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Yuvraj Singh Birthday: टीम इंडिया के सबसे बड़े मैच विनर, जिनकों आईपीएल में नहीं मिलती थी इज्जत, इस तरह जलील हुए थे सिक्सर किंग

Yuvraj Singh Birthday: युवराज सिंह ये नाम जब कानो में सुनाई पड़ता है तो एक ऐसे महान क्रिकेटर की छवि उभरती है जो जुझारू था, हार नहीं मानता था और कहीं से मुकाबला पलटने का दम रखता था. ऐसा क्रिकेटर जो oneday इतिहास में बहुत कम हुए. बल्ला थामा को एक और ओवर में 6 छक्के मार दिए और कई ऐसी यादगार पारियां खेलीं जिनसे भारतीय टीम को जीत मिली. बॉल थामी तो बाएं हाथ से अपनी स्पिन में अच्छे-अच्छे बल्लेबाजों को फंसा दिया. क्रिकेट इस खिलाड़ी के खून में था क्योंकि उनके पिता योगराज सिंह भी भारत के लिए खेल चुके थे, आक्रामक बल्लेबाज और शानदार फील्डिंग से धमाल मचाने के बाद युवराज सिंह कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी की चपेट में आ गए। कैंसर से लड़ने अस्पताल पहुंचे, जूझे और फिर मैदान पर लौटे। आज यानि 12 दिसंबर को युवराज सिंह (Yuvraj Singh) अपना 42वां जन्मदिन मना रहे हैं।

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जब कभी इंडियन क्रिकेट टीम का इतिहास लिखा जाएगा तो उसका एक पूरा चैप्टर युवराज सिंह (Yuvraj Singh) के कारनामों से भरा होगा। भारत को 2-2 विश्व कप (world cup) जिताने वाले युवी वाइट बॉल फॉर्मेट में देश के सर्वकालिक शानदार खिलाड़ी में से एक हैं। आज अपना पंजाबी पुत्तर और सिक्सर किंग पूरे 42 वर्ष का हो चुका है। 12 दिसंबर 1981 को चंडीगढ़ में पैदा हुए युवी (Yuvraj Singh) पाजी स्केटर बनना चाहते थे, मगर टीम इंडिया (team india) से खेल चुके पिता योगराज की जिद ने उन्हें क्रिकेटर बना दिया। युवराज सिंह (Yuvraj Singh) के जन्मदिन पर उनकी जिंदगी से जुड़ा एक ऐसा किस्सा आपको सुनाते हैं, जो आपको चौंका सकता है।

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दरअसल, 2007 के टी-20 विश्व कप में 6 गेंदों में लगातार 6 छक्के लगाने वाले युवराज सिंह (Yuvraj Singh) अगले ही वर्ष शुरू हुई indian premier league में फ्रैंचाइजी किंग्स 11 पंजाब के कप्तान बनाए जाते हैं। बाएं हाथ के इस धाकड़ ऑलराउंडर ने 2008 से 2010 तक अपनी घरेलू टीम किंग्स इलेवन पंजाब की कप्तानी की थी। बाद में कुछ ऐसा हुआ कि वह टीम छोड़ने को मजबूर हो गए और फिर अगले कई सीजन में दिल्ली डेयरडेविल्स, सहारा पुणे वॉरियर्स, रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर, सनराइजर्स हैदराबाद और मुंबई इंडियंस जैसी टीमों का हिस्सा रहे, मगर दोबारा पंजाब से नहीं खेला।

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दरअसल, एक इंटरव्यू में युवराज सिंह (Yuvraj Singh) ने किंग्स 11 पंजाब टीम के माहौल को खराब और टीम मैनेजमेंट को अनप्रोफेशनल बताया था। युवी (Yuvraj Singh) ने कहा था कि बेकार मैनेजमेंट के चलते वह टीम छोड़कर भाग जाना चाहते थे। युवराज (Yuvraj Singh) ने अपने कड़वे अनुभव को शेयर करते हुए कहा, ‘मेरी बात नहीं मानी जाती थी। मैं जैसा कहता था, वे वैसा कुछ नहीं करते थे। और जब मैंने टीम का साथ छोड़ा तो उन्होंने उन सभी खिलाड़ियों को खरीद लिया जिनके लिए मैं उनसे कहता था। मुझे बस punjab की टीम की जर्सी के अलावा और किसी चीज से प्रेम नहीं था। नेस वाडिया और प्रीति जिंटा की मालिकाना हक वाली किंग्स 11 पंजाब का नाम अब बदलकर पंजाब किंग्स (Punjab kings) कर दिया गया है। IPL शुरू होने के 15 साल बाद भी टीम अपने पहले खिताब की तलाश में है।

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ऐसा रहा करियर

युवराज के करियर की बात करें तो उन्होने भारत के लिए 304 वनडे मैच खेले जिसमें 36.55 की औसत से 8701 रन बनाए. इस दौरान उनके बैट से 14 शतक और 52 अर्धशतक निकले. वहीं india के लिए इस बल्लेबाज ने 58 T20 मैच खेले. जिसमें 28.02 की औसत और 136.38 के strike rate से 1177 रन बनाए. T20 में उनके नाम 8 अर्धशतक हैं. युवराज सिंह ने इंडिया के लिए 40 test match भी खेले जिसमें 33.92 की औसत से 1900 रन बनाए. युवराज ने Test में 3 शतक और 11 अर्धशतक जमाए.

Prachi Chaudhary

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