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Salaam Venky Review: इमोशनल रोलर कोस्टर राइड के साथ इस फिल्म में खो जाएगें आप, इच्छामृत्यु से जुड़ी जानें क्या है इस फिल्म की कहानी?

2005 में आई एक नावेल 'द लास्ट हुर्रे' पर आधारित ये सच्ची कहानी एक लड़के कोलावेणु वेंकेटेश (Salaam Venky Review) के बारे है जो डीएमडी यानि Duchenne Muscular Dystrophy नाम की दुर्लभ बिमारी से ग्रसित रहता है। इस बिमारी से पीड़ित व्यक्ति की उम्र महज़ 16 से 17 साल तक ही होती है लेकिन वेंकंटेश 24 वर्ष तक जीवित रहता है।

नई दिल्ली: आम कहानी को कैसे खास बनाया जा सकता है ये बात फिल्म ‘सलाम वैंकी’ (Salaam Venky Review) को देखकर दर्शकों को पता चल जाएगी। अभी जहां एक तरफ अजय देवगन की फिल्म ‘दृश्यम 2’ ने बॉक्स आफिस पर धूम मचाई थी, वहीं दूसरी तरफ उनकी पत्नी और एक्ट्रेस काजोल कमर कसते हुए फिल्मी मैदान में उतर आई हैं। काजोल की फिल्म सलाम वैंकी (Salaam Venky Review) आज सिनेमाघरों में रिलीज़ हो चुकी है और ये फिल्म किसी भी इमोशनल राइड से कम नही है।

क्या है फिल्म की कहानी?

2005 में आई एक नावेल ‘द लास्ट हुर्रे’ पर आधारित ये सच्ची कहानी एक लड़के कोलावेणु वेंकेटेश (Salaam Venky Review) के बारे है जो डीएमडी यानि Duchenne Muscular Dystrophy नाम की दुर्लभ बिमारी से ग्रसित रहता है। इस बिमारी से पीड़ित व्यक्ति की उम्र महज़ 16 से 17 साल तक ही होती है लेकिन वेंकंटेश 24 वर्ष तक जीवित रहता है। कोलावेणु वेंकेटेश के ये बात हमेशा से पता होती है कि किसी भी पल मौत उसके दरवाज़े पर दस्तक दे सकती है और वो इस बात के लिए वो हमेशा से तैयार भी रहता है। अपनी इच्छाशक्ति से 24 साल तक जीने के बाद आखिरकार वो इच्छामृत्यु की इच्छा ज़ाहिर करता है।

इस फिल्म में वेंकेटेश की मां सुजाता यानि काजोल ने अपने दमदार एक्टिंग से दर्शकों के आंखों में आंसू लाने में कोई भी कसर नही छोड़ने वाली हैं। एक्टर की मां को भी पता होता है कि एक न एक दिन उसका बेटा उसे छोड़कर चला जाएगा और इस दुख के बावजूद भी वो हिम्मत बांधकर रहती है। वेंकेटेश चाहता है कि उसके जाने के बाद उसके शरीर के सभी अंग उन लोगों को दान कर दिए जाए जिसे इसकी ज़रुरत है।

फिल्म की कहानी में देखा जा सकता है कि एक बेबस मां अपने बेटे की आखिरी इच्छा पूरी करने के लिए किस तरह से कानूनी पचड़ो को संभालती है और उसके लिए आकिर तक लड़ती है। बता दें भारत में इच्छामृत्यु को लेकर कोई भी कानून नही है और हमारे देश में इसे अपराध की श्रेणी में देखा जाता है। पूरे फिल्म में आपको आंसू रोकना मुश्किल होगा क्योकि इस फिल्म में मां और बेटे के रिश्ते को इतने मार्मिक रुप से दिखाया गया है।

फिल्म के कास्ट और डायरेक्शन

इस फिल्म का डायरेक्शन एक्ट्रेस रेवती ने किया है और वो डायरेक्शन में 14 साल बाद वापसी कर रही हैं। फिल्म सलाम वेंकी में काजोल, विशाल जेठवा, प्रकाश झा, राहुल बोस, राजीव खंडेलवाल और आहना कुमरा अहम रोल में नज़र आ रहे हैं। फिल्म में बहुत से ऐसे सीन्स आएगें जिसमे दर्शकों के लिए आंसू रोकना मुश्किल हो जाएगा। फिल्म में काजोल और विशाल जेठवा ने बहुत ही दमदार रोल किया है।

राजेश खन्ना का डॉयलाग “ज़िन्दगी लंबी नही, बड़ी होनी चाहिए, बाबुमोशाय!” इस फिल्म को देखकर सच साबित होता दिखता है। इंसान का अंतिम समय कब आ जाए ये बात किसी को भी नही पता है इसलिए जब तक ज़िन्दगी है तब तक खुलकर जी लेना चाहिए। कल का क्या ठिकाना है ये बात बहुत ही अनिश्चित है। इस फिल्म को देखकर आपको भी इस बात का अंदाज़ा लग जाएगा।

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Ashok Kumar

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