बलरामपुर। जिले में दिल को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। एक मां ने अपने नवजात बालक को गन्ने के खेत में मरने के लिए फेंक दिया। लेकिन शिशु पर ‘जाको राखे साइयां मार सके ना कोय’’ वाली कहावत उस समय चरितार्थ होती दिखी,जब गन्ने के खेत में बच्चे की रोने की आवाज सुनकर कुछ ग्रामीण वहां पहुंचे और उन्होने पुलिस को सूचना दी। पुलिस टीम मौके पर पहुंचकर नवजात शिशु को अपने कब्जे में लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सादुल्ला नगर में भर्ती करा दिया। बच्चा डॉक्टरों की निगरानी में सुरक्षित बताया होने का दावा किया जा रहा है।
यह मामला सादुल्ला नगर थाना क्षेत्र के मनकापुर रोड स्थित सरकारे आसी मदरसे के पीछे जियो टावर के पास गन्ने के खेत का है, जहां ग्रामीणों की सजगता से एक नवजात बालक की जान बच गई। दरअसल जियो टावर को बनाने गये व्यक्ति को गन्ने में एक नवजात शिशु के रोने की आवाज सुनाई दी तो उसने अन्य ग्रामीणों को इसकी सूचना दी।
यह भी पढेंः रुबी खान ने कहा-हमेशा से करती हूं गणेश जी की पूजा, फतवा जारी करने वाले मौलवी सच्चे मुसलमान नहीं
नवजात शिशु मिलने की खबर पाकर तमाम ग्रामीणों मौके पर जुट गये और इसकी सूचना थाने पर दी गई। सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंचकर नवजात शिशु को सुरक्षित अपने कब्जे मे लेकर आनन-फानन में नवजात बालक को उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया, जहां उसे प्राथमिक उपचार दिया गया चिकित्सकों ने बच्चे को स्वस्थ बताया है।
अनुमान लगाया जा रहा है कि किसी निर्मोही हुई मां ने अपने जिगर के टुकड़े को लोकलाज के भय या फिर किसी और वजह से गन्ने के खेत में मरने के लिए छोड़ा होगा। फिलहाल ग्रामीणों की सजगता से नवजात बालक की जान बच गई। पुलिस बच्चे को यहां फेंकने वाले का पता लगाने का कोशिश कर रही है।