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ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष को लगा तगड़ा झटका: मस्जिद के चप्पे-चप्पे का सर्वे होगा, नहीं हटेंगे कोर्ट कमिश्नर

वाराणसी: सीनियर डिवीजन कोर्ट ने बृहस्पतिवार को ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी मामले में महत्वपूर्ण फैसला देते हुए कहा कि कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा को हटाये नहीं जाएंगे। इतना ही नहीं अदालत ने एक सहायक कमिश्नर विशाल कुमार सिंह को भी नियुक्त कर दिया है। अदालत ने आदेश दिया है कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के दोबारा सर्वेक्षण किया जाए और पूरी सर्वे रिपोर्ट 17 मई से पहले ही कोर्ट कमिश्नर अदालत में रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।

इस मामले में सीनियर डिवीजन कोर्ट ने कहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद के पूरे परिसर और तहखाने तक का सर्वे किया जाए और उसकी वीडियोग्राफी की जाए। कोर्ट ने स्पष्ट रुप से कहा कियदि कहीं पर ताला लगा मिलता है तो उसे खोला जाए और यदि खोलने में परेशानी है तो उस ताले को तोड़ दिया जाए। अदालत ने जिला प्रशासन से कहा है कि यदि कोर्ट कमिश्नर की कार्रवाई में कोई भी किसी तरह की व्यवधान पैदा करता है, तो उसके खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाए। कोर्ट कमिश्नर की निर्बाध कार्रवाई सम्पन्न कराने के लिए प्रशासन को सभीआवश्यक कदम उठाये जाने का निर्देश दिया है।

आपको बता दें कि यह वाद वर्ष 1991 से चल रहा है। इससे जुड़े ताजा मामले में पांच महिलाओं की ओर से वाद दायर किया गया है, जिसमें कहा गया है कि वे मां श्रृंगार गौरी की भक्त हैं और वे हर दिन श्रृंगार गौरी की पूजा करने की अनुमति चाहती हैं।अब तक वर्ष में चैत्र मास में केवल एक दिन ही पूजा करने के लिए जाने की इजाजत है। इन महिलाओं ने अदालत से अपने धार्मिक स्वतंत्रता के तहत नित्य पूजा का अधिकार मांगा है। अदालत ने यह जानने के लिए कि क्या मस्जिद के तहखाने में श्रृंगार गौरी मंदिर और हिन्दू देवी-देवताओं होने के प्रमाण हैं, इसका सर्वे कराने के लिए ही कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया है

हिन्दू पक्ष जहां ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के तहखाने में श्रृंगार गौरी मंदिर में प्रतिदिन पूजा करने और पूरे मस्जिद परिसर को सर्वे कर वीडियोग्राफी कराने की मांग थी, वहीं मुस्लिम पक्ष ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर सर्वे-वीडियोग्राफी न कराने और सर्वे के लिए नियुक्त एडवोकेट कमिश्नर को हटाने की मांग कर रहा था। लेकिन अदालत ने मुस्लिम पक्ष की दोनों की मांगों को खारिज कर दिया है।

ज्ञानवापी मामला

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हालांकि इससे पहले सीनियर डिवीजन कोर्ट के आदेश पर ही ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में श्रृंगार गौरी मंदिर और कई विग्रहों के संबंध में दो दिवसीय सर्वे का आदेश दिया गया था। अदालत द्वारा नियुक्त कोर्ट कमिश्नर की देखरेख में पहले दिन को सर्वे 6 मई को हुआ था और इसकी वीडियोग्राफी भी हुई थी। लेकिन अगले दिन 7 मई को मुस्लिमों ने ज्ञानवापी मस्जिद के बाहर बैरिकेटिंग लगाकर सर्वे टीम को अंदर नहीं आने दिया। उन्होने कोर्ट कमिश्नर पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए बदलने की मांग की थी।

इसके बाद ही दोनों पक्ष फिर से अदालत में पहुंच गये थे, जहां मुस्लिम पक्ष कोर्ट कमिश्नर को बदलने पर अड़ा था, वहीं हिन्दू पक्ष के अधिवक्ताओं ने सीनियर डिवीजन कोर्ट से उसके द्वारा पूर्व में दिये गये आदेश के अनुसार ही निर्बाध सर्वे कराने जाने की मांग की थी, अदालत ने निर्बाध सर्वे कराने जाने की मांग को मान लिया है।

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Team News Watch India

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