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Gorakhpur News: तिलक लगाना और कलावा बांधना 8 टीचर्स को पड़ा भारी, स्कूल से निकाला

गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कर्म नगरी गोरखपुर में 8 अध्यापकों को माथे पर तिलक लगाना व हाथ में कलावा बांधना भारी पड़ गया। स्कूल प्रबंधन ने इसे अनुशासनहीनता करार देते हुए सभी अध्यापकों को स्कूल से निकाल दिया है। इस मामले में अब हिन्दू संगठन स्कूल के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर रहे हैं।

के बढ़हल गंज स्थित शबनम मेमोरियल स्कूल में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है,जहां शिक्षा के मंदिर में टीचरों और छात्रों को तिलक लगाना, कलावा बांधना यूपी के गोरखपुर के एक स्कूल में हैरान कर देने वाला मामले सामने आया है। स्कूल के कुछ टीचरों को सिर्फ इसलिए स्कूल से निकाल दिया गया, क्योंकि वह तिलक लगाकर और कलावा बांधकर स्कूल आते थे और उन्होंने राष्ट्रगान और भारत माता की जय का समर्थन किया था।

गोरखपुर और भारत माता की जय बोलना मना है। यह आरोप स्कूल के उन 8 अध्यापकों का है, जिन्हें बिना किसी नोटिस के स्कूल से निकाल दिया गया है। स्कूल से निकाले गए 8 टीचरों का आरोप है कि हम लोग हिंदू हैं,और हमें सिर्फ इसी बात की सजा मिली है क्योंकि स्कूल में राष्ट्रगान, भारत माता की जय, तिलक लगाना और कलावा बांधना प्रतिबंधित है। हम लोग प्रबंधन से इसको लगातार विरोध करते थे कि स्कूल में प्रार्थना और राष्ट्रगान होना चाहिए, बावजूद इसके स्कूल प्रबंधन इसके लिए तैयार नहीं था। स्कूल प्रबंधन का संबंध पीस पार्टी से बताया जा रहा है।

स्कूल के वरिष्ठ और अंग्रेजी के टीचर अभिमन्यु यादव का कहना है कि मैं पिछले 8 वर्षों से स्कूल में अध्यापन कर रहा हूं। कई बार हमें तिलक लगाने और कलावा बांधने को लेकर टिप्पणी की गई। मैंने उन बातों को नजरअंदाज भी किया क्योंकि हमें हमारी रोटी रोजी का भी सवाल था। लेकिन जब राष्ट्रगान के बाद भारत माता की जय को लेकर प्रतिबंध लगाया जाने लगा तो हम लोगों ने इस बात का विरोध किया। मामला यूं ही चलता रहा। लेकिन धीरे-धीरे जब एहसास होने लगा कि यहां शिक्षा से ज्यादा धर्म और खासकर हिंदू धर्म को लेकर विचारधाराएं कुछ भिन्न है तो मुझ जैसे कई टीचरों ने इस बात को लेकर स्कूल प्रबंधन से बात की पर उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।

हमारे इसी विरोध की सजा आज हमें इस रूप में मिली है।टीचर अभिमन्यु यादव का कहना है कि कुल 11 टीचरों को निकाला गया है, जिसमें से 8 हिंदू समुदाय से हैं और 3 शिक्षक मुस्लिम है। जिनकी रिटायरमेंट की उम्र कबकि ही चुकी है। स्कूल प्रबंधन हमें अनुशासन और अन्य बातों को लेकर निष्कासन की बात कर रहा है लेकिन इसके लिए ना तो कोई नोटिस और न ही कोई सूचना दी गयी।

वहीं एक छात्र अभिषेक त्रिपाठी का कहना है कि मुझे भी तिलक लगाने और कलावा बांधने को लेकर कई बार स्कूल प्रबंधन ने मना किया। यह बात मैंने अपने घर वालों से भी बताई थी। परिजनों ने इस बारे में स्कूल प्रबंधन से बातचीत भी की थी। लेकिन स्कूल वालों का कहना था कि इस तरह की गतिविधियों से अन्य छात्रों पर प्रतिकूल असर पड़ता है। इस तरह की बातें स्कूल के अन्य छात्रों ने कही हैं।

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छात्रों का कहना है कि सारे अध्यापक ठीक हैं। उन्होंने हमें अच्छी शिक्षा दी है। लेकिन अध्यापकों द्वारा जो बात कही जा रही है वह भी कहीं ना कहीं सही और जायज ऐसा हम लोगों ने भी महसूस किया है। टीचरों को निकाला जाना उचित नहीं है, जहां तक स्कूल प्रबंधन के द्वारा अनुशासन और कार्य के प्रति लापरवाही बताई जा रही है तो यह पूरी तरह गलत है।

इस बारे में जब शबनम मेमोरियल स्कूल के प्रबंधक फैयाज से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार किया। स्कूल प्रबंधन का जुड़ाव पार्टी से भी बताया जा रहा है। प्रबंधक के बड़े भाई पीस पार्टी के बड़े नेता हैं।
जिला विद्यालय निरीक्षक गोरखपुर डॉ अमरकांत सिंह का कहना है कि वह मामला संज्ञान में आने पर वे जांच करा रहे है। जांच रिपोर्ट मिलने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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