वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे मामले में सीनियर डिवीजन कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई, जो 11 मई को भी जारी रहेगी। मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता जहां कोर्ट कमीशनर पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए उन्हें बदलने की मांग पर अड़े रहे, वहीं हिन्दू पक्ष के अधिवक्ताओं ने सीनियर डिवीजन कोर्ट से स्वयं मौके पर जाकर वस्तु स्थिति का जायजा लेने को कहा।
हिन्दू पक्ष के अधिवक्ताओं ने इस सारे प्रकरण में क्लाज 61 सी जोड़ने कर सुनवाई का अनुरोध किया था। इस पर प्रतिवादी पक्ष ने अपना जबाब दाखिल करने के लिए समय मांगा। अदालत में बुधवार को भी सुनवाई होगी। बता दें कि अदालत के आदेश पर वाराणसी में काशीनाथ और ज्ञानवाणी मस्जिद परिसर में श्रृंगार गौरी और कई विग्रहों के संबंध में दो दिवसीय सर्वे का आदेश दिया था। इसके लिए अदालत ने कोर्ट कमीशनर नियुक्त किया था।
अदालत के आदेश पर 6 मई को पहले दिन ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे कर उसकी वीडियोग्राफी करायी गयी थी। अगले दिन मुस्लिम वर्ग ने मस्जिद के बाहर बैरिकेटिंग लगाकर सर्वे टीम को अंदर नहीं आने दिया, जिससे दूसरे दिन सर्वे नहीं किया जा सके। इसी बीच मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट कमीशनर को बदलने की मांग कर दी थी।
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इस संबंध में अदालत में 9 मई को सुनवाई शुरु हुई थी, लेकिन कोई फैसला नहीं हो सका था। मंगलवार को सुनवाई में क्लाज 61 सी जोड़ने जाने पर आज भी कोई फैसला नहीं हो सका। उम्मीद जतायी जा रही है कि बुधवार को अदालत इस मामले में अपना फैसला दे सकती है।
दरअसल पहले दिन 6 मई को सर्वे में मस्जिद परिसर से कमल, शंख, गदा आदि साक्ष्य संकलित होने पर मुस्लिम वर्ग घबरा गया और उसने सर्वे का विरोध करते हुए कोर्ट कमीशनर को बदलने की मांग लेकर सर्वे टीम को मस्जिद में घुसने नहीं दिया था। पांच महिला याचिकाकर्ता अदालत से श्रृंगार गौरी की नित्य पूजा पाठ करने की अनुमति की इजाजत मांग रही हैं। यह विवाद 1991 से चल रहा है। याचिकाकर्ता ज्ञानवाणी मस्जिद के ढांचे के नीचे मंदिर होने का दावा किया है।