Yogi Police Encounter: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Government) आने के बाद सबसे ज्यादा खौफ में माफिया हैं। वो माफिया जो किसी जमाने में सरकार चलाने और सरकार बनाने का माद्दा रखते थे। लेकिन आज वो थर थर कांप रहे हैं। हालत ये है कि अगर किसी माफिया को एक जेल से दूसरी जेल शिफ्ट करना होता है तो उसे एनकाउंटर का डर सताने लगता है। और वो कोर्ट के जरिए ये पुरजोर कोशिश करता है कि उसकी सुरक्षित शिफ्टिंग हो सके। यकीन मानिए अब तक अपराधियों के मन में ऐसा खौफ कभी नहीं देखा गया। लेकिन योगी आदित्यनाथ की वो कसम कि माफिया को मिट्टी में मिला देंगे अब हकीकत बन गया है। नतीजा या तो अपराधी खुद ब खुद सरेंडर कर रहे हैं या फिर महफूज़ ठिकाना तलाश रहे। सवाल ये कि क्या योगी सरकार अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि हासिल करने जा रही है जहां अपराध मुक्त प्रदेश का सपना साकार होने वाला है। और अगर ऐसा है तो विपक्ष के पास क्या मुद्दों का अकाल आने वाला है।
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अपराध और अपराधियों के खिलाफ योगी आदित्यनाथ की सरकार धुआंधार वार औऱ प्रहार करने का काम कर रही है। उत्तर प्रदेश पुलिस का साफ फंदा है कि अगर उत्तर प्रदेश में छेड़ोगे तो पुलिस आपको छोड़ेगी नहीं, फिर चाहे आप किसी मंत्री के बेटे हो या फिर किसी कमिश्नर के चाहने वाले।एक्शन होगा मतलब होगा…उत्तर प्रदेश में एख दबदबा था, जब माफियाओं और अपराधियों का दबदबा हुआ करता था, खुलेआम ये माफिया और अपराधी अपराध करते थे, लेकिन योगी आदित्यनाथ की सरकार आते ही इन माफियाओं के खिलाफ तगड़ी कार्रवाई होनी शुरू हो गई। अफसर वही थे, कानून वही था, सिपाही वही थे…बस काम करने का तरीका थोड़ा सा हटके है, अब पहले बोली की बजाय गोली से बात होती है।
लंबी लिस्ट है ऐसे माफिया चेहरों की जिनकी किसी जमाने में तूती बोला करती थी। लेकिन अब सरकार और वक्त दोनों बदल चुका है। अब माफिया से उसके कद और हनक के हिसाब से व्यवहार नहीं होता बल्कि उसके अतीत का हिसाब होता है। सियासी नफा हो या नुकसान। नयी व्यवस्था उसकी परवाह नहीं करती क्योंकि यूपी की गद्दी पर बैठा एक संन्यासी सिर्फ न्याय करता है और इस न्याय के दायरे में पिछली पृष्ठभूमि की परवाह नहीं की जाती। यूपी पुलिस ने एक लिस्ट बनाई है जिसमें अब तक माफिया के खिलाफ हुए एक्शन कि हिसाब है
इस सूची में कई खूंखार माफियाओं का नाम शामिल है, जो आज जेलों में रोटियां तोड़ रहे हैं, या फिर खुदा को प्यारे हो गए हैं। बता दें कि इस लिस्ट में आकाश जाट, सुंदर भाटी, अमित कसाना, ध्रुव सिंह, अनिल दुजाना, विजय मिश्र, मुख्तार अंसारी ,अतीक अहमद जैसे खूंखार बदमाशों के नाम शामिल हैं। यानी की इस लिस्ट की अगर बात की जाए तो कुल 1188 लोगों के नाम शामिल हैं। इसमें 573 अपराधी गिरफ्तार हो चुके हैं, जबकि 243 के गुंडा एक्ट की कार्रवाई हुए, 717 पर गैंगस्टर लगा हुआ है। 18 अपराधियों पर रासुका, 415 के खिलाफ हिस्ट्रीशीट खोली गई है। पुलिस मुठभेड़ में 16 अपराधी मारे गए है। 63 माफिया को आजीवन कारावास और 2 को मौत की सजा मिली है।
ये सारे वो मामले थे जो कि अरसे से लम्बित थे। सरकारें आई और गई लेकिन इन मामलों पर कोई समाधान नहीं हुआ।फिर वो चाहे जिस किसी की सरकार रही हो। योगी सरकार के दौरान ही ऐसे मामलों पर आखिरी पहल हुई।असल में यही वो बदलाव है जिसकी जरूरत थी। कि जहां बिना भेदभाव के एक्शन हो रहा है। अब विपक्ष चाहे इस पर कितना भी छाती पीट ले लेकिन अब तक के एक्शन ये बताने के लिए काफ़ी है कि अगर सीएम योगी ने माफिया को मिट्टी में मिलाने का संकल्प लिया है तो यै सिर्फ जुमला नहीं है बल्कि वो संकल्प है जो आने वाले भयमुक्त उत्तर प्रदेश की नींव रखने वाला है।