा भी बढ़ेगा।
डीजीपी के निर्देशानुसार, एक विशेष टीम हरियाणा के अनुभवों और प्रक्रियाओं का अध्ययन करेगी। इसके बाद, उत्तराखंड में भी इसी प्रकार की कार्यप्रणाली लागू की जाएगी, जिससे प्रदेश में साइबर ठगी की घटनाओं पर लगाम लग सके और रिकवरी दर में सुधार हो।
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