Stone pelting incident in Katra: कटरा में पत्थरबाजी की घटना पर घोड़ा चालकों के प्रधान ने मांगी माफी, आरोपियों पर कार्रवाई का आश्वासन
जम्मू के कटरा में हुई पत्थरबाजी की घटना पर घोड़ा चालकों के प्रधान भूपिंदर सिंह जामवाल ने खेद व्यक्त किया है। उन्होंने घटना की निंदा करते हुए कहा कि पत्थरबाजी में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जामवाल ने विश्वास दिलाया कि ऐसे कृत्य किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे और श्राइन बोर्ड के नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा।
Stone pelting incident in Katra: माता वैष्णो देवी यात्रा के प्रमुख मार्ग पर घोड़ा चालकों और यात्रियों के बीच हुई पत्थरबाजी की घटना ने न केवल यात्रियों में भय का माहौल बनाया, बल्कि यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए। इस घटना के बाद, घोड़ा चालकों के संघ के प्रधान भूपिंदर सिंह जामवाल ने माफी मांगते हुए दोषी पत्थरबाजों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिया है।
घटना का विवरण
माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर पत्थरबाजी की यह घटना तब हुई जब कुछ यात्रियों और घोड़ा चालकों के बीच विवाद शुरू हो गया। यह विवाद मामूली बात से बढ़कर हिंसक झड़प में बदल गया। घोड़ा चालकों के एक समूह ने कथित रूप से यात्रियों पर पत्थर फेंके, जिससे कई तीर्थयात्री घायल हो गए।
यात्रियों ने आरोप लगाया कि घोड़ा चालक न केवल दुर्व्यवहार कर रहे थे, बल्कि उन्होंने यात्रियों की सुरक्षा को भी खतरे में डाला। घटना के बाद, यात्रियों ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस से शिकायत की और घोड़ा चालकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
घोड़ा चालकों के संघ का बयान
घटना के बाद, घोड़ा चालकों के प्रधान भूपिंदर सिंह जामवाल ने मीडिया से बातचीत करते हुए इस घटना के लिए खेद व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “यह घटना न केवल यात्रियों के लिए कष्टकारी है, बल्कि हमारे समुदाय की छवि को भी धूमिल करती है। मैं व्यक्तिगत रूप से यात्रियों और प्रशासन से माफी मांगता हूं। दोषी घोड़ा चालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि यह घटना कुछ असामाजिक तत्वों के कारण हुई है, जो पूरे समुदाय को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। जामवाल ने प्रशासन को भरोसा दिलाया कि संघ अपने स्तर पर पत्थरबाजी में शामिल लोगों की पहचान करेगा और सुनिश्चित करेगा कि वे भविष्य में यात्रा में शामिल न हो सकें।
प्रशासन का रुख
घटना के बाद, स्थानीय प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए कुछ संदिग्ध घोड़ा चालकों को हिरासत में लिया। कटरा के पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है और यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने यह भी कहा, “माता वैष्णो देवी यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा हमारी पहली जिम्मेदारी है। दोषी पाए गए लोगों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
इसके अलावा, यात्रा मार्ग पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए पुलिस की संख्या में इजाफा किया गया है और घोड़ा चालकों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
घोड़ा चालकों के प्रति यात्रियों का नजरिया
हालांकि इस घटना ने कई यात्रियों को असहज कर दिया है, लेकिन कई लोग मानते हैं कि यह कुछ घोड़ा चालकों की हरकत है और पूरे समुदाय को दोष देना उचित नहीं है। एक यात्री रजनीश कुमार ने कहा, “हम हर साल यहां आते हैं और घोड़ा चालक हमारी बहुत मदद करते हैं। लेकिन इस बार की घटना चिंताजनक है।”
घोड़ा चालकों के समुदाय की समस्याएं
घोड़ा चालकों के संघ ने यह भी दावा किया कि ऐसी घटनाएं आर्थिक दबाव और अस्थिरता के कारण होती हैं। जामवाल ने कहा, “घोड़ा चालक बहुत मुश्किल परिस्थितियों में काम करते हैं। यात्रा के दौरान उनकी आमदनी सीमित होती है और उन्हें अक्सर तीर्थयात्रियों के साथ संवाद की दिक्कत होती है।”
उन्होंने प्रशासन से घोड़ा चालकों के लिए एक स्थायी समाधान निकालने और उनके प्रशिक्षण के लिए विशेष व्यवस्था करने की मांग की।
आगे की कार्रवाई और सुधार की जरूरत
इस घटना के बाद, प्रशासन और घोड़ा चालकों के संघ ने मिलकर यह सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों। इसके लिए निम्नलिखित कदम उठाए जाएंगे:
- घोड़ा चालकों का प्रशिक्षण: घोड़ा चालकों को यात्रियों के साथ संवाद और व्यवहार संबंधी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
सुरक्षा उपायों में सुधार: यात्रा मार्ग पर अधिक सुरक्षा बल तैनात किए जाएंगे। - आसामाजिक तत्वों पर नजर: संघ और प्रशासन मिलकर ऐसे तत्वों की पहचान करेंगे जो इस प्रकार की घटनाओं के लिए जिम्मेदार हैं।
- सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई: पत्थरबाजी में शामिल दोषियों को न केवल कानूनी सजा दी जाएगी, बल्कि उन्हें यात्रा मार्ग से भी प्रतिबंधित किया जाएगा।