सोते समय अचानक किसी का बोलना न केवल उनके आसपास सो रहे लोगों की नींद में खलल डाल सकता है, बल्कि कई बार डर का कारण भी बन सकता है। नींद में बोलने की आदत (Sleep Talking) एक आम समस्या है, जो कई लोगों में पाई जाती है। हालांकि, यह आदत आमतौर पर किसी गंभीर समस्या का संकेत नहीं होती, लेकिन यदि यह बहुत बार और ज्यादा मात्रा में हो, तो इसे नियंत्रित करना जरूरी हो जाता है। आइए जानते हैं कुछ प्रभावी टिप्स, जिनकी मदद से आप इस समस्या से राहत पा सकते हैं।
क्या है नींद में बोलने की समस्या?
नींद में बोलने की समस्या को सोमनिलोकी (Somniloquy) कहा जाता है। यह एक प्रकार का पैरासोमनिया है, जो नींद के दौरान असामान्य गतिविधियों के रूप में प्रकट होती है। नींद में बोलने वाले लोग अक्सर असंगत बातें करते हैं या कभी-कभी ऐसा भी होता है कि वे अपने आसपास की घटनाओं का जिक्र कर रहे होते हैं। यह समस्या हल्की से गंभीर तक हो सकती है, और कुछ लोगों में यह नियमित होती है।
नींद में बोलने के कारण
नींद में बोलने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें तनाव, अत्यधिक थकान, नींद की कमी, या किसी प्रकार की मानसिक समस्या शामिल हैं। इसके अलावा, यह समस्या कभी-कभी अन्य नींद संबंधी विकारों, जैसे स्लीप एपनिया या नाइट टेरर के कारण भी हो सकती है।
नींद में बोलने की समस्या से कैसे पाएं राहत?
नींद में बोलने की समस्या से पूरी तरह छुटकारा पाना मुश्किल हो सकता है, लेकिन कुछ तरीकों की मदद से इसे कम किया जा सकता है:
तनाव को कम करें
नींद में बोलने का एक बड़ा कारण तनाव हो सकता है। इसलिए तनाव को कम करने के लिए योग, ध्यान या प्राणायाम जैसे रिलेक्सेशन तकनीकों का अभ्यास करें। यह आपके दिमाग को शांत करेगा और नींद के दौरान अनावश्यक बातें करने की संभावना को कम करेगा।
अच्छी नींद लें
नींद में बोलने की आदत को कम करने के लिए सबसे जरूरी है कि आप पूरी और गहरी नींद लें। रोजाना कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें और सुनिश्चित करें कि सोने से पहले कोई तनावपूर्ण या उत्तेजक गतिविधि न करें।
सोने का नियमित शेड्यूल बनाएं
नींद की समस्या को नियंत्रित करने के लिए एक नियमित सोने और जागने का शेड्यूल बनाएं। इससे आपका शरीर एक नियमित रूटीन में आ जाएगा और नींद की गुणवत्ता बेहतर होगी। सोने से पहले स्मार्टफोन, टीवी या किसी भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण से दूरी बनाएं ताकि आपका दिमाग आराम की स्थिति में आ सके।
खानपान पर ध्यान दें
नींद में बोलने की समस्या को नियंत्रित करने के लिए आपका खानपान भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सोने से पहले हल्का और संतुलित भोजन करें। कैफीन और शराब का सेवन सोने से कुछ घंटे पहले न करें, क्योंकि यह आपकी नींद को बाधित कर सकता है और नींद में बोलने की आदत को बढ़ावा दे सकता है। 5.दवाओं का परामर्श लें
यदि नींद में बोलने की समस्या अधिक गंभीर हो जाती है और अन्य उपायों से इसे नियंत्रित नहीं किया जा सकता, तो एक डॉक्टर से परामर्श लें। कभी-कभी नींद में बोलने की समस्या अन्य नींद विकारों से संबंधित होती है, जो चिकित्सा उपचार की आवश्यकता होती है।